तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने नागरकुरनूल जिले के माचाराम गांव में राज्य सरकार की इंदिरा सौरा गिरी जला विकासम योजना की शुरुआत की। इस योजना का उद्देश्य आदिवासी किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त सौर बिजली पंप प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाना और आत्मनिर्भर बनाना है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 12-सूत्रीय 'नल्लामाला घोषणापत्र' भी जारी किया, जिसमें वन क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासी समुदायों के लिए राज्य सरकार की विकासात्मक पहल शामिल हैं।
माचाराम गांव में पायलट प्रोजेक्ट
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने माचाराम गांव में इंदियारा सौरा गिरी जला विकासम योजना का पायलट प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया।
- इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत 45 एकड़ भूमि पर यह योजना लागू किया जाएगा जिससे 45 उन आदिवासी परिवारों को लाभ मिलेगा, जिन्हें पिछली के. चंद्रशेखर राव सरकार के दौरान सताया गया था।
- सरकार अगले 100 दिनों में अचंपेट विधानसभा क्षेत्र के हर आदिवासी किसान को सोलर पंप मुहैया कराएगी।
- उन्होंने राज्य के अधिकारियों से महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के माध्यम से सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने की योजना तैयार करने को भी कहा ताकि वे अतिरिक्त राजस्व उत्पन्न कर सकें।
इंदिरा सौरा गिरि जला विकासम योजना के बारे में
अगले पांच वर्षों में, यह योजना बिना किसी बिजली कनेक्शन के छह लाख एकड़ वन रिकॉर्ड अधिकार (आरओएफआर) भूमि को कवर करेगी।
- राज्य सरकार आरओएफआर भूमि वाले आदिवासी किसानों को बागवानी फसलों की सिंचाई के लिए 5-7.5 हॉर्स पावर के मुफ्त सौर पंप उपलब्ध कराएगी।
- इस योजना का उद्देश्य 2.1 लाख आदिवासी किसानों को सशक्त बनाना है।
योजना की अवधि
- योजना की अवधि पांच वर्ष, 2025-26 से 2029-30 तक है।
योजना के लिए परिव्यय
यह योजना राज्य सरकार की ओर से 100% सब्सिडी पर आधारित है।
- अगले पांच वर्षों के लिए योजना के लिए कुल परिव्यय 13,200 करोड़ रुपये है।
- पहले वर्ष में, राज्य सरकार 10,000 आदिवासी किसानों की 27 हजार एकड़ भूमि को कवर करने के लिए 600 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
- अगले चार वर्षों में, सरकार 12,600 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
- सोलर पंप की प्रति यूनिट लागत 6 लाख रुपये होगी।