सीखने के लिए तैयार हैं?
अपने शैक्षणिक लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में पहला कदम उठाएँ। चाहे आप परीक्षा की तैयारी कर रहे हों या अपने ज्ञान का विस्तार कर रहे हों, शुरुआत बस एक क्लिक दूर है। आज ही हमसे जुड़ें और अपनी पूरी क्षमता को अनलॉक करें।
832, utkarsh bhawan, near mandap restaurant, 9th chopasani road, jodhpur rajasthan - 342003
support@utkarsh.com
+91-9116691119
सीखने के साधन
Teaching Exams
Rajasthan Govt Exams
Central Govt Exams
Civil Services Exams
Nursing Exams
School Tuitions
Other State Govt Exams
Agriculture Exams
College Entrance Exams
© उत्कर्ष क्लासेज एंड एडुटेक प्राइवेट लिमिटेड सभी अधिकार सुरक्षित

Utkarsh Classes
Updated: 07 Aug 2023
3 Min Read

हाल ही में वाल्मीकि फलेरियो की पुस्तक 'गोवा 1961: द कंप्लीट स्टोरी ऑफ़ नेशनलिज्म एंड इंटीग्रेशन ऑफ़ गोवा' प्रकाशित की गई है। इस पुस्तक का प्रकाशन वाइकिंग इंडिया द्वारा जुलाई 2023 में किया गया।
इस पुस्तक में फलेरो ने गोवा को किस प्रकार से भारत का हिस्सा बनाया गया उसकी कहानी बताई है।
इस पुस्तक के अनुसार गोवा में 36 घंटे के सैन्य हस्तक्षेप के बाद 19 दिसंबर, 1961 को पुर्तगाली शासन से गोवा को मुक्त कराया जा सका।
इस पुस्तक में न केवल 1961 से पूर्व और 1961 के गोवा की चर्चा की गई है, बल्कि ढेर सारी भावनाओं, विविध आख्यानों और घटनाओं को भी सामने लाता है। पुस्तक में शामिल कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों को निम्न बिन्दुओं में देखा जा सकता है:
हैदराबाद के निज़ाम पुर्तगालियों से गोवा खरीदकर अपना एक बंदरगाह बनाना चाहते थे और उस देश के तीसरे हिस्से के रूप में पाकिस्तान में शामिल होना चाहते थे।
गोवा स्थित एक नागरिक एयरलाइन, ट्रांसपोर्टेस एरेओस दा इंडिया पोर्टुगुसा (टीएआईपी) ने 1955 में दो डी हैविलैंड क्वाड-इंजन हेरोन्स के साथ परिचालन आरंभ किया। टीएआईपी भारत की पहली नागरिक एयरलाइन थी जिसकी एयरहोस्टेस वर्दी के रूप में साड़ी पहनती थीं।
1750 के दशक की शुरुआत में, पुर्तगालियों के विरुद्ध एक सशस्त्र विद्रोह की योजना पहले मूल निवासी बिशप माटेउस कास्त्रो महाले ने बनाई थी।
1961 के दौरान प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने पश्चिमी राष्ट्रों को आस्वस्त था कि वे गोवा पर बल प्रयोग नहीं करेंगे।
19 दिसंबर, 1961 को भारत ने दुनिया के सामने घोषणा की कि गोवा को पुर्तगाल से 'मुक्त' कर लिया गया है।
गोवा के अंतिम पुर्तगाली गवर्नर मैनुअल एंटोनियो वासालो ई सिल्वा ने भारतीय सेना के ब्रिगेडियर ढिल्लो के समक्ष आत्मसर्पण किया था। उसके बाद वासालो ई सिल्वा को लगभग पांच महीने भारतीय जेलों में रहना पड़ा था।
9 अगस्त, 1965 को, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने माना कि गोवा को 'विजय द्वारा हासिल किया गया' था।
408 पृष्ठों की इस पुस्तक में उल्लेखित तथ्यों को कई अधिकारिक स्रोतों से प्रमाणित किया गया है। इसलिए फलेइरो की पुस्तक को एक गहन अकादमिक अध्ययन के रूप के रूप में भी लिया जाना उचित होगा।
"गोवा 1961" के अलावा, वाल्मिकी फलेरियो ने दो अन्य पुस्तकें भी लिखी हैं - "पैट्रियोटिज्म इन एक्शन: गोअन्स इन इंडियाज डिफेंस सर्विसेज" और "सोअरिंग स्पिरिट: 450 इयर्स ऑफ मडगांव्स एस्पिरिटो सैंटो चर्च 1565-2015।"
राजधानी: पणजी
प्रथम राज्यपाल: मेजर जनरल केपी कैंडेथ (सैन्य गवर्नर)
प्रथम मुख्यमंत्री: दयानंद बांदोडकर
वर्तमान राज्यपाल: पी एस श्रीधरन पिल्लई
Still have questions?
Can't find the answer you're looking for? Please contact our friendly team.
अपने नजदीकी सेंटर पर विजिट करें।

1-Liner PDFs FREE !
Kumar Gaurav Sir ki Class PDF aur Daily One-Liner CA – Bilkul Free! Rozana preparation ko banaye aur bhi Damdaar!