भारतीय वायु सेना ने अपना अब तक का सबसे बड़ा बहुराष्ट्रीय अभ्यास, तरंग शक्ति 2024 सफलतापूर्वक संपन्न किया। तरंग शक्ति अभ्यास 6 अगस्त 2024 को तमिलनाडु में भारतीय वायु सेना के सुलूर बेस पर शुरू हुआ और 14 सितंबर 2024 को जोधपुर वायु सेना स्टेशन पर संपन्न हुआ। इस अभ्यास में भारत समेत तीस देशों की वायुसेना ने हिस्सा लिया।
यह भारतीय वायु सेना द्वारा आयोजित अब तक का सबसे बड़ा अभ्यास है। 1963 में भारतीय वायु सेना द्वारा बहुपक्षीय हवाई अभ्यास शिक्षा आयोजित किया गया था, जिसमें भारतीय, ऑस्ट्रेलियाई, अमेरिका और ब्रिटेन की वायु सेनाओं को एक साथ लाया गया था।
तरंग शक्ति अभ्यास दो चरणों में आयोजित किया गया ।
चरण-I - वायु सेना स्टेशन सुलूर में, 6 अगस्त से 14 अगस्त 2024 तक।
चरण -2- वायु सेना स्टेशन जोधपुर में, 29 अगस्त से 14 सितंबर 2024 तक।
भारतीय वायु सेना के अनुसार इस अभ्यास में भाग लेने के लिए 50 देशों को आमंत्रित किया गया था, जिसमें से भारत सहित 30 देशों ने तरंग शक्ति अभ्यास में भाग लिया।
10 देशों की वायु सेनाओं ने अपने लड़ाकू विमान के साथ भाग इसमे भाग लिया जबकि 18 देशों ने एक पर्यवेक्षक के रूप में इसमे भाग लिया।
चरण-1 - फ्रांसीसी, स्पेनिश, जर्मन और यूनाइटेड किंगडम की वायु सेनाएं अपनी लड़ाकू विमानों के साथ भाग लिया रही हैं।
चरण- II छह देश ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, ग्रीस, सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात और संयुक्त राज्य अमेरिका लड़ाकू विमानों के साथ भाग लेंगे।
पर्यवेक्षक - इटली, मलेशिया, फिलीपींस, अर्जेंटीना, नेपाल, ओमान, कोरिया गणराज्य, ताजिकिस्तान, मिस्र, वियतनाम, कंबोडिया, चिली, आइवरी कोस्ट, किर्गिस्तान, मोरक्को, थाईलैंड, श्रीलंका और सऊदी अरब चरण 2 में पर्यवेक्षकों के रूप में भाग ले रहे हैं।
भारत ने 2047 तक विकसित देश बनने का लक्ष्य रखा है। उस दृष्टिकोण के हिस्से के रूप में तरंग शक्ति अभ्यास भारत को एक विश्वसनीय रक्षा बल और मजबूत स्वदेशी रक्षा उत्पादन क्षमता वाले देश के रूप में प्रस्तुत करेगा।
भारत ने इस अभ्यास के दौरान भाग लेने वाले देशों के प्रतिभागियों के साथ-साथ अन्य गणमान्य व्यक्तियों को अपने स्वदेशी रक्षा उपकरणों का भी प्रदर्शन किया।
भारत में निर्मित लड़ाकू विमान जैसे एलसीए तेजस, हेलीकॉप्टर एलसीएच प्रचंड, वायु रक्षा प्रणाली, हवा से हवा में मार करने वाली बेयाउंड विजुअल रेंज (बीवीआर) मिसाइलों से लेकर जमीन पर आधारित रडार आदि भी प्रदर्शित किए गए थे।
तरंग शक्ति अभ्यास के दौरान भारतीय वायुसेना को राफेल, टाइफून, एफ-18 और एफ-16 जैसे विभिन्न प्रकार के लड़ाकू विमानों के खिलाफ अपने कौशल को निखारने का मौका मिला।
इतने सारे देशों की वायुसेना के साथ संयुक्त अभ्यास करने से भारतीय वायुसेना की व्यक्तिगत और संयुक्त परिचालन क्षमताओं में सुधार होने की उम्मीद है।
यह अभ्यास के दौरान हवाई नेटवर्किंग पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया , जो हवाई नेटवर्किंग की क्षमता को परिभाषित करने वाला एक महत्वपूर्ण कारक है तथा कनेक्टिविटी और डेटा एक्सचेंज की गारंटी देता है।
यह अभ्यास ने भाग लेने वाले देशों और उनकी वायु सेनाओं के बीच क्षमताओं को बढ़ावा दिया तथा विश्वास, नेटवर्किंग और मैत्रीपूर्ण संबंधों को भी मजबूत किया , जिससे वैश्विक सहयोग को बल मिलने की उम्मीद है।
भारतीय वायु सेना के प्रमुख: विवेक राम चौधरी