प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2024 को 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लगातार 11वीं बार नई दिल्ली के लाल किले की प्राचीर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया। भारत के प्रधान मंत्री के रूप में अपने तीसरे कार्यकाल में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्र के नाम यह पहला स्वतंत्रता दिवस संबोधन था।
भारत में स्वतंत्रता दिवस पर भारत के प्रधानमंत्री राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं। इसके विपरीत, भारत के राष्ट्रपति गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं।
इस वर्ष के स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय ध्वज फहराने से पहले परंपरागत रूप से गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण किया। इस वर्ष, गार्ड ऑफ ऑनर का समन्वय भारतीय नौसेना के कर्मियों द्वारा किया गया था।
प्रधानमंत्री को भारतीय सेना की 1721 फील्ड बैटरी द्वारा 21 तोपों की सलामी दी गई, जिसमें स्वदेशी रूप से विकसित 105 मिमी लाइट फील्ड गन का इस्तेमाल किया गया था।
इस समारोह को देखने के लिए युवाओं, आदिवासी समुदायों, किसानों, महिलाओं और विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों सहित समाज के विभिन्न वर्गों के लगभग 6,000 विशेष मेहमानों को आमंत्रित किया गया था।
78वें स्वतंत्रता दिवस समारोह का विषय 'विकसित भारत@2047' थी। इसका लक्ष्य 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना है।
पंडित जवाहर लाल नेहरू, 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराने वाले पहले प्रधान मंत्री थे।
पंडित जवाहर लाल नेहरू के नाम 15 अगस्त, 1947 से 27 मई, 1964 तक प्रधान मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान 17 बार राष्ट्रीय ध्वज फहराने का रिकॉर्ड है।
पंडित नेहरू के बाद इंदिरा गांधी ने रिकॉर्ड 16 बार राष्ट्रीय ध्वज फहराया है । वह 24 जनवरी, 1966 से 24 मार्च, 1977 तक और फिर 14 जनवरी, 1980 से 31 अक्टूबर, 1984 तक प्रधान मंत्री रहीं।
तीसरे स्थान पर नरेंद्र मोदी है। उन्होंने लगातार 11 बार झंडा फहराया है।
उन्होंने डॉ. मनमोहन सिंह के रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ दिया, जिन्होंने 22 मई, 2004 से 26 मई, 2014 तक लगातार 10 बार झंडा फहराया था।
मनमोहन सिंह के बाद प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम छह बार राष्ट्रीय ध्वज फहराने का रिकॉर्ड है। अटल बिहारी वाजपेयी ने 19 मार्च 1998 से 22 मई 2004 तक छह बार राष्ट्रीय ध्वज फहराया था।
छठे स्थान पर संयुक्त रूप से पी वी नरसिम्हा राव और भारत के सबसे युवा प्रधान मंत्री राजीव गांधी हैं, जिन्होंने स्वतंत्रता दिवस पर पांच बार राष्ट्रीय ध्वज फहराया था।
पीवी नरसिम्हा राव 21 जून 1991 से 16 मई 1996 तक भारत के प्रधान मंत्री थे और राजीव गांधी 31 अक्टूबर 1984 - 2 दिसंबर 1989 तक प्रधान मंत्री थे।
लाल बहादुर शास्त्री और मोरारजी देसाई संयुक्त रूप से सातवें स्थान पर हैं। दोनों ने दो-दो बार राष्ट्रीय ध्वज फहराया।
लाल बहादुर शास्त्री ने 1964 और 1965 में, जबकि मोराराजी देसाई ने 1977 और 1978 में झंडा फहराया था।
चरण सिंह (1979), विश्वनाथ प्रताप सिंह (1990), एचडी देवेगौड़ा (1996) और इंद्र कुमार गुजराल (1997) ने एक-एक बार स्वतंत्रता दिवस पर झंडा फहराया है ।
चंद्र शेखर और गुलज़ारी लाल नंदा भारत के ऐसे दो प्रधान मंत्री हैं जिन्हें कभी भी स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने का अवसर नहीं मिला। चन्द्रशेखर 10 नवंबर 1990 से 21 जून 1991 तक प्रधानमंत्री रहे।
गुलज़ारिल लाल नंदा भारत में कार्यवाहक प्रधान मंत्री के रूप में नियुक्त होने वाले एकमात्र व्यक्ति हैं। वह पंडित नेहरू की मृत्यु के बाद 27 मई, 1964 से 9 जून, 1964 तक प्रधान मंत्री रहे। 11 जनवरी, 1966 से 24 जनवरी, 1966 तक प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु के बाद वह फिर से प्रधान मंत्री बने।