भारतीय नौसेना ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के सहयोग से 21 नवंबर 2023 को स्वदेशी नौसैनिक एंटी शिप मिसाइल का सफल परीक्षण किया। भारतीय सेना ने सीकिंग 42बी हेलीकॉप्टर से यह परीक्षण किया गया। यह एक लॉन्ग रेंज एंटी-शिप मिसाइल है।
भारतीय नौसेना की मिसाइल तकनीक के मामले में आत्मनिर्भरता की दिशा में यह परीक्षण काफी अहम कदम है।
एंटी शिप मिसाइल में कई नई तकनीकों का उपयोग:
- भारतीय नौसेना द्वारा किए गए इस परीक्षण में मिसाइल की सीकर और गाइडेंस तकनीक का भी परीक्षण किया गया। परीक्षण के बाद जारी बयान के अनुसार, मिसाइल में कई नई तकनीकों का उपयोग किया गया है, जिसमें हेलीकॉप्टर के लिए स्वदेशी रूप से विकसित लांचर भी शामिल है। कोई मिसाइल कितनी प्रभावी है, यह उसकी गाइडेंस तकनीक पर ही निर्भर करता है। किसी भी मिसाइल का उसके तय लक्ष्य को भेदना ही गाइडेंस तकनीक का हिस्सा है।
मिसाइल प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की दिशा में बड़ा कदम:
- भारतीय नौसेना ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से पोस्ट में कहा कि यह परीक्षण मिसाइल प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की दिशा में काफी महत्वपूर्ण कदम है।
- इससे पूर्व मई 2022 में भी नौसेना ने डीआरडीओ के साथ मिलकर एंटी शिप मिसाइल का सफल परीक्षण किया था।
- मई 2022 में भारत ने इसी श्रेणी के शॉर्ट रेंज की मिसाइल की टेस्टिंग की थी। शॉर्ट रेंज की मिसाइल 380 किलोग्राम और रेंज 55 किलोमीटर की मारक क्षमता से लैस है।
- भारत सरकार का प्रयास है कि रक्षा उत्पादन के मामले में देश को आत्मनिर्भर बनाया जाए। इस उद्देश्य को पाने के लिए डीआरडीओ, डिफेंस पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स और ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड अहम भूमिका निभा रहे हैं।
- वर्तमान में भारत हथियारों की आपूर्ति के लिए बड़े पैमाने पर विदेशों पर निर्भर है लेकिन अब सरकार हथियारों के आयात को रोकने के लिए देश में ही हथियारों के निर्माण और तकनीक के हस्तांतरण के लिए समझौते कर रही है।
- अभी भारत में इंटीग्रेटिड गाइडेड मिसाइल डेवलेपमेंट प्रोग्राम के जरिए चार मिसाइल सिस्टम देश में ही विकसित किए जा रहे हैं, जिनमें पृथ्वी मिसाइल, आकाश मिसाइल, त्रिशूल और नाग मिसाइल सिस्टम शामिल हैं।
लॉन्ग रेंज एंटी-शिप मिसाइल सी-स्किमिंग ट्रैजेक्ट्री पर आधारित:
- स्वदेशी तकनीक से बनाई गई यह भारतीय लॉन्ग रेंज एंटी-शिप मिसाइल सी-स्किमिंग ट्रैजेक्ट्री पर चलते हुए सीधे निर्धारित टारगेट पर हमला किया।
- 'सी-स्किमिंग' उस स्थिति को कहते हैं जब मिसाइल समुद्र की सतह से कुछ मीटर ऊपर तेजी से उड़ते हुए जाती है। अपनी इस तकनीक के कारण मिसाइल राडार में पकड़ में भी नहीं आती। फिलहाल यह तकनीक भारत के पास पहले से ही उपलब्ध है।
- भारत की ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल में 'सी-स्किमिंग' तकनीक का उपयोग किया जाता है।
- रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि, परिक्षण की गई यह आधुनिक मिसाइल नौसैनिक हेलिकॉप्टर्स पर लगाई जाएगी।
- इस मिसाइल में स्टेट-ऑफ-द-आर्ट नेविगेशन सिस्टम भी है।
- इसी महीने सेना ने पहले स्वदेशी हमलावर हेलिकॉप्टर 'रुद्र' से नई पीढ़ी के रॉकेट भी दागे हैं। इसके अलावा सेना के 'रुद्र' स्वदेशी हेलीकॉप्टर से गोला बारूद दागने का भी सफल परीक्षण किया गया।