1 सितंबर 2023 को मनीष देसाई ने पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) के नए प्रधान महानिदेशक के रूप में पदभार संभाला। इस पदभार संभालने से पहले 1989 भारतीय सूचना सेवा बैच के अधिकारी मनीष देसाई, केंद्रीय संचार ब्यूरो के प्रमुख थे।
प्रथम विश्व युद्ध के दौरान औपनिवेशिक सरकार के गृह सदस्य के अधीन एक केंद्रीय प्रचार बोर्ड की स्थापना की गई थी। बाद में, भारत पर एक वार्षिक रिपोर्ट तैयार करने और ब्रिटिश संसद में प्रस्तुत करने के लिए जून 1919 में, डॉ. एल.एफ. रशब्रुक विलियम्स के नेतृत्व में गृह विभाग में एक सेल की स्थापना की गई।
1920 के अंत में, इस सेल का नाम बदलकर 'केंद्रीय सूचना ब्यूरो' कर दिया गया और डॉ. एल.एफ. रशब्रुक विलियम्स इसके निदेशक बने। 1938 में ब्यूरो प्रमुख का पदनाम निदेशक से बदलकर प्रधान सूचना अधिकारी कर दिया गया।
वर्ष 1941 में, श्री जे. नटराजन प्रधान सूचना अधिकारी नियुक्त होने वाले पहले भारतीय बने
1946 में संगठन का नाम बदलकर प्रेस सूचना ब्यूरो कर दिया गया।
पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) भारत सरकार की एक नोडल एजेंसी है, जो सरकारी नीतियों, कार्यक्रमों, पहलों एवं उपलब्धियों पर प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को जानकारी प्रचारित करने का काम करता है। यह सरकार एवं मीडिया के बीच एक इंटरफेस के रूप में कार्य करता है, साथ ही यह मीडिया में दिखने वाली लोगों की प्रतिक्रिया पर सरकार को प्रतिक्रिया (फीडबैक) प्रदान करने का भी कार्य करता है।
पीआईबी की तथ्य जांच इकाई (फैक्ट चेक यूनिट) ने नवम्बर, 2019 में काम करना शुरू किया था। इस यूनिट का उद्देश्य फर्जी समाचार और भ्रामक सूचना देने वालों और प्रसारकों के लिए निवारक के रूप में कार्य करना है और लोगों को भारत सरकार से जुड़ी संदिग्ध और संदेहास्पद जानकारियों के तथ्यों की जांच कराने के लिए एक आसान प्रक्रिया प्रदान करना है। यह इकाई केवल भारत सरकार, उसके मंत्रालयों, विभागों, सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं आदि से संबंधित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर चल रही फर्जी, गलत सूचना देने वाली और भ्रामक सामग्री के तथ्यों की जांच करता है।
केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री: अनुराग ठाकुर
फुल फॉर्म
पीआईबी: प्रैस इन्फॉर्मैशन ब्युरो