गुजरात के गांधीनगर में जी20 स्वास्थ्य मंत्रियों की तीन दिवसीय बैठक का 19 अगस्त 2023 को समापन किया गया।
इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनोम घेबियस ने संबोधित किया।
इस बैठक का उद्देश्य स्वास्थ्य देखभाल में भविष्य के निवेश के प्रभाव को बढ़ाने के उद्देश्य से सामूहिक जवाबदेही को बेहतर करते हुए स्वास्थ्य प्रणालियों के लिए वैश्विक डिजिटल स्वास्थ्य में हाल के और पिछले लाभों को समेकित करना तथा विस्तार देना है।
तीन दिवसीय इस बैठक में तीन प्राथमिकता वाले क्षेत्रों जैसे एंटी-बॉयोटिक प्रतिरोध, स्वास्थ्य सेवाओं के लिए एक फ्रेमवर्क के साथ स्वास्थ्य आपात स्थिति की रोकथाम और आवश्यक तैयारियों जैसे विषयों पर ध्यान केन्द्रित किया गया।
इसमें फार्मास्युटिकल क्षेत्र और डिजिटल स्वास्थ्य नवाचारों के क्षेत्र में परस्पर सहयोग को मजबूत करने पर भी जोर दिया गया।
स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक के दूसरे दिन भारत की जी20 स्वास्थ्य प्राथमिकताओं पर महत्वपूर्ण सत्र आयोजित हुए।
जी20 स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक के अंतिम दिन भारत की अध्यक्षता के तहत वित्त और स्वास्थ्य मंत्रिस्तरीय पहली संयुक्त बैठक भी हुई।
डॉ. मांडविया ने चिकित्सा संबंधी उपायों के बारे में जानकारी दी कि जी20 देशों के रूप में हमें विशेष रूप से एलएमआईसी और एलआईसी पर ध्यान केंद्रित करते हुए न्यायसंगत चिकित्सा उपायों की पहुंच व उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए वैश्विक सहयोग को सशक्त बनाने की दिशा में काम करने की आवश्यकता है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने वैश्विक सहयोग और साझेदारी के महत्व को भी रेखांकित किया। भारत की जी20 अध्यक्षता ने "नेटवर्क के नेटवर्क" दृष्टिकोण को अपनाते हुए एक वैश्विक चिकित्सा प्रति-उपाय समन्वय तंत्र बनाने के लिए जी7 देशों, विश्व स्वास्थ्य संगठन और जोहान्सबर्ग प्रक्रियाओं सहित अन्य मंचों के साथ तालमेल में इस एजेंडे को प्राथमिकता दी है।
डिजिटल-इन-हेल्थ: अनलॉकिंग द वैल्यू फॉर एवरीवन नामक रिपोर्ट:
सम्मेलन के अंतिम दिन में दूसरे सत्र के दौरान विश्व बैंक की डिजिटल-इन-हेल्थ: अनलॉकिंग द वैल्यू फॉर एवरीवन नामक रिपोर्ट जारी की गई।
यह रिपोर्ट स्वास्थ्य डेटा के सरल डिजिटलीकरण से लेकर स्वास्थ्य प्रणालियों में डिजिटल प्रौद्योगिकी को पूरी तरह से एकीकृत करने तक विचार करने का एक नया तरीका प्रस्तुत करती है।
यह स्वास्थ्य वित्तपोषण, सेवा वितरण, निदान, चिकित्सा शिक्षा, महामारी से निपटने की तैयारी, जलवायु एवं स्वास्थ्य प्रयासों, पोषण और बढ़ती आयु के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकियों को शामिल करने पर केंद्रित है।
वित्त और स्वास्थ्य संयुक्त कार्य बल (जेएफएचटीएफ):
वित्त एवं स्वास्थ्य मंत्रिस्तरीय पहले संयुक्त सम्मेलन की अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन और डॉ. मनसुख मांडविया ने की।
बैठक में चर्चा के दौरान, वित्त एवं स्वास्थ्य मंत्रियों ने वित्त और स्वास्थ्य संयुक्त कार्य बल (जेएफएचटीएफ) के तहत वित्त तथा स्वास्थ्य मंत्रालयों के बीच बेहतर सहयोग के माध्यम से महामारी की रोकथाम, निपटने की तैयारी और कार्रवाई (पीपीआर) के लिए वैश्विक स्वास्थ्य ढांचे को सशक्त करना जारी रखने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
डॉ. मनसुख मांडविया ने संयुक्त कार्य बल की बैठक में महामारी कोष द्वारा प्रस्तावों के लिए पहले आह्वान की घोषणा की।
ऐसी 75% से अधिक परियोजनाएं जिन्हें इस प्रारंभिक आह्वान से समर्थन प्राप्त होगा, वे एलआईसी/एलएमआईसी देशों के भीतर केंद्रित हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने भविष्य के स्वास्थ्य संकटों के लिए एक महत्वपूर्ण सबक के रूप में डे जीरो फाइनेंसिंग की आवश्यकता को स्वीकार किया।
विश्व स्वास्थ्य संगठन और विश्व बैंक के साथ-साथ जी20 तथा जी7 देशों में इस मुद्दे को हल करने के उद्देश्य से एक प्रणाली बनाने के लिए चल रहे प्रयासों को एकजुट करने की आवश्यकता है।
बहु-वर्षीय कार्य योजना:
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए निर्मला सीतारमन ने कहा कि भारत की जी20 अध्यक्षता के तहत संयुक्त कार्य बल ने पहली बार एक बहु-वर्षीय कार्य योजना को अपनाया है और चयनित प्रमुख क्षेत्रीय संगठनों को भी इसमें आमंत्रित किया है, जिससे कम आय वाले देशों की आवश्यकताओं को भी सामने रखा जा सके।
वित्त एवं स्वास्थ्य मंत्रियों ने भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान जेएफएचटीएफ द्वारा दिए गए विचारों का स्वागत किया जिनमें निम्नलिखित बिंदु शामिल किये गए हैं:
विश्व स्वास्थ्य संगठन, विश्व बैंक, अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष और यूरोपियन इन्वेस्टमेंट बैंक के बीच सहयोग के माध्यम से आर्थिक परेशानियों तथा जोखिमों (एफईवीआर) के लिए रूपरेखा बनाई गई है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन और विश्व बैंक द्वारा तैयार किये गए महामारी प्रतिक्रिया वित्तपोषण विकल्पों एवं अंतरालों की मैपिंग पर रिपोर्ट।
कोविड-19 महामारी के दौरान वित्त स्वास्थ्य संस्थागत व्यवस्थाओं पर सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों पर रिपोर्ट।