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नई समुद्री प्रजाति का नाम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम पर रखा गया

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
New marine species named after President Draupadi Murmu Science and Technology 5 min read

फरवरी 2024 में जूलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जेडएसआई) ने ओडिशा और बंगाल के समुद्री तटों पर समुद्री स्लग मोलस्क की एक नई किस्म खोजी। इसका नाम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम पर रखा गया है। यह प्रजाति मुख्य रूप से मरीन हैबिटेट में रहती है।

नए समुद्री स्लग मोलस्क का नामकरण: 

  • जेडएसआई के शोधकर्ताओं ने इस समुद्री स्लग का नाम 'मेलानोक्लैमिस द्रौपदी (Melanochlamys Droupadi)' दिया है।
  • 'मेलानोक्लैमिस जीनस से संबंधित इस प्रजाति को पश्चिम बंगाल तट के दीघा और ओडिशा तट के उदयपुर में खोजा गया है।

खोजी गई नई प्रजाति सिर्फ भारत में ही पाई जाती: 

  • हेड-शील्ड समुद्री स्लग की यह नई प्रजाति भारत के अलावा दुनिया में कहीं नहीं पाई जाती है।
  • यह भारत में पाई गई हेड-शील्ड समुद्री स्लग की दूसरी प्रजाति है। 
  • पहली प्रजाति पश्चिम बंगाल और ओडिशा तट पर मेलानोक्लैमिस बेंगालेंसिस है। मेलानोक्लैमि बेंगालेंसिस को वर्ष, 2022 में दीघा और धामरा के तट पर पाया गया था।

हेड-शील्ड समुद्री स्लग 'मेलानोक्लैमिस द्रौपदी’ के बारे में: 

  • यह एक छोटा अकशेरूकी एवं उभयलिंगी प्राणी है।
  • इसकी अधिकतम लंबाई 7 मिमी तक होती है।
  • इनका प्रजनन काल नवंबर से जनवरी तक है। इसके शरीर पर खोल होता है।
  • यह भूरे काले रंग का होता है और इसके पिछले भाग पर रूबी लाल धब्बा होता है।
  • इसकी पिछली ढाल लंबी होती है (शरीर की लंबाई का लगभग 61 प्रतिशत)। 
  • यह प्रजाति अन्य प्रजातियों से अलग गीले और नरम रेतीले समुद्र तटों पर निवास करती है।
  • यह सामान्य रूप से रेतीले समुद्र तट के अंतर्ज्वारीय क्षेत्र में रेंगता है और अपने पीछे रेंगने का निशान छोड़ता है।
  • मेलानोक्लैमिस द्रौपदी का निवास स्थान मेलानोक्लैमि बेंगालेंसिस के समान है।
  • मेलानोक्लैमि बेंगालेंसिस को वर्ष, 2022 में दीघा और धामरा के तट पर पाया गया था।
  • जीवित मेलानोक्लैमि द्रौपदी जानवर एक आवरण बनाने के लिए लगातार पारदर्शी बलगम का स्राव करते हैं। 
  • यह रेत के कणों को पैरापोडियल स्पेस में प्रवेश करने से रोकता है। 

समुद्री स्लग के बारे में: 

  • यह नाम फ़ाइलम मोलस्का के भिन्न-भिन्न परिवारों के समुद्री जीवों को दिया जाता है। इनमें प्रमुखतः निम्नलिखित हैं:
    • एप्लिसियोमोर्फा के समुद्री खरगोश
    • सेफलोस्पिडिया के हेडशील्ड स्लग
    • पेलजिक समुद्री तितलियाँ
    • रस चूसने वाले सैकोग्लोसन्स
  • समुद्री स्लग नरम शरीर वाले, बिना खोल के होते हैं। ये तेज़ शिकारी होते हैं।
  • ये समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र में द्वितीयक उपभोक्ता की भूमिका निभाते हैं।
  • ये रिबन कीड़े, समुद्री कीड़े और छोटी मछलियों जैसे छोटे जानवरों का शिकार करते हैं।
  • दुनिया भर में इनकी 18 प्रजातियों की खोज की गई है।
  • इस समूह की अधिकांश प्रजातियाँ इंडो-पैसिफिक महासागरीय क्षेत्र के समशीतोष्ण क्षेत्रों में पाई जाती हैं;
  • इसकी 15 प्रजातियाँ समशीतोष्ण क्षेत्रों में पाई गई हैं।
  • इसकी तीन प्रजातियाँ केवल उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में पाई जाती हैं।
    • थाईलैंड की खाड़ी में मेलानोक्लैमिस पैपिलाटा 
    • पश्चिम बंगाल और ओडिशा तट पर मेलानोक्लैमिस बेंगालेंसिस
    • मेलानोक्लैमिस द्रौपदी 

जूलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जेडएसआई) के बारे में: 

  • जेडएसआई की स्थापना 1 जुलाई, 1916 को की गई थी।
  • इसकी उत्पत्ति वर्ष, 1875 में कलकत्ता में स्थापित भारतीय संग्रहालय के प्राणी शास्त्र अनुभाग से हुई।
  • इसकी स्थापना का उद्देश्य प्राणी  जीवन के विभिन्न पहलुओं के बारे में सर्वेक्षण, अन्वेषण और अनुसंधान को बढ़ावा है।
  • प्रारंभ में जेडएसआई के पूरे भारत में आठ क्षेत्रीय केंद्र थे। वर्तमान में देश भर में 16 क्षेत्रीय केंद्र फैले हुए हैं।
  • इसका मुख्यालय कोलकाता में है।

द्रौपदी मुर्मू के बारे में: 

  • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भारत की 15वीं राष्ट्रपति हैं। द्रौपदी मुर्मू भारत की पहली आदिवासी तथा दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं।
  • द्रौपदी मुर्मू ओडिशा के मयूरभज के संथाल आदिवासी समुदाय से हैं।
  • पूर्व में द्रौपदी मुर्मू झारखंड की राज्यपाल भी रहीं हैं।

FAQ

उत्तर : ओडिशा और बंगाल के समुद्री तट पर।

उत्तर : नई समुद्री प्रजाति का नाम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम पर रखा गया

उत्तर : मेलानोक्लैमिस द्रौपदी

उत्तर : पश्चिम बंगाल तट के दीघा और ओडिशा तट के उदयपुर में खोजा गया है।
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