1953 से हर साल देश, 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाता है। 14 सितंबर 1946 को, भारत की संविधान सभा ने के, एम मुंशी-एन.जी अयंगर फॉर्मूले के आधार पर, देवनागरी लिपि में हिंदी को भारत सरकार की आधिकारिक भाषा (राजभाषा) के रूप में अपनाया।
हालाँकि, भारत सरकार द्वारा पहला हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 को मनाया गया था। तब से हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
देश,2024 में, हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाने का 75वां वर्ष (हीरक जयंती) मना रहा है।
इस अवसर पर, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए चौथे अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन का आयोजन किया और भाषाओं के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने के लिए भारतीय भाषा अनुभाग का शुभारंभ किया।
भारत में हिंदी की स्थिति
2011 की जनगणना के अनुसार, आठवीं अनुसूची की 22 भाषाओं में से हिंदी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। सबसे ज्यादा बोली जाने वाली पांच भाषाएं और उनका प्रतिशत इस प्रकार है -
- हिन्दी - 43.63
- बंगाली - 8.03
- मराठी - 6.86
- तेलुगु - 6.70
- तमिल - 5.70
हिंदी दिवस और विश्व हिंदी दिवस
- हिंदी दिवस और विश्व हिंदी दिवस दो भिन्न दिवस है।
- दुनिया में हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए हर साल 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है।
- पहला विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी 2006 को मनाया गया था।
- हिंदी को वैश्विक भाषा के रूप में बढ़ावा देने के लिए 10 जनवरी 1975 को पहला विश्व हिंदी सम्मेलन,नागपुर में आयोजित किया गया था।
हिंदी की संवैधानिक स्थिति
- संविधान का अनुच्छेद 343 (1) अंतरराष्ट्रीय अंकों के साथ देवनागरी लिपि में हिंदी तथा अंग्रेजी को भारत सरकार की आधिकारिक भाषा बनाता है।
- प्रारंभ में, अंग्रेजी को 15 वर्षों के लिए आधिकारिक भाषा बनाया गया था, जिसके बाद संविधान में प्रावधान किया गया था संसद इसकी स्थिति तय करेगी।
- 1963 में संसद ने राजभाषा अधिनियम पारित किया, जिसको 1967 में संशोधित किया गया। इस अधिनियम के तहत हिंदी के साथ-साथ अंग्रेजी को भारत सरकार की आधिकारिक भाषा बनाया गया।
हिंदी भाषा को बढ़ावा देने का प्रयास
- राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने 1955 के संविधान के अनुच्छेद 344 (1)) के अनुसार एक राजभाषा आयोग की स्थापना की गई।
- बाल गंगाधर खेर की अध्यक्षत में स्थापित आयोग ने हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार को कई सिफारिशें की।
- केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 1975 में आधिकारिक उद्देश्यों के लिए हिंदी भाषा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए गृह मंत्री की अध्यक्षता में राजभाषा विभाग की स्थापना की।
चतुर्थ अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन
केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत राजभाषा विभाग ने हिंदी दिवस 2024 के अवसर पर 14 और 15 सितंबर 2024 को नई दिल्ली में चौथे अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन का आयोजन किया।
- राजभाषा विभाग द्वारा 2021 में शुरू किया गया चौथा अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन, संघ के आधिकारिक उद्देश्यों के लिए हिंदी के प्रगतिशील उपयोग को बढ़ावा देता है।
- पहला अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन 2021 में वाराणसी में, दूसरा 2022 में सूरत,गुजरात में और तीसरा 2023 में पुणे, महाराष्ट्र में आयोजित किया गया था।
- इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री ने हिंदी के आधिकारिक भाषा बनने के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में 'राजभाषा भारती' पत्रिका का हीरक जयंती विशेष अंक, एक स्मारक डाक टिकट और सिक्का भी लॉन्च किया।
- गृह मंत्री ने राजभाषा गौरव और राजभाषा कीर्ति पुरस्कार भी प्रदान किये।
अमित शाह ने भारतीय भाषा अनुभाग का शुभारंभ किया
- नई दिल्ली में चौथे अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने भारतीय भाषा अनुभाग का शुभारंभ किया।
- राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय और बंदी संजय कुमार और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
- भारतीय भाषा विभाग की स्थापना राजभाषा विभाग द्वारा की गई है। अनुभाग का उद्देश्य हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं के विकास को बढ़ावा देना और इन भाषाओं के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना है।