उत्तर प्रदेश के अयोध्या में 16 जनवरी से चले अनुष्ठान के बाद 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर में भगवान रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा हो गई। इस अवसर पर पीएम मोदी, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ सहित 6 यजमान उपस्थित रहे। पीएम मोदी ने 'प्राण प्रतिष्ठा' अनुष्ठान का नेतृत्व किया और इसे विधि-विधान से पूरा किया।
प्रधानमंत्री मोदी का अयोध्या में कार्यक्रम:
- भगवान राम की 51 इंच की नई प्रतिमा पिछले हफ्ते राम मंदिर में रखी गई थी। अभिषेक के बाद रामलला की आंखों से पर्दा हटा दिया गया।
- पीएम मोदी ने भगवान राम के बाल स्वरूप के दर्शन किए। अभिषेक के बाद पीएम ने अपना 11 दिवसीय विशेष व्रत अनुष्ठान तोड़ा।
- निर्मोही अखाड़े के स्वामी गोविंद गिरी जी महाराज ने पीएम मोदी को पानी पिलाया ।इसके बाद मोदी प्राचीन शिव मंदिर कुबेर टीला गए, जहां उन्होंने भगवान शिव का जलाभिषेक किया। इस दौरान उन्होंने मंदिर निर्माण में लगे मजदूरों से मुलाकात की और उन पर फूल बरसाए।
- बाद में यहां जटायु की प्रतिमा का अनावरण किया गया।
रामलला की मूर्ति का निर्माण:
- भगवान राम की तीन मूर्तियों का निर्माण किया गया था, जिनमें से मैसूर स्थित मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई मूर्ति को 'प्राण प्रतिष्ठा' के लिए चुना गया है। इनकी ऊंचाई 51 इंच की है।
अयोध्या राम मंदिर मुद्दे से संबंधित घटनाओं का क्रमिक विवरण इस प्रकार है:
- 1528: मुगल बादशाह बाबर के कमांडर मीर बाकी द्वारा अयोध्या के राम मंदिर को नष्ट कर उसी ढांचे पर बाबरी मस्जिद का निर्माण कराया।
- 1885: महंत रघुबीर दास ने फैजाबाद जिला अदालत में याचिका दायर कर विवादित ढांचे के बाहर एक छतरी बनाने की अनुमति मांगी। कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी।
- 1949: विवादित ढांचे के बाहर केंद्रीय गुंबद के नीचे रामलला की मूर्तियां रखी गईं।
- 1 फरवरी, 1986: स्थानीय अदालत ने सरकार को हिंदू उपासकों के लिए स्थल खोलने का आदेश दिया।
- 14 अगस्त, 1989: इलाहाबाद उच्च न्यायलय ने विवादित ढांचे के संबंध में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया।
- 6 दिसंबर, 1992: 16वीं सदी की बाबरी मस्जिद, जिसके बारे में हिंदुओं का मानना है कि भगवान राम के जन्म स्थल पर बनाई गई थी। 'कार सेवकों' ने ध्वस्त कर दिया।
- 3 अप्रैल, 1993: केंद्र द्वारा विवादित क्षेत्र में भूमि अधिग्रहण के लिए 'अयोध्या में निश्चित क्षेत्र का अधिग्रहण अधिनियम' पारित किया गया।
- अप्रैल 2002: विवादित स्थल का मालिक कौन है, यह निर्धारित करने के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सुनवाई शुरू की।
- 30 सितंबर, 2010: उच्च न्यायालय ने 2:1 के बहुमत से विवादित क्षेत्र को सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला के बीच तीन-तरफा बांटने का फैसला सुनाया।
- 9 मई, 2011: उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या भूमि विवाद पर उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगायी।
- जनवरी 2019: सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ का गठन किया।
- 6 अगस्त, 2019: सुप्रीम कोर्ट ने भूमि विवाद पर रोजाना सुनवाई शुरू की
- 16 अक्टूबर, 2019: सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई पूरी की; आदेश सुरक्षित रखता है।
- 9 नवंबर, 2019: एक ऐतिहासिक फैसले में, सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में पूरी 2.77 एकड़ विवादित जमीन रामलला को दे दी। जमीन का कब्जा केंद्र सरकार के रिसीवर के पास रहेगा।
- शीर्ष अदालत ने केंद्र और यूपी सरकार को मस्जिद बनाने के लिए मुसलमानों को किसी प्रमुख स्थान पर 5 एकड़ जमीन आवंटित करने का भी निर्देश दिया।
- 5 फरवरी, 2020: पीएम नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट के गठन की घोषणा की।
- 5 अगस्त, 2020: पीएम मोदी ने राम मंदिर की नींव रखी।
- 22 जनवरी, 2024 को मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठापन किया गया।