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केंद्रीय बजट 2024-25 में भारतीय रेलवे के लिए प्रावधान

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
Provision for Indian Railways in the Union Budget 2024-25 Union Budget 10 min read

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई 2024 को अपना लगातार सातवां बजट पेश किया। लगातार तीसरी बार सत्ता में लौटने के बाद यह नरेंद्र मोदी सरकार का पहला बजट था। रेलवे के लिए आवंटित अधिकांश बजट राशि रेलवे सुरक्षा बढ़ाने के लिए रखा गया है।

रेल बजट को केंद्रीय बजट के हिस्से के रूप में प्रस्तुत किया गया

  • 2017-18 के बाद से भारत सरकार द्वारा कोई अलग रेल बजट पेश नहीं किया गया है। भारतीय रेलवे के लिए आवंटन अब आम केंद्रीय बजट का हिस्सा होता है।
  • 1924 में एक्वर्थ समिति की सिफ़ारिश पर रेलवे बजट को केंद्र सरकार के आम बजट से अलग कर दिया गया था । 
  • 2017-18 में रेलवे बजट को केंद्रीय आम बजट में मिला दिया गया था और उस समय केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली थे।  
  • स्वतंत्र भारत का पहला रेल बजट 20 नवंबर 1947 को जॉन मथाई द्वारा  पेश किया था।
  • बाबू जगजीवन राम के नाम सात बार रेल बजट पेश करने का रिकॉर्ड है।

2024-25 बजट में रेलवे को लेकर प्रावधान 

आवंटन 

वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए कुल आवंटन 2,52,000 करोड़ रुपये है जबकि  2023-24 में  यह राशि 2,40,200 करोड़ थी । पिछले साल की तुलना में इसमे  लगभग 5% की वृद्धि है।

आम चुनाव 2024 से ठीक पहले निर्मला सीतारमण द्वारा पेश अंतरिम बजट 2024-25 के बाद से रेलवे के लिए बजटीय आवंटन राशि में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है।

रेलवे सुरक्षा 

कुल आवंटन में से 1.08 लाख करोड़ रुपये  रेलवे सुरक्षा पर खर्च  किया जाएगा । इस पैसे का उपयोग पुराने रेलवे ट्रैक को उन्नत करने, भारतीय रेलवे की सिग्नलिंग प्रणाली में सुधार करने, फ्लाईओवर और अंडरपास बनाने और भारतीय रेलवे नेटवर्क पर कवच प्रणाली स्थापित करने के लिए किया जाएगा।

कवच सुरक्षा प्रणाली को स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है। कवच प्रणाली में ट्रेनों के ब्रेक को नियंत्रित करने और ड्राइवरों को सचेत करने के लिए ट्रेन के इंजन, सिग्नलिंग सिस्टम और रेल पटरियों में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लगाए जाते हैं। यदि ट्रेन निर्धारित गति सीमा से अधिक तेज़ चलती है और ड्राइवर हस्तक्षेप करने में विफल रहता है तो सिस्टम स्वचालित रूप से ट्रेन के ब्रेकिंग तंत्र को सक्रिय कर देता है और ट्रेन को रोक देता है।

रेलवे पटरियों  के संबंध में प्रावधान 

  • 2024-25 में पटरियों  के नवीनीकरण के लिए आवंटन- 17,651.98 करोड़ रुपये,
  • गेज परिवर्तन हेतु आवंटन -4,719.50 करोड़,
  • एकल पटरी को दोहरी लाइन पटरी में बदलने लिए आवंटन- 29,312.19 करोड़ रुपये।
  • नई रेलवे लाइन बनाने के लिए आवंटन- 34,602.75 करोड़ रुपये। रेलवे का लक्ष्य 2,000 किमी नई पटरियां बिछाने का है।

भारतीय रेलवे ने पिछले एक दशक में 31,180 किलोमीटर पटरियाँ चालू किया है। 2013-14 में प्रतिदिन 4 किलोमीटर ट्रैक बिछाया जाता था, जो अब 2023-24 में बढ़कर 14.54 किलोमीटर प्रतिदिन हो गया है।

रेलवे का विद्युतीकरण 

2014 से 2024 तक, भारतीय रेलवे ने 41,655 रूट किलोमीटर (आरकेएम) का विद्युतीकरण किया है। 2014 तक 21,413 आरकेएम का विद्युतीकरण किया गया।

रेल मंत्रालय का लक्ष्य जुलाई 2024 तक अपने ब्रॉड गेज नेटवर्क का 100 प्रतिशत विद्युतीकरण करना है। 

रेल मार्ग के विद्युतीकरण का इतिहास

  • भारत में पहली विदूयत चालित ट्रेन 3 फरवरी 1925 को बॉम्बे वीटी (अब छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस) और मुंबई के कुर्ला हार्बर के बीच चली थी।
  • स्वतंत्रता के बाद, विद्युतीकरण किया जाने वाला पहला मार्ग 1958 में पश्चिम बंगाल में हावड़ा - बर्दवान खंड था।

