भारतीय नौसेना ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के सहयोग से 25 फरवरी 2025 को स्वदेशी रूप से विकसित नौसेना एंटी-शिप मिसाइल -शॉर्ट रेंज (एनएएसएम-एसआर) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है।
मिसाइल को 25 फरवरी 2025 को ओडिशा के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) से भारतीय नौसेना के सी किंग एमके 42बी हेलीकॉप्टर से दागा गया था।
एनएएसएम-एसआर , देश की पहली स्वदेशी रूप से विकसित वायु-प्रक्षेपित एंटी-शिप मिसाइल प्रणाली है जो समुद्र के लहरों से ऊपर उड़ होते हुए अपने लक्ष्य पर वार करने में सक्षम है।
इस मिसाइल का पहला परीक्षण मई 2022 में किया गया था।
डीआरडीओ के मुताबिक, परीक्षण में मिसाइल के मैन-इन लूप फीचर को सफलतापूर्वक सत्यापित किया गया।
एनएसएएम-एसआर की अनूठी विशेषता इसका मैन-इन लूप है।
मिसाइल में दोनों -फायर एंड फॉरगेट और मैन-इन-लूप ,विशेषताएं हैं।
फायर एंड फॉरगेट या दागो और भूल जाओ का मतलब है कि पायलट लक्ष्य पर निशाना लगा कर मिसाइल को दाग देता है। हीट सीकर से लैस यह मिसाइल, लड़ाकू विमान या हमलावर हेलीकॉप्टर के पायलट के किसी भी मार्गदर्शन के बिना लक्ष्य पर हमला कर सकता है।
मैन-इन लूप का मतलब है कि मिसाइल हेलीकॉप्टर के पायलट के साथ दोतरफा डेटा लिंक बनाए रखती है। मिसाइल दागने के बाद पायलट दूर से मिसाइल को नियंत्रित करता है और इसे सटीकता के साथ चयनित लक्ष्य तक निर्देशित करता है। पायलट लक्ष्य का चयन करता है क्योंकि उड़ान के दौरान मिसाइल उस क्षेत्र की लाइव तस्वीरें पायलट को भेजती रहती है जिस क्षेत्र के ऊपर वह उड़ रही है।
इससे जरूरत पड़ने पर पायलट , मिसाइल का लक्ष्य बदल सकता है।
डीआरडीओ के अध्यक्ष : डॉ समीर वी कामथ