केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 18 सितंबर 2023 को दिल्ली के सफदरजंग हवाई अड्डे पर विमानन क्षेत्र के विभिन्न नियामकों के एकीकृत कार्यालय परिसर 'उड़ान भवन' का उद्घाटन किया।
उड़ान भवन, नागर विमानन मंत्रालय के तहत विभिन्न नियामक प्राधिकरणों के बीच बेहतर समन्वय की सुविधा प्रदान करेगा।
उड़ान भवन में नागर विमानन संबंधी सभी कार्यालय:
- राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित एकीकृत कार्यालय परिसर उड़ान भवन में निम्नलिखित कार्यालयों को स्थान दिया गया है -
- नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए),
- नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस),
- हवाई अड्डा आर्थिक नियामक प्राधिकरण (एईआरए),
- विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) और
- भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई)।
- ये सभी नियामक प्राधिकरण होने के नाते नागर विमानन के क्षेत्र में मानकों के अनुसार नियमों एवं विनियमों के निर्माण व कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- इससे नागर विमानन मंत्रालय के तहत विभिन्न नियामक प्राधिकरणों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित की जा सकती है।
उड़ान भवन आवश्यकता क्यों?
- नागर विमानन मंत्रालय के तहत विभिन्न नियामक प्राधिकरणों के मध्य बेहतर समन्वय स्थापित करने और सभी नियामक प्राधिकरणों को एक ही छत के नीचे लाने के लिए इसकी मांग काफी समय से थी। जिसे उड़ान भवन का उद्धघाटन कर पूर्ण कर लिया गया है।
- भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) देशभर में विभिन्न हवाई अड्डों पर निर्माण, संचालन, एटीसी एवं सीएनएस सेवाएं प्रदान करने तथा रखरखाव के लिए जिम्मेदार प्रमुख हवाई अड्डा ऑपरेटर है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रायोगिक ई-वॉलेट सुविधा का भी शुभारंभ किया:
- इस अवसर पर प्रायोगिक ई-वॉलेट सुविधा का शुभारंभ भी किया गया। यह एक प्रीपेड वॉलेट के रूप में कार्य करेगा।
- यह पोर्टल नागर विमानन मंत्रालय के माध्यम से अपेक्षाकृत तेज, तत्पर एवं अधिक सुरक्षित भुगतान प्रणाली को संभव बनाएगा।
- ई-वॉलेट भारतकोष पोर्टल में विभिन्न नियामक अनुमोदनों के लिए शुल्क की प्रोसेसिंग में विशेष रूप से उपयोगी होगा और यह एक ऐसे प्रीपेड वॉलेट के रूप में कार्य करेगा जो पंजीकृत उपयोगकर्ताओं को अग्रिम रूप से धनराशि का समावेश करने में सक्षम बनाएगा।
- आरंभ में, धनराशि का समावेश के लिए केवल एनईएफटी/आरटीजीएस मोड की अनुमति होगी। इसके उपयोगकर्ता शीघ्र ही रसीद और चालान भी प्राप्त कर सकेंगे।
उड़ान भवन की विशेषता:
- नए एकीकृत कार्यालय परिसर में जमीन के ऊपर जी+3 तल निर्मित हैं और शेष तीन तल बेसमेंट के रूप में हैं।
- 374.98 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित इस परिसर में 1270 अधिकारियों का समावेश हो सकता है।
- इस भवन का कुल निर्मित क्षेत्रफल 71257 वर्गमीटर है।
- जीआरआईएचए-5 रेटेड इस भवन में पर्यावरण के अनुकूल स्थायित्व से जुड़ी कई विशेषताओं का समावेश है।
- इस भवन को यथासंभव अधिकतम सीमा तक दिन के उजाले के उपयोग की दृष्टि से डिजाइन किया गया है। इस भवन की पर्यावरण के अनुकूल विशेषताओं में गर्मी को कम करने के लिए कुशल एलईडी फिक्स्चर, चमकदार पर्दा-दीवार असेंबली और डबल-स्किन फसाड सिस्टम का उपयोग, अपशिष्ट जल का पुनर्चक्रण व प्रबंधन शामिल हैं।
- उड़ान भवन में आधुनिक सम्मेलन कक्ष, एवी सिस्टम, आईटी से संबंधित बुनियादी ढांचे, पार्किंग प्रबंधन प्रणाली, योग कक्ष, क्रेच सुविधा, ईवी चार्जिंग आदि से सुसज्जित है।
जीआरआईएचए (GRIHA - ग्रीन रेटिंग फॉर इंटीग्रेटेड हैबिटैट असेसमेंट):
- भारत में हरित इमारतों का आकलन करने के लिए एक प्रमाणन है।
- एक स्थायी पर्यावरण के साथ-साथ, यह शारीरिक और मनोवैज्ञानिक दोनों स्तरों पर जीवन की स्वस्थ गुणवत्ता भी प्रदान करता है।
- इसकी स्थापना भारत में भारत की जलवायु के अनुसार हरित भवन नियमों और विनियमों की सुविधा के लिए की गई थी।