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गुजरात लिग्नाइट खदान में विशाल प्रागैतिहासिक साँप के जीवाश्म की खोज की गई

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
Massive prehistoric snake fossils discovered in Gujarat lignite mine Research 4 min read

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रूड़की के शोधकर्ताओं ने सबसे बड़े सांपों में से एक के जीवाश्म की खोज की सूचना गुजरात के एक लिग्नाइट खदान से दी है। ये पूर्व में कभी अस्तित्व में था। शोधकर्ताओं के अनुसार यह संभवतः 4.7 करोड़ वर्ष पहले मध्य इओसीन काल के दौरान अस्तित्व में था। 

गुजरात के कच्छ के पनंध्रो लिग्नाइट खदान प्राप्त हुए अवशेष: 

  • गुजरात में लगभग 4.7 करोड़ वर्ष पहले रहने वाले वासुकी इंडिकस नामक सांप की प्राचीन प्रजाति का पता चला है। साइंटिफिक रिपोर्ट्स में प्रकाशित शोध में गुजरात के कच्छ में पनंध्रो लिग्नाइट खदान से बरामद नए नमूने का वर्णन किया है। 

वासुकी इंडिकस नाम दिया गया :

  • यह मध्य युगीन काल का है। प्रजाति का नाम पौराणिक सांप के नाम पर वासुकी इंडिकस रखा गया है। 
  • वासुकी नाम शिवजी के गले में लिपटे हुए नागराज से लिया गया है। इंडिकस शब्द का अर्थ है भारत का। वैज्ञानिकों ने इसे इस नाम से दर्शाया है कि ये नाग भारत में ही पाया जाता था। भगवान शिव के नागराज की तरह ही शक्तिशाली और विशाल था।

वासुकी इंडिकस का भौतिक रचना: 

  • शोधकर्ताओं ने साँप के "आंशिक, अच्छी तरह से संरक्षित" कशेरुक स्तंभ के 27 टुकड़े टुकडों की खोज की है। कशेरुकाओं की लंबाई 37.5 से 62.7 मिमी और चौड़ाई 62.4 से 111.4 मिमी के बीच है। इस सांप का शरीर बेलनाकार है, जो काफी शक्तिशाली होने का संकेत है। 
  • आईआईटी रुड़की के शोधकर्ताओं का दावा है कि ये अब विलुप्त हो चुका नाग दुनिया के सबसे लंबे नागों में से एक रहा होगा। 

वासुकी इंडिकस सरीसृप की लंबाई 10 से 15 मीटर तक:  

  • आज के समय के 6 मीटर (20 फुट) वाले एनाकोंडा और अजगर इसके आगे कुछ नहीं थे। शोधकर्ताओं का अनुमान है कि वासुकी इंडिकस की लंबाई 10.9 से 15.2 मीटर के बीच हो सकती है। अर्थात यह आधुनिक स्कूल बस जितना बड़ा हो सकता था।
  • शोधकर्ताओं का कहना है कि यह अब विलुप्त हो चुके मडत्सोइदे साँप परिवार से संबंधित था, लेकिन भारत की एक अनोखी वंशावली का प्रतिनिधित्व करता है।
  • शोधकर्ताओं का प्रस्ताव है कि वासुकी इंडिकस ने आकार में प्रसिद्ध टाइटेनोबोआ को टक्कर दी होगी। 
  • इस सरीसृप के अस्तित्व के दौरान, पृथ्वी का भूगोल इसकी वर्तमान स्थिति से काफी भिन्न था। अफ्रीका, भारत और दक्षिण अमेरिका एक ही भूभाग के रूप में एक साथ जुड़े हुए थे। ऐसा माना जाता है कि वासुकी इंडिकस का शरीर चौड़ा और बेलनाकार था, जो एक मजबूत और शक्तिशाली निर्माण का संकेत देता है।

FAQ

Answer: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रूड़की के शोधकर्ताओं ने खोज किया है।

Answer: वासुकी इंडिकस

Answer: गुजरात के कच्छ में पनंध्रो लिग्नाइट खदान
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