भारत सरकार के एमएसएमई-विकास कार्यालय, करनाल ने पीएम विश्वकर्मा योजना के बारे में एक जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया। इसका अयोजन 27 दिसंबर, 2023 को जीवीएम गर्ल्स कॉलेज, मुरथल रोड, सोनीपत में किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राई विधानसभा क्षेत्र, जिला सोनीपत के विधायक श्री मोहनलाल बड़ौली थे। कार्यक्रम में ग्राम पंचायत/शहरी स्थानीय निकाय पंजीकरण और ऑनबोर्डिंग प्रक्रिया के बारे में भी बताया गया। इस जागरूकता अभियान का उद्देश्य लोगों को पारंपरिक कारीगरों के सामान्य विकास के लिए भारत सरकार की पहलों और योजनाओं के बारे में जागरूक करना है।
पीएम विश्वकर्मा योजना
- प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर, 2023 को विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर पीएम विश्वकर्मा योजना की शुरुआत की।
- सम्मान, सामर्थ्य और समृद्धि इस योजना की तीन नींव हैं।
- इसे केंद्रीय क्षेत्र की योजना के रूप में क्रियान्वित किया जाएगा, जिसका पूर्ण वित्तपोषण भारत सरकार द्वारा किया जायेगा।
- योजना का नोडल मंत्रालय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MoMSME) है।
- इस पहल के तहत, निम्नलिखित लाभ प्रदान किए जाते हैं:
- 15000/- रुपये की एक टूल किट
- 5% ब्याज के साथ बिना गारंटी के 3 लाख रुपये का ऋण
- निःशुल्क कौशल प्रशिक्षण
- 500 रुपये दैनिक भत्ता
- कार्यक्रम का उद्देश्य पारंपरिक शिल्प और क्षमताओं का अभ्यास करने वाले श्रमिकों को सरकारी सहायता प्रदान करना है।
- यह आर्थिक और सामाजिक रूप से वंचित आबादी, विशेष रूप से अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) पर केंद्रित है।
अवधि
पीएम विश्वकर्मा योजना को वित्त वर्ष 2023-24 से वित्त वर्ष 2027-28 के बीच पाँच साल की अवधि के लिए संचालित किया जाएगा।
पीएम विश्वकर्मा योजना पात्रता
- रेखांकित किये गए 18 पारंपरिक क्षेत्र के कलाकारों और शिल्पकारों को शामिल किया जाएगा।
- न्यूनतम आयु 18 वर्ष है.
- मुद्रा और पीएमस्वनिधि लाभार्थियों को छोड़कर, जिन्होंने अपना ऋण पूरी तरह से वापस कर दिया है, पिछले 5 वर्षों में ऐसी क्रेडिट-आधारित योजनाओं के तहत कोई ऋण प्राप्त नहीं किया है वे योजना के पात्र होंगे।
- परिवार का केवल एक सदस्य ही पंजीकरण करा सकता है और लाभ प्राप्त कर सकता है।
- सरकारी कर्मचारी और उनका परिवार योजना के लाभ का पात्र नहीं होगा।
कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार मंत्रालय
- इस पहल की निगरानी मुख्य रूप से तीन मंत्रालयों द्वारा की जाएगी:
- सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MoMSME)
- कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (MSDE)
- वित्त मंत्रालय (MoF)।
विश्वकर्मा कौन हैं?
- भारत के कार्यबल का एक बड़ा हिस्सा कारीगरों और शिल्पकारों से बना है। ऐसे कारीगर जो अनौपचारिक रूप से मशीन रहित हाँथ से (मैन्युअल) काम/श्रम करते हैं, विश्वकर्मा की श्रेणी में आते हैं।
- लोहार, सुनार, कुम्हार, बढ़ई और मूर्तिकार सहित विभिन्न पारंपरिक व्यवसायों में काम करने वाले लोगों को 'विश्वकर्मा' के नाम से जाना जाता है।