केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 28 मार्च 2024 को 2024-2025 के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (एमजीएनआरईजीएस) के तहत अकुशल श्रमिकों के लिए वार्षिक मजदूरी दर संशोधन को अधिसूचित किया। चूंकि आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू है, इसलिए मंत्रालय ने वेतन वृद्धि को अधिसूचित करने से पहले भारत निर्वाचन आयोग की मंजूरी ले ली है। नई मजदूरी दर 1 अप्रैल 2024 से लागू होगी।
2024-25 के लिए राष्ट्रव्यापी औसत मनरेगा मजदूरी 289 रुपये होगी, जो 2023-24 के 261 रुपये में 28 रुपये प्रति दिन की वृद्धि है। मजदूरी दर में वृद्धि अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग है।
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में 3 फीसदी, गोवा में 10.56 फीसदी, कर्नाटक में 10.4 फीसदी, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में 10.29 फीसदी और मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में 9.55 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है।
सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सबसे ज़्यादा मजदूरी दर हरियाणा में है जहां अकुशल श्रमिकों के लिए प्रति दिन 374 रुपये की मजदूरी दर निर्धारित की गई है।
हरियाणा के बाद सबसे ज़्यादा मजदूरी दर गोवा में 356 रुपये प्रति दिन निर्धारित की गयी है।
अकुशल श्रमिकों के लिए सबसे कम मजदूरी दर, अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड में 234 रुपये प्रति दिन है।
कुछ राज्याओ में मजदूरी दर -
एमजीएनआरईएस के तहत, अकुशल श्रमिकों को दी जाने वाली न्यूनतम मजदूरी दर केंद्र सरकार द्वारा तय की जाती है। हालाँकि, राज्य सरकार के पास अकुशल श्रमिकों के लिए अपनी न्यूनतम मजदूरी दर तय करने की शक्ति है, लेकिन यह केंद्रीय दर से कम नहीं होनी चाहिए।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम 2005 की धारा 6(1) के तहत, भारत सरकार एक नए वित्तीय वर्ष (अप्रैल से मार्च) की शुरुआत से पहले मजदूरी दर को संशोधित और अधिसूचित करती है। नया वेतन 1 अप्रैल से लागू होगा।
एमजीएनआरईजीएस के तहत श्रमिकों के लिए मजदूरी दरें उपभोक्ता मूल्य सूचकांक-कृषि मजदूरों (सीपीआई-एएल) से जुड़ी हुई हैं। सीपीआई-(एएल) का प्रकाशन श्रम ब्यूरो, शिमला द्वारा किया जाता है। सीपीआई-एएल का आधार वर्ष 1986-87 है।
संसद ने 23 अगस्त 2005 को राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (नरेगा) पारित किया। यह 2 फरवरी 2006 को राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (एनआरईजीएस) के रूप में भारत के 200 ग्रामीण जिलों में लागू हुआ।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले में इसकी आधिकारिक शुरुआत की। बाद में इसे 1 अप्रैल 2008 से भारत के सभी ग्रामीण जिलों में लागू किया गया।
2 अक्टूबर 2009 को, अधिनियम में संशोधन किया गया और इसका नाम बदलकर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) कर दिया गया। योजना का नाम भी बदलकर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (एमजीएनआरईएस) कर दिया गया।
एमजीएनआरईजीएस के तहत, प्रत्येक ग्रामीण परिवार जिसके वयस्क सदस्य अकुशल शारीरिक काम करने के लिए स्वेच्छा से काम करना चाहते हैं, उन्हें एक वित्तीय वर्ष में कम से कम 100 दिनों की गारंटीकृत मजदूरी रोजगार प्रदान किया जाता है। वयस्क की न्यूनतम आयु 18 वर्ष होनी चाहिये।
महत्वपूर्ण फुल फॉर्म
एमजीएनआरईजीएस/MGNREGS: महात्मा गांधी नेशनल रुरल इम्प्लॉइमेंट गारंटी स्कीम (Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Scheme)
एमजीएनआरईजीए /MGNREGA: महात्मा गांधी नेशनल रुरल इम्प्लॉइमेंट गारंटी एक्ट(Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Act).
एनआरईजीए/NREGA: नेशनल रुरल इम्प्लॉइमेंट गारंटी एक्ट(National Rural Employment Guarantee Act).