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सरकार ने उड़द की मुक्त आयात को 31 मार्च 2026 तक बढ़ाया

Utkarsh Classes Last Updated 12-03-2025
Government extends the free import of Urad till 31st March 2026 Economy 5 min read

देश में आवश्यक दालों की कीमत को नियंत्रित करने के लिए भारत सरकार ने उड़द के मुक्त आयात को 31 मार्च 2026 तक बढ़ा दिया है। भारत सरकार ने मसूर दाल पर भी 10% आयात शुल्क लगाया है और पीली मटर के शुल्क-मुक्त आयात को 31 मई 2025 तक बढ़ा दिया है। 

उड़द के मुक्त आयात के संबंध में अधिसूचना केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के विदेश व्यापार महानिदेशक (डीजीएफ़टी) द्वारा जारी की गई। 

पीली मटर के शुल्क-मुक्त आयात और मसूर दाल पर 10% आयात शुल्क के संबंध में अधिसूचना केंद्रीय वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग द्वारा जारी की गई। 

भारत दुनिया में दालों का सबसे बड़ा उत्पादक, उपभोक्ता और आयातक देश है।

उड़द का आयात 31 मार्च 2026 तक मुफ्त

भारत विश्व में उड़द दालों का सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता देश है, लेकिन देश में उड़द की मांग घरेलू उत्पादन से कहीं ज़्यादा है। मांग और आपूर्ति के बीच के अंतर को पाटने के लिए भारत सरकार ने उड़द के मुक्त आयात को 31 मार्च 2025 तक की अनुमति दी थी।

अब इसे एक साल बढ़ाकर 31 मार्च 2026 कर दिया गया है।

मुक्त आयात का मतलब है कि उड़द के आयात पर कोई मात्रात्मक प्रतिबंध नहीं है और आयात पर कोई सीमा शुल्क नहीं लगाई जाएगी।

मात्रात्मक प्रतिबंध का मतलब है कि आयात की जाने वाली वस्तुओं की मात्रा सरकार द्वारा निर्धारित की जाती है। मात्रात्मक प्रतिबंध नहीं होने का मतलब है कि आयातक जितनी चाहें उतनी उड़द दालें आयात कर सकते हैं।

उड़द आयात से संबंधित आँकड़े

2023-24 में उड़द का कुल आयात 663.21 मिलियन अमरीकी डॉलर था।

2023-24 में म्यांमार उड़द का प्रमुख आपूर्तिकर्ता देश था और भारत ने वित्तीय वर्ष में 646.6 मिलियन अमरीकी डॉलर मूल्य उड़द आयात किया था।

अप्रैल-नवंबर 2024 की अवधि के दौरान भारत का कुल  उड़द आयात 663.21 मिलियन अमरीकी डॉलर था और इसमे म्यांमार का हिस्सा 549 मिलियन अमरीकी डॉलर था।

आयात का स्रोत

  • म्यांमार उड़द के आयात का सबसे बड़ा स्रोत है, इसके बाद सिंगापुर, थाईलैंड और ब्राजील का स्थान आता है।

भारत में उड़द का उत्पादन

  • भारत दुनिया में उड़द का सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता देश है।
  • भारत में उड़द का सबसे बड़ा उत्पादक मध्य प्रदेश है और इसे बाद आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु और महाराष्ट्र का स्थान है।

पीली मटर का शुल्क मुक्त आयात 31 मई 2025 तक बढ़ाया गया

पीली मटर का शुल्क मुक्त आयात तीन महीने बढ़ाकर 31 मई 2025 तक कर दिया गया है।

सरकार ने सबसे पहले दिसंबर 2023 में पीली मटर के शुल्क मुक्त आयात की अनुमति दी थी, जिसे समय-समय से बढ़ाकर 28 फरवरी 2025 तक कर दिया था।

2024 में, भारत ने  6.7 मिलियन टन (एमटी) के कुल दाल आयात में से, पीली मटर के आयात का हिस्सा 3 एमटी था।

भारत में चने के विकल्प के रूप में पीली मटर का उपयोग किया जाता है।

रूस भारत को पीली मटर का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है, उसके बाद कनाडा है।

मसूर दाल पर 10% शुल्क

  • केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने मसूर के आयात पर भी 10% शुल्क लगाया है। शुल्क में 5% मूल सीमा शुल्क और 5% कृषि अवसंरचना और विकास उपकर शामिल है।
  • कनाडा और रूस भारत के लिए मसूर के प्रमुख स्रोत हैं।
  • भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान के अनुसार 2022 में उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा मसूर उत्पादक राज्य था, जो राष्ट्रीय उत्पादन में 36.43% का योगदान देता था।
  • मध्य प्रदेश दूसरे स्थान पर (34.55%), पश्चिम बंगाल (10.53%), बिहार (8.84%) और झारखंड (4.5%) रहा।

FAQ

उत्तर: 31 मार्च 2026। इसे एक वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया।

उत्तर: मध्य प्रदेश, उसके बाद आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु और महाराष्ट्र।

उत्तर: कनाडा, उसके बाद रूस।

उत्तर: उत्तर प्रदेश, उसके बाद मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड।

उत्तर: 10%।

उत्तर: रूस, उसके बाद कनाडा। सरकार ने शुल्क मुक्त आयात को 31 मई 2025 तक बढ़ा दिया है।
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