Home > Current Affairs > National > NHAI to use Miyawaki Plantation to increase Green Cover along N.H

राष्ट्रीय राजमार्ग पर हरित आवरण बढ़ाने के लिए मियावाकी वृक्षारोपण का उपयोग करेगा एनएचएआई

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
NHAI to use Miyawaki Plantation to increase Green Cover along N.H Environment 5 min read

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने घोषणा की है कि वह हरित आवरण को बढ़ाने के लिए दिल्ली एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) क्षेत्रों में राष्ट्रीय राजमार्गों से सटे भूमि पर वनीकरण के लिए मियावाकी वृक्षारोपण पद्धति का उपयोग करेगा। वनीकरण पहल 2024 में आगामी मानसून सीज़न के दौरान शुरू की जाएगी और अगस्त 2024 तक पूरा होने की उम्मीद है।

मियावाकी बागान के स्थल 

एनएचएआई के अनुसार, दिल्ली एनसीआर क्षेत्रों में और उसके आसपास राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे वनीकरण के लिए 53 एकड़ भूमि की पहचान की गई है।

चिन्हित क्षेत्रों में शामिल हैं: 

  • उत्तर प्रदेश में एनएच -34 के मेरठ-नजीबाबाद खंड के पास 5.6 एकड़,   
  • द्वारका एक्सप्रेसवे के हरियाणा खंड के साथ 4.7 एकड़, 
  • दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के दिल्ली-वडोदरा खंड पर सोहना के पास 4.1 एकड़, 
  • हरियाणा में अंबाला-कोटपुतली कॉरिडोर के एनएच 152D पर चाबरी और खरखरा इंटरचेंज पर लगभग 5 एकड़ जमीन, 
  • एनएच -709B पर शामली बाईपास पर लगभग 12 एकड़, 
  • गाजियाबाद के पास ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर दुहाई इंटरचेंज पर 9.2 एकड़ 
  • उत्तर प्रदेश मेंएनएच -34 के मेरठ-नजीबाबाद खंड के पास 6 एकड़।

मियावाकी बागान पद्धति क्या है?

वृक्षारोपण की मियावाकी पद्धति का नाम जापानी वनस्पतिशास्त्री और पादप पारिस्थितिकीविज्ञानी अकीरा मियावाकी के नाम पर रखा गया है।

मियावाकी विधि प्राकृतिक पुनर्वनीकरण सिद्धांत पर आधारित है।इस पद्धति में उन पेड़ों का उपयोग किया जाता है  जो क्षेत्र के मूल निवासी हैं और यह पद्धति  प्राकृतिक वन पुनर्जनन सिद्धांत की नकल करती हैं।

देशी पौधों के पौधे बहुत उच्च घनत्व पर लगाए जाते हैं। प्रकाश संश्लेषण प्रयोजनों के लिए प्रकाश के लिए पौधे आपस में प्रतिस्पर्धा करते हैं जिसके परिणाम स्वरूप  पौधे बहुत तेजी से बढ़ते हैं । इस प्रकार, प्रारंभ में एक क्षेत्र में 20 से 30 वर्षों में घना जंगल उगता जाता है, जो सामान्यतः सैकड़ों वर्ष लेते हैं । 

मियावाकी विधि निम्नीकृत भूमि ,जिसका उपयोग निर्माण या अन्य उद्देश्यों के लिए किया गया हो  पर तेजी से वन क्षेत्र बढ़ाने के लिए बहुत उपयुक्त है ।

मियावाकी विधि के माध्यम से बनाए गए जंगल में पारंपरिक रूप से उगाए गए जंगल की तुलना में अधिक जैव विविधता दर्ज की गई है।

वनरोपण के लाभ 

मियावाकी जंगल के विकास से क्षेत्र में एक लचीला पारिस्थितिकी तंत्र बनाने में मदद मिलेगी। 

यह कार्बन सिंक का भी एक उत्कृष्ट स्रोत होगा, क्योंकि पौधे कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करेंगे और ऑक्सीजन छोड़ेंगे।

इससे क्षेत्र के जल स्तर में सुधार होगा, मृदा संरक्षण होगा और वनस्पतियों और जीवों के फलने-फूलने के लिए उपयुक्त आवास तैयार होगा।

एनएचएआई के बारे में 

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) एनएचएआई अधिनियम, 1988 के तहत स्थापित एक वैधानिक निकाय है।एनएचएआई ने फरवरी 1995 में काम करना शुरू किया।

एनएचएआई  की स्थापना राष्ट्रीय राजमार्गों जो केंद्र सरकार के अंतर्गत आते हैं, के विकास और रखरखाव के लिए की गई थी।

एनएचएआई  चरणबद्ध तरीके से राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना (एनएचडीपी ) को कार्यान्वित कर रहा है।

देश में राष्ट्रीय राजमार्ग की कुल लंबाई लगभग 1,32,499 किमी है, जो  देश की सड़क नेटवर्क का लगभग 2 प्रतिशत है पर यह कुल सड़क यातायात का 40 प्रतिशत वहन करता है।

एमएचएआई केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अंतर्गत आता है।

केंद्रीय मंत्री: नितिन गडकरी

एनएचएआई के अध्यक्ष: संतोष कुमार यादव (आईएएस)

FAQ

उत्तर: यह निर्माण या अन्य उद्देश्यों के लिए उपयोग की जाने वाली निम्नीकृत भूमि पर तेजी से जंगल उगाने की एक विधि है।

उत्तर: मियावाकी विधि।

उत्तर: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय।

उत्तर : नितिन गडकरी।

उत्तर: भारत में राष्ट्रीय राजमार्ग देश की कुल सड़क नेत्व्रोक का लगभग 2 प्रतिशत हैं जो देश के 40 प्रतिशत सड़क यातायात वहन करते हैं।
Leave a Review

Today's Article

Utkarsh Classes
DOWNLOAD OUR APP

Utkarsh Classes: Prepare for State & Central Govt Exams

With the trust and confidence of our students, the Utkarsh Mobile App has become a leading educational app on the Google Play Store. We are committed to maintaining this legacy by continually updating the app with unique features to better serve our aspirants.