प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मार्च 2024 को अहमदाबाद, गुजरात में एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से लातूर, महाराष्ट्र में स्थित मराठवाड़ा रेल कोच फैक्ट्री जो वंदे भारत ट्रेन सेट का निर्माण करेगी, राष्ट्र को समर्पित किया। प्रधानमंत्री ने साथ ही महाराष्ट्र में विभिन्न परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकमान्य तिलक टर्मिनस (मुंबई), मनमाड (नासिक), पिंपरी, सोलापुर और नागभीर (चंद्रपुर) में पांच जन औषधि केंद्रों (सस्ती और गुणवत्ता वाली जेनेरिक दवाओं की दुकान ) का भी उद्घाटन किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बडनेरा में एक वैगन मरम्मत कार्यशाला और पुणे में वंदे भारत चेयर कार रखरखाव-सह-कार्यशाला डिपो का भी उद्घाटन किया।
महाराष्ट्र के लातूर में स्तिथ मराठवाड़ा रेल कोच फैक्ट्री भारत सरकार के स्वामित्व वाली सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) की एक परियोजना है। मराठावाड़ा रेल कोच फैक्ट्री भारतीय रेलवे के लिए स्व-चालित रेल कोच बनाती है।
आरवीएनएल ने 120 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों के उत्पादन, आपूर्ति और रखरखाव के लिए रूसी ट्रांसमैशहोल्डिंग (टीएमएच) कंपनी के साथ एक संयुक्त उद्यम स्थापित किया है।
16 डिब्बों वाली वंदे भारत ट्रेन का उत्पादन लातूर की मराठवाड़ा रेल कोच फैक्ट्री में किया जाएगा। इन ट्रेनों की भारतीय रेलवे के बेड़े में 2026 और 2030 के बीच शामिल होने की संभावना है। पहले दो प्रोटोटाइप 2025 तक ट्रायल के लिए तैयार होने की उम्मीद है।
वंदे भारत ट्रेन भारत सरकार की मेक इन इंडिया पहल का हिस्सा है। इसे सरकार द्वारा वित्त पोषित किया गया है और यह देश की पहली सेमी-हाई स्पीड स्व-चालित ट्रेन है। यह एक स्व-चालित ट्रेन है क्योंकि यह बिना किसी लोकोमोटिव (इंजन) के चल सकती है। यह ट्रेन मौजूदा शताब्दी ट्रेनों की जगह लेगी।
ट्रेन को भारतीय रेलवे के रिसर्च डिज़ाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गनाइजेशन (आरडीएसओ) द्वारा डिजाइन किया गया है और इसका निर्माण पहली बार इंटीग्रल कोच फैक्ट्री, चेन्नई में किया गया था।
ट्रेन को भारत में डिज़ाइन किया गया है और ट्रेन के लगभग 50% घटक(कॉम्पोनेन्ट) भारत में निर्मित किए गए हैं।
इस ट्रेन को पहले 'ट्रेन 18' कहा जाता था। ट्रेन की अधिकतम गति 180 किमी प्रति घंटा है लेकिन इसे अधिकतम 130 किमी प्रति घंटे की गति से चलाया जाता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 15 फरवरी 2019 को दिल्ली-वाराणसी रूट पर पहली वंदे भारत ट्रेन की शुरुआत की गई थी।
भारतीय रेलवे के अनुसार, 31 जनवरी 2024 तक 82 वंदे भारत ट्रेनें परिचालित थीं। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अगस्त 2023 तक 75 वंदे भारत ट्रेनों के संचालन का लक्ष्य रखा था। हालांकि, परिचालन बाधाओं के कारण, यह समय सीमा अगस्त 2024 तक बढ़ा दी गई थी।