सरकार ने 97 एलसीए मार्क -1ए लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए जारी की निविदा
Utkarsh ClassesLast Updated
07-02-2025
Defence
6 min read
रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार ने हिंदुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से देश में निर्मित 97 एलसीए मार्क - 1ए लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए निविदा जारी की है। इनकी लागत लगभग 65 हजार करोड़ रुपये से अधिक रहने की संभावना है।
स्वदेशी सैन्य उपकरणों का सबसे बड़ा आर्डर:
यह भारत सरकार द्वारा दिया गया स्वदेशी सैन्य उपकरणों का अब तक का सबसे बड़ा आर्डर होगा।
तेजस विमानों का आधुनिक संस्करण:
एलसीए मार्क - 1ए तेजस विमानों का आधुनिक संस्करण है। रक्षा मंत्रालय ने हाल ही में एचएएल को यह निविदा जारी किया है। उसे इस निविदा के संबंध में जवाब देने के लिए तीन माह का समय दिया गया है।
एलसीए मार्क - 1ए मिग विमानों का स्थान लेंगे:
एक अधिकारिक जानकारी के अनुसार सरकारी अफसरों ने बताया कि ये विमान वायुसेना में मिग-21, मिग - 23 और मिग-27 विमानों का स्थान लेंगे। मिग विमानों को या तो वायुसेना से बाहर किया जा चुका है या भविष्य में बाहर किया जाना है।
रक्षा मंत्रालय एवं वायुसेना मुख्यालय के पूर्ण समर्थन वाले इस स्वदेशी लड़ाकू विमान कार्यक्रम से स्वदेशीकरण को तो बढ़ावा मिलेगा ही साथ ही इससे देश में रक्षा कारोबार से जुड़ी लघु एवं मध्यम कंपनियों का व्यवसाय भी बढ़ेगा।
एचएएल के पुनरुद्धार पर बल:
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एचएएल के पुनरुद्धार पर जोर दे रहे हैं। एचएएल ने उनकी सरकार में सभी तरह के स्वदेशी लड़ाकू विमानों व हेलीकाप्टरों के साथ-साथ उनके लिए इंजन बनाने के आर्डर प्राप्त किए हैं।
पीएम ने स्वदेशी लड़ाकू विमान के टेनर वैरिएंट में उड़ान भी भरी थी। यह देश के किसी पीएम द्वारा लड़ाकू विमान में पहली उड़ान थी।
97 और एलसीए मार्क-1ए विमानों को खरीदने की योजना की पहली बार घोषणा एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी स्पेन में की थी। इन विमानों की खरीद का फैसला वायुसेना प्रमुख की अध्यक्षता में स्वदेशी लड़ाकू विमान कार्यक्रम की समीक्षा बैठक के बाद आया है।
इस बैठक में एचएएल समेत कार्यक्रम से जुड़ी सभी कंपनियां शामिल थीं। एलसीए मार्क - 1ए का पिछला आर्डर 83 विमानों का था, जिसके पहले विमान की आपूर्ति अब से कुछ हफ्तों में होनी है।
एलसीए मार्क - 1ए में वायुसेना को आपूर्ति किए जा रहे 40 शुरुआती एलसीए विमानों की तुलना में अधिक उन्नत एवियोनिक्स व रडार हैं। मार्क-1ए में स्वदेशी सामग्री 65 प्रतिशत से अधिक होगी।
एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम) का परीक्षण:
सिक्किम में भारत-चीन सीमा पर सेना के त्रिशक्ति कोर ने 17,000 फीट की ऊंचाई पर सुपर हाई एल्टीट्यूड एरिया में एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम) दागने का परीक्षण किया। इस परीक्षण को ‘एक मिसाइल एक टैंक' नाम दिया गया।
इस दौरान जवानों ने सटीक निशाने लगाए। इस परीक्षण में पूर्वी कमान की सभी मैकेनाइज्ड और इन्फैंट्री इकाइयों की मिसाइल फायरिंग टुकड़ियों ने भाग लिया।
इस दौरान बख्तरबंद खतरों को बेअसर करने की क्षमता का प्रदर्शन किया गया।
हिंदुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के बारे में:
एचएएल एक राज्य के स्वामित्त्व वाली भारतीय एयरोस्पेस और रक्षा कंपनी है। एचएएलका मुख्यालय भारत के बंगलूरू में स्थित है।
इसकी स्थापना बंगलूरू में 23 दिसंबर, 1940 को वालचंद हीराचंद ने हिंदुस्तान एयरक्राफ्ट लिमिटेड के रूप में की थी।
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान मार्च 1941 में सरकार ने कंपनी की एक-तिहाई हिस्सेदारी खरीद ली और स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद जनवरी 1951 में एचएएल को रक्षा मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में ले लिया गया।
बाद में अक्टूबर, 1964 में एचएएल का नवगठित एयरोनॉटिक्स इंडिया लिमिटेड के साथ विलय कर दिया गया। इस तरह एचएएल अस्तित्त्व में आया।
50 से अधिक वर्षों के अनुभव के साथ वर्तमान में एचएएल देश के लिये तमाम तरह के सैन्य हेलीकाप्टरों और विमानों का निर्माण कर रहा है।
इस माह की शुरुआत में रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) ने भारतीय वायु सेना के लिये एचएएल द्वारा विकसित किये जा रहे 106 HTT-40 बेसिक ट्रेनर एयरक्राफ्ट (BTA) की खरीद को मंज़ूरी दी थी।
एचएएल ने भारतीय सेना की सैन्य आवश्यकताओं को पूरा करने में काफी अहम भूमिका निभाई है। किंतु कई अवसरों पर उत्पादन प्रक्रिया मे देरी के कारण इसकी आलोचना भी की जाती रही है।
FAQ
Answer: 97 एलसीए मार्क - 1ए लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए निविदा जारी की है।
Answer: हिंदुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल)
Answer: मार्क - 1ए लड़ाकू विमान वायुसेना में मिग-21, मिग - 23 और मिग-27 विमानों का स्थान लेंगे।
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