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एसबीआई 8 लाख करोड़ रुपये का बाजार पूंजीकरण पार करने वाली 7वीं कंपनी बन गई

Utkarsh Classes Last Updated 04-06-2024
SBI becomes 7th company to cross Rs 8 lakh crore market capitalisation Banking and Finance 5 min read

भारत का सबसे बड़ा वाणिज्यिक बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), बाजार पूंजीकरण में आठ लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने वाली भारत की सातवीं सूचीबद्ध कंपनी बन गई है। भारतीय स्टेट बैंक के शेयर 3 जून 2024 को बीएसई पर 899.55 रुपये की नई ऊंचाई पर पहुंच गई  जिसके कारण कंपनी का बाजार पूंजीकरण आठ लाख करोड़ रुपये को पार गया। 

इस उपलब्धि को हासिल करने में एसबीआई, रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, एचडीएफसी बैंक, भारती एयरटेल, इंफोसिस और आईसीआईसीआई बैंक की श्रेणी में शामिल हो गया है।

भारतीय बैंकों में, एसबीआई की शाखाओं और एटीएम की संख्या सबसे अधिक है। भारतीय बैंकों, में एसबीआई की  विदेशी शाखाओं और कार्यालयों की संख्या भी सबसे अधिक है।

बाज़ार पूंजीकरण क्या है?

बाजार पूंजीकरण, या एम-कैप, किसी सूचीबद्ध कंपनी के फ्री-फ्लोटिंग इक्विटी शेयरों की कुल संख्या को प्रत्येक शेयर के मौजूदा औसत बाजार मूल्य से गुणा करने को संदर्भित करता है।

किसी कंपनी के फ्री-फ्लोटिंग शेयर का मतलब किसी सूचीबद्ध कंपनी के उन  इक्विटी शेयर से है जो जनता के पास होता है और उन स्टॉक एक्सचेंज जहां कंपनी सूचीबद्ध है, वहां स्वतंत्र रूप से कारोबार उसको खरीदा और बेचा जा सकता है।

सूचीबद्ध कंपनी वह कंपनी होती है जो किसी मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होती है।

भारत में बाजार पूंजीकरण के प्रकार 

जो कंपनियां किसी मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होती हैं, उन्हें बाजार पूंजीकरण के आधार पर लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप में वर्गीकृत किया जाता है। 

लार्ज कैप: 20,000 करोड़ रुपये या उससे अधिक के बाजार पूंजीकरण वाली सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध कंपनियों को लार्ज-कैप कंपनियां कहा जाता है।

मिड-कैप: सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध कंपनियां जिनका बाजार पूंजीकरण 20,000 करोड़ रुपये से कम और 5000 करोड़ रुपये तक है।

स्मॉल कैप: 5,000 करोड़ रुपये से कम बाजार पूंजीकरण वाली सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध कंपनियां।

भारतीय स्टेट बैंक के बारे में 

भारतीय स्टेट बैंक की उत्पत्ति ,बैंक ऑफ कलकत्ता की स्थापना से माना जाता है, जिसे 1896 में कलकत्ता (अब कोलकाता) में स्थापित किया गया था। बाद में 1806 में बैंक का नाम बदलकर बैंक ऑफ बंगाल कर दिया गया।

1840 में, बैंक ऑफ बॉम्बे की स्थापना हुई, और 1843 में बैंक ऑफ मद्रास की स्थापना हुई।

 बाद में तीनों प्रेसीडेंसी बैंकों का विलय कर दिया गया, और 1921 में इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया का गठन किया गया। 

भारत सरकार द्वारा गठित अखिल भारतीय ग्रामीण ऋण सर्वेक्षण समिति (गोरवाला समिति) 1951 की सिफारिश पर, भारत सरकार ने भारतीय स्टेट बैंक अधिनियम 1955 लागू करके इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया का राष्ट्रीयकरण कर दिया। 

एसबीआई अधिनियम 1955 ने बैंक का नाम इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया से बदलकर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया कर दिया।

इस अधिनियम ने बैंक के स्वामित्व को विदेशियों से भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) को हस्तांतरित कर दिया। 

बैंकिंग क्षेत्र सुधार पर 1988 की नरसिम्हम समिति की सिफारिश पर, आरबीआई ने 2007 में एसबीआई ने अपना पूरा 59.7% हिस्सा भारत सरकार को हस्तांतरित कर दिया।

वर्तमान में, भारत सरकार के पास एसबीआई  की 57.6% हिस्सेदारी है।

मुख्यालय: मुंबई, महाराष्ट्र 

अध्यक्ष: दिनेश कुमार खारा 

टैगलाइन: शुद्ध बैंकिंग और कुछ नहीं

FAQ

उत्तर: भारतीय स्टेट बैंक।

उत्तर: रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, एचडीएफसी बैंक, भारती एयरटेल, इंफोसिस, आईसीआईसीआई बैंक और एसबीआई।

उत्तर: 1955

उत्तर: 2007 में इसने अपनी पूरी 59.7 प्रतिशत हिस्सेदारी भारत सरकार को हस्तांतरित कर दी।
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