16 मार्च 2024 को अपने एक्स हैंडल पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पोस्ट कर सूचना दी कि 1 करोड़ से अधिक परिवार पीएम-सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के लिए पंजीकरण करा चुके हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि असम, बिहार, गुजरात, महाराष्ट्र, ओडिशा, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में योजना के तहत 5 लाख से अधिक पंजीकरण हुए हैं।
पीएम-सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना
पीएम-सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का उल्लेख पहली बार अंतरिम केंद्रीय बजट 2024 में किया गया था, जिसे केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2024 को लोकसभा में पेश किया था।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 फरवरी 2024 को औपचारिक रूप से इस योजना की शुरुआत की।
पीएम-सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का उद्देश्य
पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना छत पर स्थापित की जाने वाली एक सौर परियोजना है जो घरेलू निवासियों को अपने घर के छत पर सौर पैनल स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करती है। जो परिवार अपने अपने घर के छत पर सौर पैनल स्थापित करेंगे उन्हे प्रति माह 330 यूनिट मुफ्त बिजली मिलेगी।
सरकार ने इस योजना में 75,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश का प्रस्ताव रखा है।
इस योजना के तहत ,शहरी स्थानीय निकायों और पंचायतों को अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले घरों के छत पर सौर प्रणाली स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत प्रोत्साहन
- पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत परिवार को अपने घर के छत पर सौर पैनल स्थापित करने के लिए सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
- सरकार 2 किलोवाट क्षमता तक के सोलर सिस्टम की स्थापना के लिए सौर इकाई लागत का 60% और 2 से 3 किलोवाट क्षमता के सौर इकाई की स्थापना के लिए उसकी लागत का 40% सब्सिडी देगी।
- सब्सिडी, अधिकतम 3 किलोवाट क्षमता तक ही सीमित है।
- बैंक, आवासीय छत पर 3 किलोवाट तक की क्षमता की सौर प्रणाली स्थापित करने के लिए संपार्श्विक-मुक्त, कम ब्याज वाले ऋण भी प्रदान करेंगे।
- बैंक भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा तय प्रचलित रेपो रेट से 0.5% से अधिक की दर पर ऋण प्रदान करेगा।
पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के लाभ
- सरकार घरों को मुफ्त सौर बिजली प्रदान करने और बिजली वितरण कंपनियों को अधिशेष बेचने से सालाना 15,000-18,000 करोड़ रुपये तक की बचत होने की संभावना जताई है।
- भारत 2070 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है। अभी देश, अपनी अधिकांश बिजली जरूरतों को कोयला आधारित थर्मल पावर स्टेशनों के माध्यम से पूरा करता है। यह योजना प्रदूषणकारी कोयला आधारित थर्मल पावर पर भारत की निर्भरता को कम कर सकता है।
- इस योजना से भारत को गैर-जीवाश्म स्रोतों से 500 गीगावॉट की बिजली क्षमता उत्पादन के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल करने में भी मदद मिलेगी।
देश में सौर ऊर्जा क्षमता
केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के अनुसार, 31 दिसंबर 2023 तक देश की संचयी स्थापित सौर ऊर्जा क्षमता 75.58 गीगावॉट थी। जिसमें से
- ग्राउंड माउंटेड सोलर प्लांट का हिस्सा 59.08 गीगावॉट ,
- ग्रिड कनेक्टेड सोलर रूफटॉप का हिस्सा 11.08 गीगावॉट,
- हाइब्रिड परियोजनाओं (सौर घटक)का हिस्सा 2.57 गीगावॉट और
- ऑफ-ग्रिड सौर ऊर्जा का हिस्सा 85 गीगावॉट था।