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आरबीआई ने आईओबी और महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड पर जुर्माना लगाया

Utkarsh Classes Last Updated 26-04-2025
RBI fines IOB and Mahindra & Mahindra Financial Services Limited Banking and Finance 5 min read

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) और गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी (एनबीएफ़सी), महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड परआरबीआई के निर्देशों का पालन न करने पर मौद्रिक जुर्माना लगाया है।

 26 अप्रैल 2025 को जारी निर्देश में, आरबीआई  ने इंडियन ओवरसीज बैंक पर 63.60 लाख रुपये (63 लाख साठ हजार रुपये) और महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड पर 71.30 लाख रुपये (इकहत्तर लाख तीस हजार रुपये) का जुर्माना लगाया। 

बैंकों और एनबीएफ़सी के नियामक के रूप में,आरबीआई नियमित रूप से बैंकों और एनबीएफ़सी के खातों का अंकेक्षण करता है। हाल ही में एक अंकेक्षण में,आरबीआई ने पाया कि आईओबी और महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड ने आरबीआई  के कुछ निर्देशों का पालन नहीं किया।

आईओबी पर जुर्माने का कारण

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, आईओबी पर कृषि क्षेत्र और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को दिये गए ऋण पर आरबीआई के निर्देशों का पालन न करने के लिए 63.60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया।

बैंक का गैर-अनुपालन निम्नलिखित मामलों में था;

  • कुछ मामलों में 1.60 लाख रुपये तक के कृषि ऋण के लिए कर्जदारों से जमानत लिया गया  , और
  • कुछ सूक्ष्म और लघु उद्यम उधारकर्ताओं को प्रदान किए गए 10 लाख रुपये तक के ऋण के लिए कर्जदारों से जमानत लिया ।

कृषि और एमएसएमई में बिना जमानत के ऋण

  • भारत में 2 लाख रुपये तक का कृषि ऋण के लिए बैंक किसान से जमानत नहीं ले सकते हैं।
  • पहले यह सीमा 1.60 लाख रुपये प्रति ऋण थी, लेकिन 1 जनवरी 2025 से इसकी सीमा बढ़ाकर 2 लाख रुपये प्रति ऋण कर दी गई है।

एमएसएमई

  • एमएसएमई क्षेत्र में 10 लाख रुपये तक के ऋण के लिए बैंक कर्ज़ लेने वाले से जमानत नहीं ले सकते हैं।

महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड पर जुर्माना लगाने का कारण

आरबीआई ने महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड को निम्नलिखित मामलों में दोषी पाया:

  • कंपनी द्वारा कुछ ऋण आवेदन फॉर्म में प्रोसेसिंग फीस और अन्य शुल्कों का खुलासा न करना,
  • कंपनी द्वारा उधारकर्ताओं को ऋण समझौतों और ऋण विवरण की प्रतियां प्रदान करने में विफल रहना,
  • कंपनी ने वाहनों की बिक्री/नीलामी से पहले ऋण चुकाने के लिए कुछ उधारकर्ताओं को अंतिम मौका नहीं दिया,
  • कंपनी ने प्रत्येक ग्राहक के लिए एक विशिष्ट ग्राहक पहचान कोड (यूसीआईसी) के बजाय कुछ ग्राहकों को कई ग्राहक पहचान कोड जारी किए।

इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) के बारे में

आईओबी  की स्थापना एक उद्यमी चिदंबरम चेट्टियार द्वारा एक निजी बैंक के रूप में की गई थी।

बैंक ने अपना बैंकिंग परिचालन चेन्नई और बर्मा के रंगून (अब यांगून) में एक साथ खोली गई शाखाओं के साथ शुरू किया।

बैंक का राष्ट्रीयकरण 1969 में किया गया था।

इसकी सिंगापुर, हांगकांग, थाईलैंड और श्रीलंका में विदेशी शाखाएँ और कार्यालय हैं।

टैगलाइन: आपकी प्रगति का सच्चा साथी

मुख्यालय: चेन्नई

प्रबंध निदेशक और सीईओ: अजय कुमार श्रीवास्तव

महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के बारे में

कंपनी महिंद्रा समूह का हिस्सा है और इसकी स्थापना 1991 में हुई थी।

यह भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा विनियमित एक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी है।

यह वाहन ऋण, एसएमई वित्त, व्यक्तिगत ऋण आदि प्रदान करती है

मुख्यालय: मुंबई

प्रबंध निदेशक और सीईओ: राउल रेबेलो

FAQ

उत्तर: 63.60 लाख रुपये (साठ लाख साठ हजार रुपये)

उत्तर: 71.30 लाख रुपये (इकहत्तर लाख तीस हजार रुपये)

उत्तर: 2 लाख रुपये तक के ऋण।

उत्तर: 10 लाख रुपये तक के ऋण

उत्तर: आपकी प्रगति का सच्चा साथी
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