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वेस्ट नाइल के पांच मामले सामने आने के बाद केरल में स्वास्थ्य अलर्ट

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
Health Alert in Kerala as Five West Nile Cases Reported Health and Disease 5 min read

केरल सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के तीन जिलों में वेस्ट नाइल बुखार के पांच मामलों की पुष्टि की है। एहतियात के तौर पर, राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने सभी जिला स्वास्थ्य अधिकारियों को सतर्क रहने और प्री-मानसून सफाई अभियान और निगरानी गतिविधियों को बढ़ाकर मच्छर नियंत्रण उपाय करने का आदेश दिया है। वेस्ट नाइल बुखार वेस्ट नाइल वायरस से संक्रमित मनुष्यों में होता है।

केरल में वेस्ट नाइल वायरस का मामला

केरल स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, कोझिकोड, मलप्पुरम और त्रिशूर जिलों से वेस्ट नाइल बुखार के मामले सामने आए हैं।

रिपोर्ट किए गए पांच मामलों में से चार मरीज ठीक हो गए हैं  जबकि एक मरीज अभी भी  निगरानी में है।

केरल में ,वेस्ट नाइल बुखार का पहला मामला 2011 में पाया गया था। वेस्ट नाइल वायरस के कारण पहली मौत 2022 में दर्ज की गई थी जब त्रिशूर जिले के एक 47 वर्षीय व्यक्ति की वेस्ट नाइल वायरल संक्रमण से मृत्यु हो गई थी।

वेस्ट नाइल वायरस बुखार क्या है?

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, वेस्ट नाइल वायरस का पहला मामला 1937 में युगांडा के वेस्ट नाइल जिले में दर्ज किया गया था, इसलिए इसे यह नाम दिया गया। 1953 में यह वायरस नील डेल्टा क्षेत्र के पक्षियों में पाया गया। 
  • पक्षियों को वेस्ट नाइल वायरस का प्राकृतिक मेजबान माना जाता है।
  • प्रवासी पक्षियों ने इस वायरस को दुनिया भर में फैलाया है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, प्रमुख पक्षी प्रवास मार्गों पर स्तिथ देशों में वेस्ट नाइल के मामले पाए गए हैं।
  • वेस्ट नाइल वायरस के मामले पूरे अफ्रीका, यूरोप के कुछ हिस्सों में, पश्चिम एशिया, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिकी महाद्वीपों में  कनाडा से वेनेजुएला तक पाये गए हैं।
  • वेस्ट नाइल वायरस फ्लेविवायरस जीनस  वायरस का सदस्य है।

वेस्ट नाइल वायरस का संचरण

  • मानव संक्रमण अधिकतर संक्रमित मच्छरों के काटने से होता है। क्यूलेक्स प्रजाति के मच्छर इस वायरस के मुख्य वाहक हैं। जब मच्छर संक्रमित पक्षियों को खाते हैं तो वे इस वायरस से संक्रमित हो जाते हैं।
  • वेस्ट नाइल वायरस  जानवरों को भी संक्रमित कर सकते है। विश्व में वाइरस के द्वारा घोड़ों के संक्रामण के  कई मामले सामने आए हैं।
  • वायरस संक्रमित जानवरों के संपर्क में आने से या ऐसे जानवरों के रक्त या अन्य ऊतकों के संपर्क में आने से,यह वाइरस मनुष्यों में फैल सकता है। 
  • मानव संक्रमण अंग प्रत्यारोपण, रक्त आधान और माता के स्तन के दूध के माध्यम से भी पाये गए हैं , लेकिन ऐसी घटनाएं बहुत ही कम हैं।
  • अब तक वेस्ट नाइल वायरस के मानव-से-मानव संचरण की कोई सूचना नहीं मिली है।

वेस्ट नाइल वायरस संक्रमण के कारण स्वास्थ्य समस्या

  • वेस्ट नाइल वायरस मनुष्यों में घातक न्यूरोलॉजिकल रोग का कारण बन सकता है।
  • लगभग 80 प्रतिशत मामलों में बुखार के कोई लक्षण नहीं होते हैं। लेकिन , लगभग 20 प्रतिशत मामलों में, रोगी को गंभीर बुखार, सिरदर्द, थकान, शरीर में दर्द, मतली और उल्टी हो सकती है।
  • बहुत गंभीर मामलों में, यह न्यूरोलॉजिकल बीमारी, जैसे वेस्ट नाइल एन्सेफलाइटिस मेनिनजाइटिस या वेस्ट नाइल पोलियोमाइलाइटिस का कारण बन सकता है
  • वेस्ट नाइल वायरस के खिलाफ मनुष्यों के लिए कोई टीका विकसित नहीं किया गया है, हालांकि, घोड़ों में उपयोग के लिए टीके उपलब्ध हैं।

FAQ

उत्तर: केरल.

उत्तर: क्यूलेक्स प्रजाति के मच्छर।

उत्तर: 1937 में युगांडा के पश्चिमी नील जिला की एक महिला में ।

उत्तर: पक्षी
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