राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 28 जुलाई 2024 को नौ राज्यों के राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल की नियुक्ति की है। राष्ट्रपति कार्यालय द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में, राष्ट्रपति ने पंजाब के राज्यपाल और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासक के रूप में बनवारीलाल पुरोहित का इस्तीफा भी स्वीकार कर लिया है।
नवनियुक्त राज्यपाल
- जिष्णु देव वर्मा- तेलंगाना के राज्यपाल।
- ओम प्रकाश माथुर- सिक्किम के राज्यपाल।
- संतोष कुमार गंगवार- झारखंड के राज्यपाल।
- रामेन डेका- छत्तीसगढ़ के राज्यपाल।
- सी एच विजयशंकर- मेघालय के राज्यपाल।
- हरिभाऊ किसनराव बागड़े- राजस्थान के राज्यपाल।
- सी.पी. राधाकृष्णन- महाराष्ट्र के राज्यपाल (वह पहले तेलंगाना के अतिरिक्त प्रभार के साथ झारखंड के राज्यपाल थे)।
- गुलाब चंद कटारिया - पंजाब के राज्यपाल। उन्हें केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ का प्रशासक भी नियुक्त किया गया है (वह पहले असम के राज्यपाल थे)।
- लक्ष्मण प्रसाद आचार्य- असम के राज्यपाल और उन्हें मणिपुर के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया है (वह पहले सिक्किम के राज्यपाल थे)।
- के. कैलाशनाथन- पुडुचेरी के उपराज्यपाल
राज्य के राज्यपालों के बारे में
संविधान का अनुच्छेद 153 भारत के प्रत्येक राज्य के लिए एक राज्य राज्यपाल का प्रावधान करता है। राज्य का राज्यपाल राज्य कार्यकारिणी का प्रमुख होता है।
राज्यपालों की नियुक्ति प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली केंद्रीय मंत्रिपरिषद की सलाह पर भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
राष्ट्रपति द्वारा राज्यपाल का एक राज्य से दूसरे राज्य में स्थानांतरण किया जा सकता है।
योग्यता
- भारत में किसी राज्य का राज्यपाल नियुक होने के लिए निन्म्लिखित योग्यता होनी चाहिए :
- भारत का नागरिक होना चाहिए और उसकी आयु कम से कम 35 वर्ष होनी चाहिए।
- कोई लाभ के पद पर आसीन ना हो ।
- संसद या राज्य विधानमंडल का सदस्य ना हो।
(संसद या राज्य विधानमंडल का सदस्य राज्यपाल बन सकता है, लेकिन राज्यपाल के रूप में शपथ लेने से पहले उसे संसद या राज्य विधानमंडल से इस्तीफा देना पड़ता है।)
कोई व्यक्ति कितनी बार किसी राज्य का राज्यपाल बन सकता है, इस पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
राज्यपाल का कार्यकाल
- राज्यपाल का सामान्य कार्यकाल पाँच वर्ष का होता है, लेकिन राज्यपाल राष्ट्रपति के प्रसादपर्यंत पद धारण करता है।
- इसका मतलब है कि राष्ट्रपति उसे किसी भी समय पद से हटा सकते हैं ।
- राज्यपाल ,राष्ट्रपति को लिखित में अपना इस्तीफा सौंपकर, पद त्याग कर सकता है।
वेतन और परिलब्धियाँ
- संसद,राज्यपाल की परिलब्धियाँ, भत्ते और विशेषाधिकार निर्धारित करती है और उनके कार्यकाल के दौरान इन्हें कम नहीं किया जा सकता है।
- राज्यपाल का वर्तमान वेतन 3.5 लाख रुपये प्रति माह है और यह संविधान की दूसरी अनुसूची में उल्लिखित है। वेतन का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाता है।
- यदि कोई व्यक्ति एक से अधिक राज्यों का राज्यपाल है तो उसका वेतन राष्ट्रपति द्वारा तय किये गये फार्मूले के अनुसार राज्यों के बीच बांटा जाता है।
- राज्यपाल को किराया-मुक्त आधिकारिक आवास मिलता है।
- राज्यपाल किसी भी पेंशन का हकदार नहीं है।