Home > Current Affairs > National > Government approves ISRO’s interplanertary mission to Venus ,VOM

सरकार ने शुक्र ग्रह के लिए इसरो के अंतरग्रहीय मिशन वीओएम को मंजूरी दी

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
Government approves ISRO’s interplanertary mission to Venus ,VOM Space 6 min read

केंद्र सरकार ने शुक्र ग्रह का अध्ययन करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अंतरग्रहीय वीनस ऑर्बिटर मिशन (वीओएम) को मंजूरी दे दी है। वीनस ऑर्बिटर मिशन, जिसे सुक्रायान  मिशन के रूप में भी जाना जाता है, को 18 सितंबर 2024 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी दी गई थी।

यह मार्स ऑर्बिटर मिशन या मंगलयान के बाद इसरो का दूसरा अंतरग्रहीय मिशन है। मंगलयान को इसरो द्वारा  5 नवंबर 2013 को प्रक्षेपित किया गया था।

सोवियत संघ, संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपीय संघ और जापान के बाद भारत शुक्र पर अंतरिक्ष यान भेजने वाला पांचवां देश बन जाएगा।

वीनस ऑर्बिटर मिशन या सुक्रायान  मिशन 

वीनस ऑर्बिटर मिशन या सुक्रायान मिशन के लिए कुल स्वीकृत बजट 1236 करोड़ रुपये है, जिसमें से अंतरिक्ष यान को विकसित करने पर 824.00 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

इस मिशन के मार्च 2028 में प्रक्षेपित होने की उम्मीद है, जब पृथ्वी और शुक्र एक सीध में आ जाएंगे,इससे अंतरिक्ष यान द्वारा शुक्र की कक्षा में प्रवेश करने के लिए न्यूनतम ईंधन का उपयोग किया जाएगा।

अपने प्रक्षेपण के बाद, शुक्रयान के अंततः शुक्र ग्रह के वैज्ञानिक अवलोकन के लिए ग्रह की ध्रुवीय कक्षा में स्थापित होने की उम्मीद है।

वीनस ऑर्बिटर मिशन का वैज्ञानिक उद्देश्य 

  • वीनस ऑर्बिटर मिशन या सुक्रायान मिशन का प्राथमिक वैज्ञानिक उद्देश्य शुक्र ग्रह के वायुमंडलीय रसायन विज्ञान और सौर हवा के साथ परस्पर क्रिया  का अध्ययन करते हुए शुक्र की सतह और उपसतह का मानचित्रण करना है।
  • इसमें जमीन में भेदने वाला रडार होगा जो शुक्र की उपसतह का नक्शा तैयार करेगा, जिससे वैज्ञानिकों को शुक्र के भूविज्ञान और विकास को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी।
  • शुक्रयान मिशन में विदेशों से वैज्ञानिक उपकरण ले जाने की उम्मीद है।

अन्य देशों का शुक्र ग्रह पर मिशन 

  • शुक्र ग्रह पर सफलतापूर्वक उड़ान भरने वाला पहला अंतरिक्ष यान संयुक्त राज्य अमेरिका के नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा ) का मेरिनर-2 था। इसे 1962 में नासा द्वारा प्रक्षेपित किया गया था।
  • हाल ही में, जापान ने 2010 में शुक्र के लिए अपना अकात्सुकी मिशन प्रक्षेपित किया था और इसने  2015 में शुक्र की कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश किया । 
  • नासा ने 2029 में अपनी DAVINCI (डीप एटमॉस्फियर वीनस इन्वेस्टिगेशन ऑफ नोबल गैसेज, केमिस्ट्री और इमेजिंग) मिशन और 2031 में VERITAS (वीनस एमिसिटी, रेडियो साइंस, InSAR, टोपोग्राफी और स्पेक्ट्रोस्कोपी) मिशन को शुक्र ग्रह पर भेजने की योजना बनाई है।
  • यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी 2031 में  शुक्र गृह के लिए अपना एनविज़न मिशन प्रक्षेपित करने का  योजना बना रहा  है।
  • रूस ने घोषणा की है कि वह 2029 में शुक्र ग्रह के लिए अपना वेनेरा-डी मिशन प्रक्षेपित करेगा। मिशन में एक ऑर्बिटर होगा जो ग्रह का चक्कर लगाएगा और एक लैंडर होगा जो शुक्र गृह की सतह पर उतरने का प्रयास करेगा।

शुक्र ग्रह के बारे में 

  • शुक्र हमारे सौर मंडल में बुध के बाद सूर्य के निकट दूसरा ग्रह है।
  • शुक्र पृथ्वी के सबसे निकट का ग्रह है और इसका आकार एवं घनत्व लगभग पृथ्वी के समान है। इसीलिए इसे पृथ्वी की जुड़वाँ या पृथ्वी की बहन भी कहा जाता है।
  • वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि शुक्र सौर मंडल का पहला रहने योग्य ग्रह हो सकता है, जहां बंजर होने से पहले पृथ्वी की तरह पानी और जीवन-समर्थक जलवायु थी।
  • शुक्र ग्रह मुख्य रूप से कार्बन डाई ऑक्साइड के घने बादलों से घिरा हुआ है और क्योंकि इस ग्रह में अधिकतम  और न्यूनतम तापमान में बहुत ही कम अन्तर होता है इस कारण यह सौरमंडल का सबसे गर्म ग्रह है।
  • यह एक चमकीला ग्रह है, इसीलिए इसे सुबह और शाम का तारा भी कहा जाता है।
  • हमारे सौर मंडल में केवल दो ग्रह -शुक्र और अरुण (यूरेनस) जो अपनी धुरी पर दक्षिणावर्त या पूर्व से पश्चिम दिशा में घूर्णन करते हैं। इसका मतलब है की शुक्र और यूरेनस पर सूर्य पश्चिम में उगता है और पर पूर्व में अस्त होता है। पृथ्वी सहित बाकी ग्रह अपनी धुरी पर वामावर्त दिशा में घूमते हैं।

FAQ

उत्तर : 1236 करोड़ रूपये

उत्तर: मार्च 2018

उत्तर: मंगल ग्रह का अध्ययन करने के लिए मार्स ऑर्बिटर मिसन या मंगलयान को 2013 में प्रक्षेपित किया गया था।

उत्तर: शुक्र

उत्तर: वीनस ऑर्बिटर मिशन। इसरो का शुक्र ग्रह मिशन
Leave a Review

Today's Article

Utkarsh Classes
DOWNLOAD OUR APP

Utkarsh Classes: Prepare for State & Central Govt Exams

With the trust and confidence of our students, the Utkarsh Mobile App has become a leading educational app on the Google Play Store. We are committed to maintaining this legacy by continually updating the app with unique features to better serve our aspirants.