रेलवे का वित्तीय प्रदर्शन

  • 2024-25 में भारतीय रेलवे के लिए परिचालन अनुपात लक्ष्य 98.22 प्रतिशत रखा गया है , जबकि 2023-24 वित्तीय वर्ष के दौरान  यह 98.65 प्रतिशत था।
  • सरल शब्दों में,  परिचालन अनुपात रेलवे द्वारा प्रत्येक 100 रुपये कमाने के लिए खर्च किए जाने वाले रुपये की संख्या है। यदि  परिचालन अनुपात 100 से कम है, तो रेलवे लाभ में है, और यदि यह 100 से ऊपर है, तो  रेलवे  घाटे में है। 
  • परिचालन अनुपात जितना कम होगा, रेलवे उतना ही अधिक कार्य कुशल होगा।
  • 2023-24 में रेलवे का कुल राजस्व 2.40 लाख करोड़ रुपये और कुल खर्च 2.26 लाख करोड़ रुपये था।
  • 2024-25 में यात्री खंड से राजस्व सृजन का लक्ष्य 80,000 करोड़ रुपये (2023-24 में 73,000 करोड़ रुपये) है।
  • 2024-25 में माल परिवहन से राजस्व सृजन का लक्ष्य 1,74,500 करोड़ रुपये है (2023-24 में यह 1,64,700 करोड़ रुपये था, जो वित्तीय वर्ष के लिए निर्धारित लक्ष्य से कम था)।

माल लदान का लक्ष्य

भारतीय रेलवे मालगाड़ी सेवाओं से लाभ कमाता है, जबकि यात्री सेवा घाटे में है।  

2023-24 में रेलवे ने 1588 मीट्रिक टन माल लदान हासिल किया। 

भारतीय रेलवे ने 2030 तक 3000 मीट्रिक टन माल लदान का लक्ष्य रखा है।

उम्मीद है की डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (समर्पित माल गलियारे ) रेलवे को इस माल लदान लक्ष्य को हासिल करने में मदद करेगा।

समर्पित माल गलियारे  

2024-25 के लिए डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (डीएफ़सीसी) को आवंटन: 8,155 करोड़ रुपये (पिछले साल, यह 27,482 करोड़ रुपये था)।

इस धनराशि का उपयोग मुख्य रूप से पश्चिमी समर्पित माल गलियारे के निर्माण को पूरा करने के लिए किया जाएगा।

रेलवे बजट 2005-06 में समर्पित माल गलियारे परियोजना की घोषणा की गई थी । इसमें मालगाड़ियों के लिए एक अलग रेलवे पटरी बनाने का प्रस्ताव रखा गया, जिस पर सिर्फ मालगाड़ियाँ 75 किमी प्रति घंटे से अधिक की औसत गति से चल सकें। 

रेल मंत्रालय ने परियोजना को लागू करने के लिए 2006 में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (डीएफ़सीसीआईएल ) की स्थापना की।

समर्पित माल गलियारे के दो घटक हैं: पूर्वी और पश्चिमी।

 पूर्वी समर्पित माल गलियारा  - 

  • कुल लंबाई 1856 किमी। 
  • यह दनकुनी (पश्चिम बंगाल) को पंजाब के लुधियाना (ढंडारीकलां) से जोड़ती है।
  • यह छह राज्यों पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब -को जोड़ती है ।
  • भारतीय रेलवे के मुताबिक, यह गलियारा चालू हो गया है।

पश्चिमी  समर्पित माल गलियारा

  • यह 1506 किमी लंबा है। 
  • यह दादरी (उत्तर प्रदेश) को जेएनपीटी बंदरगाह मुंबई (महाराष्ट्र) से जोड़ती है। 
  • यह पांच राज्यों महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से होकर गुजरती है।
  • यह लगभग 93.2 प्रतिशत पूरा हो चुका है और 2024-25 में इसके पूरी तरह चालू होने की उम्मीद है।

जापान और विश्व बैंक भारत में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर परियोजना का एक प्रमुख वित्तपोषक है।

नया समर्पित माल गलियारा 

2010-11 के रेलवे बजट में, सरकार ने तीन और समर्पित माल गलियारों की घोषणा की हैं जो हैं ;

  • पूर्व-पश्चिम गलियारा (पालघर-भुसावल-दानकुनी लगभग 2106 किमी और राजखरसावां-अंडाल 200 किमी) 
  • उत्तर-दक्षिण गलियारा (इटारासी-विजयवाड़ा) लगभग 931 कि.मी
  • पूर्वी तट गलियारा (खड़गपुर-विजयवाड़ा) 1078

2,500 यात्री कोच 

रेल मंत्रालय ने 2024-25 में 2,500 नए यात्री कोचों के निर्माण की घोषणा की है ।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 10,000 से अधिक 2,500 नए यात्री कोचों के निर्माण की घोषणा की।

भारतीय रेलवे अपने यात्री डिब्बों का निर्माण तीन कारखानो में करती है जो हैं :

  • इंटीग्रल कोच फैक्ट्री, चेन्नई, तमिलनाडु। इसकी स्थापना 1955 में की गई थी।
  • रेल कोच फैक्ट्री- कर्पुतला, पंजाब। इसका उत्पादन 1987 में शुरू हुआ।
  • मॉडर्न कोच फैक्ट्री- लालगंज, उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में। इसका उत्पादन 2014 में शुरू हुआ था।

FAQ

उत्तर: 1924 में एक्वर्थ समिति की सिफ़ारिश पर।

उत्तर: 2017-18 में और उस समय अरुण जेटली वित्त मंत्री थे

उत्तर: बाबू जगजीवन राम ने रिकॉर्ड सात बार रेल बजट पेश किया।

उत्तर: 2,52,000 करोड़ रुपये

उत्तर: 1.08 लाख करोड़ रुपये

उत्तर: 2023-24 में 14.54 किलोमीटर प्रतिदिन।

उत्तर: 98.65 प्रतिशत. 2024-25 का लक्ष्य 98.22 फीसदी है.

उत्तर: 3,000 मीट्रिक टन।
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