भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई ) के गवर्नर शक्तिकांत दास के नेतृत्व वाली आरबीआई मौद्रिक नीति समिति ने लगातार सातवीं बार प्रमुख रेपो दर को 6.5% पर अपरिवर्तित रखा है। 5 अप्रैल 2024 को इसकी घोषणा करते हुए, आरबीआई गवर्नर ने कहा कि वित्त वर्ष 2025 (2024-25) में भारतीय अर्थव्यवस्था 7% की दर से बढ़ेगी और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति 4.5% होने की उम्मीद है। गवर्नर ने कहा कि भारत में मुद्रास्फीति लगभग नियंत्रण में है और आरबीआई विकास को आगे बढ़ाने के लिए अनुकूल रणनीति अपनाएगा।
वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी)की बैठक 3, 4 और 5 अप्रैल, 2024 को आयोजित की गई थी। एमपीसी की अगली बैठक 5 से 7 जून, 2024 के लिए निर्धारित है।
नीति दरें
नीति रेपो दर
प्रत्यावर्तनीय रेपो दर
स्थायी जमा सुविधा (एसडीएफ)
सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ)
बैंक दर
आरक्षित अनुपात
नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर)
वैधानिक तरलता अनुपात (एसएलआर)
दरें और अनुपात एक नज़र में-
नीति रेपो दर |
6.5% |
प्रत्यावर्तनीय रेपो दर |
3.35 % |
स्थायी जमा सुविधा (एसडीएफ) |
6.25% |
सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) |
6.75% |
बैंक दर |
6.75% |
नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) |
4.50% |
वैधानिक तरलता अनुपात (एसएलआर) |
18% |
हाल ही में जारी आकड़ें में आरबीआई ने संभावना व्यक्त की है कि 2024-25 के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर 7% होगी।
2024-25 के लिए तिमाहीवार अपेक्षित विकास दर
पहली तिमाही (अप्रैल से जून 2024) 7.1 प्रतिशत ;
दूसरी तिमाही (जुलाई से सितंबर 2024) 6.9 प्रतिशत;
तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर 2024) 7.0 प्रतिशत ;
चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च 2025) 7.0 प्रतिशत;
आरबीआई गवर्नर ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कुछ अन्य उपायों की भी घोषणा की।
सॉवरेन ग्रीन बांड केंद्र सरकार द्वारा जारी सरकारी प्रतिभूतियां हैं जो सरकार की ओर से आरबीआई द्वारा जारी की जाती हैं। बांड के माध्यम से जुटाए गए धन का उपयोग हरित परियोजनाओं (जो कम या गैर-प्रदूषणकारी हैं) को वित्तपोषित करने के लिए किया जाता है। इस राशि का उपयोग सिर्फ सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के हरित परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए किया जाता है। पहला बांड जनवरी 2023 में जारी किया गया था।
आरबीआई जल्द ही खुदरा निवेशकों के लिए रिटेल डायरेक्ट पोर्टल तक पहुंच के लिए एक मोबाइल ऐप लॉन्च करेगा। 2021 में, आरबीआई ने व्यक्तिगत निवेशकों को सरकारी प्रतिभूति बाजार (प्राथमिक और द्वितीयक दोनों) में निवेश करने की अनुमति दी थी ।
हालाँकि, निवेशकों को पहले आरबीआई के साथ एक गिल्ट सिक्योरिटीज खाता, अर्थात् रिटेल डायरेक्ट गिल्ट (आरडीजी) खाता खोलना होगा।
परीक्षा में महत्वपूर्ण फुल फॉर्म
आरबीआई /RBI : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया
सीआरआर/CRR : कैश रिज़र्व रेसियो (Cash Reserve Ratio)
एसएलआर/SLR : स्टेटच्युरी लिक्विडिटी रेसियो (Statutory Liquidity Ratio)
एमएसएफ/MSF : मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (Marginal Standing Facility)
एसडीएफ/SDF : स्टैंडिंग डिपाजिट फैसिलिटी (Standing Deposit Facility)
एमपीसी/MPC : मोनेटरी पालिसी कमेटी (Monetary Policy Committee)
एनडीटीएल/NDTL:नेट टाइम और डिमांड डिपॉजिट लायबिलिटीज(Net Time and Demand Deposit Liabilities)