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तनावपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों के बीच मालदीव के विदेश मंत्री मूसा भारत दौरे पर

Utkarsh Classes Last Updated 17-05-2024
Maldives Foreign Minister Moosa visit to India amid Strained Ties Visits 6 min read

मालदीव के विदेश मंत्री मूसा ज़मीर ने 9 मई 2024 को भारत का दौरा किया। छह महीने पहले मालदीव के चीन समर्थक राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के सत्ता में आने के बाद यह मालदीव के के  उच्च पदस्थ अधिकारी की  पहली भारत यात्रा थी। मालदीव के विदेश मंत्री ने अपनी यात्रा के दौरान भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की.

यह यात्रा राष्ट्रपति मुइज़ू की चीन समर्थक नीतियों और मालदीव में इंडिया आउट अभियान से जुड़े होने के कारण भारत-मालदीव संबंधों में तनावपूर्ण स्थिति की पृष्ठभूमि में हो रही है।

मूसा ज़मीर की भारत यात्रा का उद्देश्य

मूसा ज़मीर की भारत यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारत से ऋण राहत प्राप्त करना था।  भारत ने मालदीव को करीब 2 अरब डॉलर से अधिक का ऋण प्रदान किया है जिसमें द्वीप राष्ट्र में विभिन्न बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी परियोजनाओं के विकास के लिए दिया गए  ऋण शामिल है।

मालदीव को निकट भविष्य में भारत को 500 मिलियन डॉलर का कर्ज चुकाना है। मालदीव चाहता है कि भारत सरकार ऋण के एक हिस्से को अनुदान में बदल दे क्योंकि वह ऋण चुकाने की स्थिति में नहीं है।

राष्ट्रपति मुइज्जू ने पिछली सोलिह सरकार पर भारत से बड़े पैमाने पर कर्ज लेने का आरोप लगाया है,जिसके कारण आज मालदीव कर्ज के जाल में फंस गया है।

मुइज्जू की भारत विरोधी नीतियां

मुइज्जू की वर्तमान सरकार ने खुले तौर पर चीन समर्थक और भारत विरोधी रुख अपनाया है। नवंबर 2023 में मालदीव के राष्ट्रपति बनने से पहले वह इंडिया आउट अभियान में मतावपूर्ण भूमिका निभाई थी । राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने परंपरा को तोड़ते हुए अपनी पहली आधिकारिक विदेश यात्रा पर  सबसे पहले चीन गए । 

इससे पहले मालदीव के राष्ट्रपति हमेशा अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर भारत आते थे।

अपनी चीन यात्रा के दौरान मालदीव और चीन ने संबंधों को रणनीतिक स्तर तक बढ़ाने के लिए एक व्यापक रणनीतिक सहकारी साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर किए। 

मुइज्जू ने भारत सरकार को  भारत से उपहार में दिए गए दो डोर्नियर विमानों को संचालित करने के लिए देश में तैनात अपने 88 सैन्य कर्मियों को वापस लेने के लिए भी कहा। सभी भारतीय सैनिक 10 मई 2024 को भारत लौट आए हैं।

भारतीय सैन्य कर्मियों के स्थान पर हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा नियुक्त 77 भारतीय नागरिक कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है। भारत द्वारा मालदीव को उपहार में दिए गए डोर्नियर विमान का निर्माण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने किया है।

भारत मालदीव संबंध

  • मालदीव के साथ संबंधों में वर्तमान तनाव के बावजूद भारत मालदीव को आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति जारी रखेगा जैसे आलू, अंडे, चावल, गेहूं का आटा, चीनी और दाल,जबकि भारत सरकार ने  ऐसे सामानों के निर्यात पर प्रतिबंध लगा रखा है। 
  • भारत सरकार ने अपनी पड़ोसी प्रथम नीति और एसएजीएआर (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) दृष्टिकोण के हिस्से के रूप में मालदीव को इन आवश्यक वस्तुओं के निर्यात की अनुमति दी है।
  • जब भी मालदीव पर कोई संकट आया है तो भारत सबसे पहले प्रतिक्रिया देने वाला देश रहा है।
  • 1988 में जब राष्ट्रपति अदबुल गयूम के खिलाफ तख्तापलट हुआ तो भारत ने त्वरित प्रतिक्रिया दी। भारत ने राष्ट्रपति को बचाने और तख्तापलट को विफल करने के लिए ऑपरेशन कैक्टस शुरू किया था और तख्तापलट के प्रयास को विफल कर दिया था ।
  • भारत  ने 2004 की सुनामी के साथ-साथ दिसंबर 2014 में माले में जल संकट के दौरान मालदीव की सहायता करने वाला पहला देश था।
  • मालदीव में खसरे के  प्रकोप को रोकने के लिए भारत ने जनवरी 2020 में खसरे के टीके की 30,000 खुराकें भेजीं थीं ।
  • मालदीव भारतीय निर्मित कोविड -19 वैक्सीन प्राप्त करने वाले पहले देशों में से एक था।
  • भारत ने अतीत में आर्थिक समस्याओं से निपटने के लिए मालदीव को आपातकालीन ऋण  भी दिया है।

मालदीव

मालदीव उत्तर-मध्य हिंद महासागर में एक द्वीपसमूह है। यह दक्षिण एशियाई क्षेत्र का हिस्सा है।

मालदीव एक जलमग्न प्राचीन ज्वालामुखी पर्वत श्रृंखला के शिखर से बना मूंगा एटोल का एक द्वीपसमूह है।

आठ डिग्री चैनल मालदीव को लक्षद्वीप के मिनिकॉय द्वीप से अलग करते हैं।

सभी द्वीप निचले स्तर पर हैं, कोई भी समुद्र तल से 6 फीट (1.8 मीटर) से अधिक ऊँचा नहीं है। समुद्र के बढ़ते जलस्तर के कारण मालदीव पर हिंद महासागर में डूबने का खतरा मंडरा रहा है।

राजधानी: माले 

मुद्रा: रुफ़िया

राष्ट्रपति: मोहम्मद मुइज्जू

FAQ

उत्तर : मालदीव के विदेश मंत्री

उत्तर: मोहम्मद मुइज्जू

उत्तर: मालदीव

उत्तर: रूफ़िया

उत्तर:1988 में जब मालदीव के राष्ट्रपति अदबुल गयूम के खिलाफ तख्तापलट को विफल करने के लिए भारत ने ऑपरेशन कैक्टस शुरू किया था।
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