प्रतिवर्ष 24 अप्रैल को ‘राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। भारत में पंचायती राज मंत्रालय द्वारा इसका आयोजन प्रति वर्ष किया जाता है। यह उस ऐतिहासिक दिवस की याद में मनाया जाता है जब 1993 में 73वां संविधान संशोधन अधिनियम लागू हुआ था।
- 73वें संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा भारत में पंचायती राज संस्थानों (पीआरआई) के साथ ही साथ स्थानीय शासन की त्रि-स्तरीय प्रणाली आरंभ की गई। ये त्रि-स्तरीय प्रणाली ग्राम, ब्लॉक और जिला स्तर पर लागू होती है।
राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस 2024 का विषय:
- सरकार द्वारा अभी तक वर्ष 2024 के ‘राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस’ के लिए कोई आधिकारिक विषय(थीम) की घोषणा नहीं की गई है।
राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस का इतिहास:
- पंचायती राज व्यवस्था की जड़ें प्राचीन भारतीय परंपरा में विद्दमान थी, जहां ग्राम परिषदें या पंचायतें, स्थानीय प्रशासन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती थीं।
- 1957 में, लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण की प्रक्रिया का अध्ययन करने और पंचायती राज प्रणाली को पुनर्जीवित करने के उपायों की सिफारिश करने के लिए बलवंतराय मेहता समिति का गठन किया गया था। मेहता समिति की सिफारिशों के कारण ग्राम, ब्लॉक और जिला स्तर पर पंचायतों की त्रिस्तरीय प्रणाली की स्थापना हुई।
- इसी क्रम में 1992 में 73वें संविधान संशोधन अधिनियम का पारित होना एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम था। इस संशोधन के द्वारा स्पष्ट भूमिकाओं और जिम्मेदारियों के साथ ग्राम, मध्यवर्ती (ब्लॉक) और जिला पंचायतों की त्रि-स्तरीय प्रणाली की स्थापना की गई। इस तरह से पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) को संवैधानिक मान्यता प्रदान की गई।
- 24 अप्रैल, 1993 को 73वें संशोधन अधिनियम के लागू होने के उपलक्ष्य में सरकार ने इस दिन को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के रूप में घोषित किया।
पंचायती राज दिवस का लक्ष्य:
भारत में ‘राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस’ के लक्ष्यों को निम्न बिन्दुओं में देखा जा सकता है:-
- भारत के लोकतांत्रिक व्यवस्था में पंचायती राज की ऐतिहासिक मान्यता को लोगों तक पहुँचाना।
- ग्रामीण विकास में पंचायती राज संस्थाओं के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना।
- पंचायती राज संस्थाओं के उत्कृष्ट प्रदर्शन को मान्यता देना और उसे आगे के कार्यों के लिए प्रेरित करना।
पंचायती राज दिवस का महत्व:
- केन्द्रीय पंचायती राज मंत्रालय ने इस दिवस के उपलक्ष्य में 24 अप्रैल, 2024 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया। इसमें मुख्यतः 73वें संविधान संशोधन के तीन दशकों के बाद स्थानीय स्तर पर शासन के बारे में एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया है।
- पंचायती राज प्रणाली ने ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को अपनी राय व्यक्त करने और विकास और सशक्तिकरण का हिस्सा बनाकर उनके उत्थान में मदद की है।