संधायक (यार्ड 3025), गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई), कोलकाता में बनाए जा रहे चार सर्वेक्षण पोत (वृहद) (एसवीएल) में से प्रथम को 04 दिसंबर 2023 को भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया।
संधायक के निर्माण में अधिकतम स्वदेशी सामग्री का उपयोग:
- निर्माण की दृष्टि से संध्याक में 80 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री का उपयोग हुआ है। संधायक की सुपुर्दगी भारत सरकार और भारतीय नौसेना द्वारा 'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में किए जा रहे कार्यों की पुष्टि है।
संधायक के निर्माण से भारतीय नौसेना की बढ़ेगी रणनीतिक क्षमता:
- संधायक का निर्माण, कोविड-19 और अन्य भू-राजनीतिक चुनौतियों के बावजूद, इस को भारतीय नौसेना में शामिल किया जाना, हिंद महासागरीय क्षेत्र में राष्ट्र की समुद्री ताकत बढ़ाने की दिशा में बड़ी संख्या में हितधारकों, एमएसएमई और भारतीय उद्योग के सहयोगपूर्ण प्रयासों का परिणाम है।
एसवीएल के निर्माण हेतु जीआरएसई, कोलकाता के साथ अनुबंध:
- इन चार सर्वेक्षण पोतों (वृहद) (एसवीएल) के डिजाइन और निर्माण के लिए 30 अक्टूबर 2018 को जीआरएसई, कोलकाता के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर किये गये।
- एसवीएल पोतों को इंडियन रजिस्टर ऑफ शिपिंग क्लासिफिकेशन सोसाइटी के नियमों के अनुसार मेसर्स गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई), कोलकाता द्वारा डिजाइन और निर्मित किया गया है।
सर्वेक्षण पोतों (वृहद) की भूमिका:
- इस पोत की प्राथमिक भूमिका बंदरगाह तक पहुंचने वाले मार्गों का सम्पूर्ण तटीय और डीप-वॉटर हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण करना और नौवहन चैनलों/मार्गों का निर्धारण करना होगा।
- सर्वेक्षण पोतों (वृहद) के परिचालन क्षेत्र में ईईजेड/एक्सटेंडेड कॉन्टिनेंटल शेल्फ तक की समुद्री सीमाएं शामिल हैं। ये पोत रक्षा और नागरिक अनुप्रयोगों के लिए समुद्र विज्ञान और भूभौतिकीय डेटा भी एकत्र करेंगे।
- अपनी द्वितीयक भूमिका में, ये पोत सीमित सुरक्षा प्रदान करेंगे और युद्ध/आपातकालीन स्थिति के दौरान अस्पताल के रूप में कार्य करेंगे।
संधायक सर्वेक्षण पोत (वृहद) की विशेषता:
- संधायक की विस्थापन क्षमता लगभग 3400 टन है। इसकी कुल लंबाई 110 मीटर है।
- संधायक अत्याधुनिक हाइड्रोग्राफिक उपकरणों जैसे डेटा अधिग्रहण और प्रसंस्करण प्रणाली, स्वायत्त अंडरवाटर वाहन, रिमोट चालित वाहन, डीजीपीएस लॉन्ग रेंज पोजिशनिंग सिस्टम, डिजिटल साइड स्कैन सोनार से युक्त है।
- दो डीजल इंजनों द्वारा संचालित यह पोत 18 समुद्री मील से अधिक की गति प्राप्त करने में सक्षम है।