8 अगस्त 2024 को वित्तीय वर्ष 2024-25 की तीसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी ) ने 4:2 के बहुमत से लगातार नौवीं बार पॉलिसी रेपो रेट को 6.5% पर अपरिवर्तित बनाए रखने के लिए मतदान किया है।
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक 6, 7 और 8 अगस्त, 2024 को मुंबई में हुई थी । इसकी अगली बैठक 7 से 9 अक्टूबर 2024 को होगी।
आरबीआई अधिनियम 1934 के अनुसार, मौद्रिक नीति समिति को एक वित्तीय वर्ष में कम से कम चार बार बैठक करनी होती है।
तीसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति के बाद नीति दरें और अनुपात
नीति दरों और अनुपातों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। वे इस प्रकार हैं
नीति रेपो दर
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6.5%
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प्रत्यावर्तनीय रेपो दर
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3.35 %
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स्थायी जमा सुविधा (एसडीएफ)
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6.25%
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सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ)
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6.75%
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बैंक दर
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6.75%
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नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर)
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4.50%
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वैधानिक तरलता अनुपात (एसएलआर)
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18%
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2024-25 के लिए जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान
आरबीआई ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए भारतीय आर्थिक विकास दर के लिए अपना पूर्वानुमान नहीं बदला है और उसे उम्मीद है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में भारतीय सकल घरेलू उत्पाद 7.2% से बढ़ेगा।
2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत थी ।
आरबीआई के अनुसार, 2024-25 में भारतीय सकल घरेलू उत्पाद की अपेक्षित तिमाही-वार वृद्धि दर इस प्रकाररहने की उम्मीद है;
वित्तीय वर्ष 2023-24 की तिमाही
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विकास दर
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Q1(अप्रैल - जून 2024)
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7.1 %
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Q2(जुलाई से नवंबर 2024)
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7.2 %
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Q3 (अक्टूबर-दिसंबर 2024)
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7.3 %
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Q4 (जनवरी 2025-मार्च 2025)
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7.2 %
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आरबीआई गवर्नर द्वारा घोषित नीतिगत पहल
भारत में बैंकिंग क्षेत्र को मजबूत और विकसित करने के लिए, राज्यपाल ने कई पहलों की घोषणा की।
- आरबीआई द्वारा विनियमित बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) द्वारा तैनात डिजिटल ऋण ऐप्स के लिए आरबीआई एक डिजिटल ऋण ऐप्स का सार्वजनिक भंडार (Public Repository of Digital Lending Apps) शुरू करेगा।
- ऋणदाता अपने उधारकर्ताओं की क्रेडिट संबंधी जानकारी हर पखवाड़े या उससे कम अंतराल पर क्रेडिट सूचना कंपनियों (Credit Information Companies) को प्रदान करेंगे। वर्तमान में, यह मासिक या उससे कम अंतराल पर दिया जाता है।)
- एकीकृत भुगतान इंटरफ़ेस (यूपीआई) के माध्यम से कर भुगतान की अधिकतम राशि सीमा 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये प्रति लेनदेन कर दी गई है। सामान्य लेनदेन के लिए, यूपीआई की अधिकतम सीमा 1 लाख रुपये प्रति दिन है।
- आरबीआई जल्द ही चेक ट्रंकेशन सिस्टम (सीटीएस) में ऑन-रियलाइजेशन-सेटलमेंट लागू करेगा जिसमे चेकों की निरंतर क्लियरिंग प्रणाली को अपनाया जाएगा , जिससे कुछ ही घंटों में चेक क्लियर हो जाएंगे। वर्तमान में, सीटीएस में बैच प्रणाली के तहत काम किया जाता है जिसके कारण चेक को क्लियर करने में लगभग दो कार्य दिवस लग जाते हैं
मौद्रिक नीति समिति
- मौद्रिक नीति समिति की स्थापना भारत सरकार द्वारा 29 सितंबर 2016 को भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम 1934 के तहत की गई थी।
- आरबीआई गवर्नर की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) मुद्रास्फीति लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आवश्यक आरबीआई की नीतिगत ब्याज दर निर्धारित करती है।
- मौद्रिक नीति समिति के सदस्य आरबीआई के गवर्नर और अध्यक्ष शक्तिकांत दास, आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल देबब्रत पात्रा और अर्थशास्त्री - डॉ. आशिमा गोयल, डॉ. मृदुल के. सग्गर, डॉ. शशांक भिडे और प्रोफेसर जयंत आर. वर्मा हैं।
- एमपीसी को एक वित्तीय वर्ष में कम से कम चार बार बैठक करनी अनिवार्य होती है।
- मौद्रिक नीति समिति में निर्णय बहुमत से लिया जाता है।
परीक्षा में महत्वपूर्ण फुल फॉर्म
- आरबीआई /RBI : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया
- सीआरआर/CRR : कैश रिज़र्व रेश्यो (Cash Reserve Ratio)
- एसएलआर/SLR : स्टेटच्युरी लिक्विडिटी रेश्यो (Statutory Liquidity Ratio)
- एमएसएफ/MSF : मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (Marginal Standing Facility)
- एसडीएफ/SDF : स्टैंडिंग डिपाजिट फैसिलिटी (Standing Deposit Facility)
- एमपीसी/MPC : मोनेटरी पालिसी कमेटी (Monetary Policy Committee)
- यूपीआई /UPI : यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (Unified Payment Interface)