रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंस, स्टॉकहोम, स्वीडन ने भौतिकी में 2024 के नोबेल पुरस्कार के लिए जॉन जे. होपफील्ड और जेफ्री ई. हिंटन को चुना है। अमेरिकी नागरिक जॉन हॉपफील्ड और ब्रिटिश-कनाडाई नागरिक जेफ्री हिंटन को कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के विकास में उनके अग्रणी कार्य के लिए चुना गया था। उन्हें उनकी खोजों और आविष्कारों के लिए सम्मानित किया गया है जो कृत्रिम तंत्रिका नेटवर्क के साथ मशीन लर्निंग को सक्षम बनाते हैं।
दोनों विजेता, 11 मिलियन स्वीडिश क्रोनर की पुरस्कार राशि साझा करेंगे और उन्हें 10 दिसंबर 2024 को स्टॉकहोम में आयोजित एक समारोह में पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।10 दिसंबर 2024,नोबेल पुरस्कार के संस्थापक अल्फ्रेड नोबल की पुण्य तिथि है ।
जॉन हॉपफ़ील्ड को एक ऐसे नेटवर्क के आविष्कार के लिए सम्मानित किया गया जो पैटर्न को सहेजने और पुनः बनाने के लिए एक विशिष्ट विधि का उपयोग करता है। जेफ्री हिंटन, जिन्हें कृत्रिम बुद्धिमत्ता के गॉडफादर के रूप में भी जाना जाता है, ने हॉपफील्ड नेटवर्क का उपयोग करके एक नए प्रकार का नेटवर्क विकसित किया, जिसने मशीन लर्निंग में क्रांति ला दी है ।
मशीन लर्निंग कंप्यूटर विज्ञान की एक शाखा है जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता को मनुष्यों के तरीके की नकल कर अपनी सटीकता में लगातार सुधार करने में सक्षम बनाने के लिए डेटा और एल्गोरिदम का उपयोग करती है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक ऐसी तकनीक है जो कंप्यूटर और मशीनों को मानव से सीखने, समझने, समस्या सुलझाने, निर्णय लेने, रचनात्मकता और स्वायत्तता का अनुकरण करने में सक्षम बनाती है।
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