अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने हाल ही में जारी अपनी 'वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक' रिपोर्ट में भारत के विकास पूर्वानुमान को बढ़ा दिया है, जिसमें 2023-24 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 6.1 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया गया है।
इससे पूर्व अप्रैल में जारी वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक में आईएमएफ ने 2023-24 में भारत की जीडीपी 5.9 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान लगाया था।
रिपोर्ट के मुख्य बिंदु:
आईएमएफ के विश्व आर्थिक आउटलुक रिपोर्ट के अनुसार 0.2% अंकों की बढ़ोतरी मजबूत घरेलू निवेश के परिणामस्वरूप 2022 की चौथी तिमाही में उम्मीद से अधिक मजबूत वृद्धि की गति को दर्शाती है।
आईएमएफ ने वित्त वर्ष 2024-2025 के लिए जीडीपी वृद्धि अनुमान को 6.3 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है।
विश्व आर्थिक आउटलुक रिपोर्ट के अनुसार, भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनी रहेगी, जबकि पड़ोसी देश चीन की विकास दर 2023 में 5.2% और 2024 में 4.5% रहने का अनुमान है।
विश्व आर्थिक आउटलुक रिपोर्ट में आईएमएफ ने 2023 में वैश्विक विकास उत्पादन के अनुमान को 2.8% के अपने पिछले पूर्वानुमान से बढ़ाकर 3% कर दिया है।
विकसित अर्थव्यवस्थाएं 2022 से 2023 तक विकास में गिरावट को जारी रखेंगी, कमजोर विनिर्माण के साथ-साथ विशिष्ट कारकों के कारण, मजबूत सेवा गतिविधि की भरपाई हो जाएगी।
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ):
स्थापना: जुलाई 1944
मुख्यालय: वॉशिंगटन डीसी, संयुक्त राज्य अमेरिका
सदस्य देश: 190
भारत ने 27 दिसंबर 1945 को ही इसकी सदस्यता ग्रहण की।
प्रबंध निदेशक: क्रिस्टालिना जॉर्जीवा (यूरोपीय संघ)
प्रथम प्रबंध निदेशक: कैमिल गट (बेल्जियम)
आईएमएफ द्वारा जारी कुछ महत्वपूर्ण रिपोर्ट:
ग्लोबल फाइनेंसियल स्टेबिलिटी रिपोर्ट
वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक
विभिन्न संस्थानों/एजेंसियों द्वारा अनुमानित भारतीय सकल घरेलू उत्पाद की अपेक्षित वृद्धि दर (1 अगस्त 2023 तक)