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भारत उच्च आय, धन असमानता वाले शीर्ष देशों में शामिल: यूएनडीपी रिपोर्ट

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
India Among Top Countries With High Income, Wealth Inequality: UNDP Report 4 min read

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) ने हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में कहा कि भारत उच्च आय और धन असमानता वाले शीर्ष देशों के रूप में उभरकर सामने आया है। इस रिपोर्ट के अनुसार 2015-16 और 2019-21 के बीच बहुआयामी गरीबी में रहने वाली आबादी का हिस्सा 25 फीसदी से गिरकर 15 फीसदी हो गया है। 

  • 6 नवंबर 2023 को जारी की गई ‘2024 एशिया-प्रशांत मानव विकास रिपोर्ट’, दीर्घकालिक प्रगति के साथ-साथ लगातार असमानता और व्यापक व्यवधान की एक प्रामाणिक तस्वीर प्रस्तुत करती है।

भारत में प्रति व्यक्ति आय बढ़ी है: 

  • भारत में, 2000 से 2022 के बीच, प्रति व्यक्ति आय 442 अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2,389 अमेरिकी डॉलर हो गई। 
  • जबकि, 2004 और 2019 के बीच, गरीबी दर (प्रति दिन 2.15 अमेरिकी डॉलर के अंतरराष्ट्रीय गरीबी माप के आधार पर) 40 फीसदी से गिरकर 10 फीसदी हो गई।
  • 'हमारा भविष्य बनाना: एशिया और प्रशांत क्षेत्र में मानव विकास के लिए नई दिशाएँ' (मेकिंग आवर फ्यूचर: न्यू डायरेक्शन फॉर  ह्यूमन डेवलपमेंट इन एशिया एंड द पैसफिक रीजन) शीर्षक वाली इस रिपोर्ट में तर्क दिया गया है कि अधूरी आकांक्षाएँ, बढ़ती मानवीय असुरक्षा और संभावित रूप से अधिक अशांत भविष्य परिवर्तन की स्थिति उत्पन्न करता है।

रिपोर्ट के मुख्य बिंदु: 

  • भारत दुनिया के शीर्ष 10 देशों में शामिल हुआ है, जहाँ लोगों की आय तो बढ़ी है लेकिन आय बढ़ने के क्रम में काफी असमानता विद्दमान है। 
  • 10 फीसदी शीर्ष अमीर लोगों के पास देश की आधी संपत्ति है।
  • देश में गरीबी रेखा के नीचे रहने वालों की संख्या 2015-16 में 25 फीसदी से घटकर 2019-21 के दौरान 15 फीसदी पर आ गई है।
  • देश के 18.50 करोड़ लोग गरीबी में रहने को मजबूर हैं, जिनकी दैनिक आय 2.15 डॉलर यानी 180 रुपए से भी कम है। 
  • कुछ ऐसे लोग भी है जो गरीबी रेखा से ठीक ऊपर हैं। ऐसे लोगों के फिर से गरीबी रेखा के नीचे जाने का खतरा बना हुआ है, जिसमें महिलाएं, असंगठित क्षेत्र के मजदूर, अंतरराज्यीय प्रवासी शामिल हैं।
  • 12 से 120 अमेरिकी डॉलर प्रति दिन कमाने वाले मध्यम वर्ग की आबादी भारत में बढ़ी है। 
  • ग्लोबल मिडिल-क्लास ग्रोथ में 24% योगदान अकेले भारत का है, जो कि 19.2 करोड़ जनसंख्या के बराबर है।

मानव विकास में निवेश को प्राथमिकता: 

  • यूएनडीपी के रीजनल डायरेक्टर कन्नी विग्नाराजा के अनुसार, रिपोर्ट में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि मौजूदा चुनौतियों पर काबू पाने के लिए हमें मानव विकास में निवेश को प्राथमिकता देनी होगी। साथ ही सभी देशों को ऐसा करने के लिए अपना रास्ता परिस्थितियों और साधन के अनुरूप तैयार करना होगा।
  • उस बदलाव को लाने के लिए, रिपोर्ट मानव विकास में तीन नई प्रयासों का आह्वान करती है
    • लोगों को विकास के केंद्र में रखें, 
    • अधिक रोजगार पैदा करने और पर्यावरण का सम्मान करने के लिए विकास रणनीतियों को पुन: व्यवस्थित करें, और 
    • अंत में सुधार और विज्ञान की रणनीति पर ध्यान केंद्रित करें।

रिपोर्ट में एशिया-प्रशांत क्षेत्र: 

  • रिपोर्ट के अनुसार, एशिया-प्रशांत क्षेत्र इस वर्ष वैश्विक आर्थिक विकास में दो-तिहाई का योगदान देगा, लेकिन आय और धन की असमानताएं बढ़ रही हैं। विशेषकर दक्षिण एशिया में, जहाँ सबसे अमीर 10 प्रतिशत लोग कुल आय के आधे से अधिक पर नियंत्रण रखते हैं।
  • रिपोर्ट में कहा गया है कि 185 मिलियन से अधिक लोग अत्यधिक गरीबी के नीचे जीवन यापन कर रहे हैं। जिनकी आय 2.15 अमेरिकी डॉलर प्रतिदिन से भी कम है।

FAQ

Answer:- भारत उच्च आय और धन असमानता वाले शीर्ष देशों के रूप में उभरकर सामने आया है।

Answer:- 15 प्रतिशत रह गया है।

Answer:- भारत में, 2000 से 2022 के बीच, प्रति व्यक्ति आय 442 अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2,389 अमेरिकी डॉलर हो गई।

Answer:- ग्लोबल मिडिल-क्लास ग्रोथ में भारत का योगदान 24% तक रहने वाला है, जो कि 19.2 करोड़ जनसंख्या के बराबर है।

Answer:- 10 फीसदी अमीर लोगों के पास देश की आधी संपत्ति है।
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