भारत सरकार ने मालदीव को आलू, अंडे, चावल, गेहूं का आटा, चीनी और दाल जैसी आवश्यक वस्तुओं के निर्यात की अनुमति दी है, हालांकि इनमें से कई वस्तुओं को भारत सरकार ने निर्यात के लिए निषिद्ध या प्रतिबंधित सूची में डाल रखा हैं।
5 अप्रैल 2024 को विदेश व्यापार महानिदेशक (डीजीएफटी) द्वारा जारी एक अधिसूचना में में कहा की दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते के तहत 2024-25 के दौरान मालदीव को इन वस्तुओं के निर्यात की अनुमति दी जा रही है।
डीजीएफटी ने कहा कि निर्यात किए जाने वाले इन सामानों को "2024-25 के दौरान किसी भी मौजूदा या भविष्य के प्रतिबंध/निषेध" से छूट दी जाएगी।
चीन समर्थक राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के सत्ता में आने के बाद भारत और मालदीव के बीच द्विपक्षीय संबंधों में गिरावट के बावजूद भारत ने इन वस्तुओं के निर्यात की अनुमति दी है।
सत्ता में आने के बाद राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने मांग की है कि भारत ,मालदीव में निगरानी विमान संचालित करने के लिए मालदीव में तैनात अपने सैन्य कर्मियों को वापस बुला ले। भारत का नाम लिए बिना मुइज्जू ने हाल के हफ्तों में बार-बार कहा है कि उनका इरादा खाद्य सुरक्षा के लिए किसी एक देश पर मालदीव की निर्भरता को कम करने का है।
1981 में, भारत और मालदीव ने एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसमें भारत से मालदीव को आवश्यक वस्तुओं के निर्यात का प्रावधान है।
इस वर्ष, अपनी अपनी पड़ोसी प्रथम नीति के तहत, भारत ,कई वस्तुओं को प्रतिबंधित सूची या निषिद्ध सूची में रखे जाने के बावजूद मालदीव को आवश्यक वस्तुओं के निर्यात की अनुमति देने पर सहमत हुआ है।
मालदीव को जिन वस्तुओं का निर्यात किया जा सकता है वे हैं आलू (21,513.08 टन), प्याज (35,749.13 टन), गेहूं का आटा (109,162.96 टन), चावल (124,218.36 टन), चीनी (64,494.33 टन), दाल (224.48 टन), पत्थर और नदी रेत (दोनों एक-एक मिलियन टन)।
मालदीव के लिए स्वीकृत मात्रा दोनों देशों के बीच 1981 के व्यापार समझौते के होने के बाद से सबसे अधिक है।
भारत ने घरेलू बाजार में कीमत कम करने के लिए मई 2022 में गेहूं के निर्यात और जुलाई 2023 में गैर-बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था । इसी प्रकार प्याज के निर्यात पर दिसंबर 2023 में प्रतिबंध लगा दिया गया था।
हालांकि भारत सरकार ने मित्र देशों के अनुरोध पर मामले दर मामले के आधार पर इन वस्तुओं के निर्यात की अनुमति दी है। भारत ने बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, भूटान, मॉरीशस और इंडोनेशिया जैसे देशों को चावल, गेहूं और प्याज की आपूर्ति की है।
विदेश व्यापार महानिदेशक ने चार सीमा शुल्क स्टेशन नामित किए हैं जिनके माध्यम से प्रतिबंधित/प्रतिबंधित वस्तुओं को मालदीव में निर्यात किया जा सकता है।ये नामित चार सीमा शुल्क स्टेशन हैं
विदेश व्यापार नीति में उल्लिखित वस्तुओं को तीन श्रेणियों, खुली सामान्य सूची (ओजीएल), प्रतिबंधित और निषिद्ध सूची में रखा गया है।
खुली सामान्य सूची (ओजीएल) - खुली सामान्य सूची में उल्लिखित वस्तुओं को डीजीएफटी से किसी भी लाइसेंस की आवश्यकता के बिना निर्यात/आयात किया जा सकता है।
प्रतिबंधित - यह उन वस्तुओं को संदर्भित करता है जिन्हें केवल डीजीएफटी की पूर्व अनुमति से आयात/निर्यात किया जा सकता है।
निषिद्ध - इसका तात्पर्य उन वस्तुओं से है जिनका भारत से आयात या निर्यात नहीं किया जा सकता है।
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी ), भारत सरकार की विदेश व्यापार नीति को लागू करने के लिए जिम्मेदार संस्था है।
मालदीव उत्तर-मध्य हिंद महासागर में एक द्वीपसमूह है। यह दक्षिण एशियाई क्षेत्र का हिस्सा है।
मालदीव एक जलमग्न प्राचीन ज्वालामुखी पर्वत श्रृंखला के शिखर से बना मूंगा एटोल का द्वीप समूह है।
आठ डिग्री चैनल मालदीव को लक्षद्वीप के मिनिकॉय द्वीप से अलग करता है।
मालदीव के सभी द्वीप निचले स्तर पर हैं। कोई भी द्वीप समुद्र तल से 6 फीट (1.8 मीटर) से अधिक ऊंचा नहीं है। समुद्र के बढ़ते जलस्तर के कारण मालदीव के हिंद महासागर में डूबने का खतरा मंडरा रहा है।
राजधानी: माले
मुद्रा: रुफ़िया