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SC कॉलेजियम ने 5 उच्च न्यायालयों के लिए नए मुख्य न्यायाधीशों की सिफारिश की

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
SC Collegium Recommends Names Of New Chief Justices For 5 High Courts Supreme Court 4 min read

भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने देश के पाँच उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के रूप में नियुक्ति के लिए केंद्र सरकार को पाँच न्यायाधीशों के नामों की सिफारिश की है।

  • सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा अनुशंसित नामों के माध्यम से इलाहाबाद , राजस्थान, गुवाहाटी ,झारखंड और पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति की जाएगी। 

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा अनुशंसित नाम:

  • राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में न्यायमूर्ति मनिन्द्र मोहन श्रीवास्तव के नाम की सिफारिश की गई है।
  • इलाहाबाद हाईकोर्ट के लिए न्यायमूर्ति अरुण भंसाली  के नाम की सिफारिश की गई है।
  • गुवाहाटी हाईकोर्ट के लिए न्यायमूर्ति विजय बिश्नोई के नाम की सिफारिश की गई है।
  • झारखंड हाईकोर्ट के लिए न्यायमूर्ति बीआर सारंगी के नाम की सिफारिश की गई है।
  • पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के लिए न्यायमूर्ति शील नागू के नाम की अनुशंसा की गई है।

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम:

  • यह उच्च न्यायालय तथा उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति एवं स्थानांतरण करने वाली संस्था है।
  • यह ना तो संवैधानिक संस्था है और ना ही वैधानिक, बल्कि इसकी स्थापना उच्चतम न्यायालय के निर्णयों के माध्यम से हुयी है।
  • सर्वोच्च न्यायालय के कॉलेजियम की अध्यक्षता सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश द्वारा की जाती है, इसमें सर्वोच्च न्यायालय के चार अन्य वरिष्ठतम न्यायाधीश भी शामिल होते हैं। 

कॉलेजियम प्रणाली का विकास:

प्रथम न्यायाधीश मामला (1981)- 

  • इस निर्णय में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जजों की नियुक्ति के लिये सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश द्वारा की गयी अनुशंसा को राष्ट्रपति ठोष कारणों के आधार पर अस्वीकार कर सकता है। 

दूसरा न्यायाधीश मामला (1993)-

  • इस मामले के निर्णय में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जजों की नियुक्ति के लिये मुख्य न्यायाधीश द्वारा की गयी अनुशंसा पर कार्यपालिका अपनी आपत्ति दर्ज करा सकती है। 
  • कार्यपालिका की आपत्ति के बाद, मुख्य न्यायाधीश कार्यपालिका की आपत्ति को स्वीकार करे या अस्वीकार दोनों ही परिस्थितियों में उसका निर्णय कार्यपालिका पर बाध्यकारी होगा। 
  • इस निर्णय में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि यह अनुशंसा मुख्य न्यायाधीश की व्यक्तिगत राय से नहीं होगी, बल्कि सर्वोच्च न्यायालय के दो वरिष्ठतम न्यायाधीशों से परामर्श लेने के बाद भेजी जानी चाहिये।

तीसरा न्यायाधीश मामला (1998)-

  • इस निर्णय में कहा गया की सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को जजों की नियुक्ति और स्थानांतरण के मामले में अनुसंशा करने से पहले उच्चतम न्यायालय के 4 अन्य  वरिष्ठतम जजों से परामर्श करना होगा। 

कॉलेजियम प्रणाली की आलोचना:

  • कॉलेजियम द्वारा की गयी नियुक्तियों में स्पष्टता एवं पारदर्शिता की कमी होती है।
  • भाई-भतीजावाद या व्यक्तिगत पहचान के आधार पर नियुक्ति की संभावना है।
  • कॉलेजियम कब और कैसे नियुक्ति प्रक्रिया तय करता है, कैसे निर्णय लेता है , इन सबके बारे में कोई सार्वजनिक जानकारी उपलब्ध नहीं है।
  • कॉलेजियम की प्रक्रिया कब तक पूरी होगी , इसकी भी कोई तय समय सीमा नहीं है।

FAQ

Ans. पाँच उच्च न्यायालयों(राजस्थान, गुवाहाटी, झारखंड, इलाहाबाद, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय)

Ans. न्यायमूर्ति अरुण भंसाली

Ans. यह उच्च न्यायालय तथा उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति एवं स्थानांतरण करने वाली संस्था है।

Ans. सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश द्वारा

Ans. डीवाई चंद्रचूड़
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