विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने मूल्य प्रवाह 2.0 दिशानिर्देश जारी किया है, जो मूल्य प्रवाह का एक संशोधित संस्करण है तथा उच्च शिक्षा में मूल्यों और नैतिकता पर केंद्रित है।
1. सत्यनिष्ठा: सत्यनिष्ठा का अर्थ है अपने कर्तव्यों को ईमानदारी, विश्वास, पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ निभाना।
2. ट्रस्टीशिप: ट्रस्टीशिप का अर्थ है किसी संस्था को कुशलतापूर्वक, नैतिक रूप से और सच्चाई से चलाना। इसमें समूह की भागीदारी को प्रोत्साहित करना और जांच व संतुलन की प्रणाली बनाए रखना शामिल है।
3. सद्भाव: सद्भाव प्राप्त करने के लिए, हितधारकों को विविधता और मतभेदों को संतुलित करने की आवश्यकता है। यह सहिष्णुता, चर्चा और क्षमा की संस्कृति के माध्यम से किया जा सकता है।
4. जवाबदेही: एक खुला और भरोसेमंद माहौल बनाएं। इस वातावरण को गलतियों की अनुमति देनी चाहिए और व्यक्तियों को अपने कार्यों की जिम्मेदारी लेने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
5. समावेशिता: एक संस्थान में ऐसे मानक, नीतियां और प्रक्रियाएं होनी चाहिए जो शिक्षा, रोजगार, पदोन्नति और अन्य गतिविधियों के लिए समान अवसरों को बढ़ावा दें। इसका मतलब है बिना किसी भेदभाव के सभी के साथ उचित व्यवहार करना।
6. प्रतिबद्धता: संस्था के दृष्टिकोण और मिशन के प्रति समर्पित रहें। उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए ज्ञान, कौशल और दृष्टिकोण प्राप्त करें। इसे नियामक सीमाओं के भीतर करें।
7. सम्मान: ऐसा माहौल बनाएं जहां हर कोई एक-दूसरे का सम्मान करे, एक-दूसरे पर भरोसा करे और अच्छी तरह से बातचीत करे। संस्था से जुड़े लोगों को निष्पक्षता से भाग लेना चाहिए।
8. अपनापन: हर किसी को सुरक्षित, समर्थित, स्वीकृत और शामिल महसूस कराने में मदद करने के लिए संस्थान का एक साझा दृष्टिकोण बनाएं।
9. स्थिरता: लंबे समय तक चलने वाले और सुरक्षित भविष्य को प्राप्त करने के लिए, स्थिरता का अर्थ है आर्थिक, पर्यावरणीय और सामाजिक पहलुओं में संसाधनों का कुशलतापूर्वक उपयोग करना।
10. संवैधानिक मूल्य: संविधान की भावना के प्रति प्रतिबद्धता।
11. वैश्विक नागरिकता: एक जिम्मेदार वैश्विक नागरिक बने|