Home > Current Affairs > National > DRDO & Indian Navy Successfully Test NASM-SR Missile in Chandipur

डीआरडीओ और भारतीय नौसेना ने चांदीपुर में एनएएसएम-एसआर मिसाइल का सफल परीक्षण किया

Utkarsh Classes Last Updated 27-02-2025
DRDO & Indian Navy Successfully Test NASM-SR Missile in Chandipur Defence 4 min read

भारतीय नौसेना ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के सहयोग से 25 फरवरी 2025 को स्वदेशी रूप से विकसित नौसेना एंटी-शिप मिसाइल -शॉर्ट रेंज (एनएएसएम-एसआर) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है।

मिसाइल को 25 फरवरी 2025 को ओडिशा के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) से भारतीय नौसेना के सी किंग एमके 42बी हेलीकॉप्टर से दागा गया था।

एनएएसएम-एसआर , देश की पहली स्वदेशी रूप से विकसित वायु-प्रक्षेपित एंटी-शिप मिसाइल प्रणाली है जो समुद्र के लहरों से ऊपर उड़ होते हुए अपने लक्ष्य पर वार करने में सक्षम है। 

इस मिसाइल का पहला परीक्षण मई 2022 में किया गया था।

डीआरडीओ के मुताबिक, परीक्षण में मिसाइल के मैन-इन लूप फीचर को सफलतापूर्वक सत्यापित किया गया।

मिसाइल की मैन इन लूप विशेषता क्या है?

एनएसएएम-एसआर की अनूठी विशेषता इसका मैन-इन लूप है।

मिसाइल में  दोनों -फायर एंड फॉरगेट और मैन-इन-लूप ,विशेषताएं हैं। 

फायर एंड फॉरगेट या दागो और भूल जाओ का मतलब है कि पायलट लक्ष्य पर निशाना लगा कर मिसाइल  को दाग देता है। हीट सीकर से लैस यह मिसाइल, लड़ाकू विमान या हमलावर हेलीकॉप्टर के पायलट के किसी भी मार्गदर्शन के बिना लक्ष्य पर हमला कर सकता है।

मैन-इन लूप का मतलब है कि मिसाइल हेलीकॉप्टर के पायलट के साथ दोतरफा डेटा लिंक बनाए रखती है। मिसाइल दागने के बाद पायलट दूर से मिसाइल को नियंत्रित करता है और इसे सटीकता के साथ चयनित लक्ष्य तक निर्देशित करता है। पायलट लक्ष्य का चयन करता है क्योंकि उड़ान के दौरान मिसाइल उस क्षेत्र की लाइव तस्वीरें पायलट को  भेजती रहती है जिस क्षेत्र के ऊपर वह उड़ रही है।

इससे जरूरत पड़ने पर पायलट , मिसाइल का लक्ष्य बदल सकता है।

एनएएसएम-एसआर मिसाइल की विशेषता 

  • एनएएसएम-एसआर  मिसाइल, एनएएसएम परिवार की मिसाइलों का एक हेलीकॉप्टर-प्रक्षेपित संस्करण है।
  • यह 0.8 मैक की औसत क्रूज़ गति वाला एक सब सोनिक मिसाइल है।
  • यह दो-चरणीय ठोस-प्रणोदक रॉकेट मोटर द्वारा संचालित है।
  • मिसाइल की कुल लंबाई 3.6 मीटर और व्यास 300 मिमी और वजन लगभग 380 किलोग्राम है।
  • मिसाइल की अधिकतम मारक क्षमता 55 किमी है।

मिसाइल के विकासकर्ता 

  • डीआरडीओ ने अपने अनुसंधान केंद्र इमारत, रक्षा अनुसंधान और विकास प्रयोगशाला, उच्च ऊर्जा सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला और टर्मिनल बैलिस्टिक अनुसंधान प्रयोगशाला के योगदान से इस मिसाइल को विकसित किया है।
  • इस मिसाइल का निर्माण अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस कंपनी कर रही है।

मिसाइल का प्लेटफार्म 

  • इस मिसाइल को एक हेलीकॉप्टर से दागे जाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
  • अब तक भारतीय नौसेना ने ऑगस्टा वेस्टलैंड के सी किंग एमके 42बी हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल किया है।
  • उम्मीद है कि भारतीय नौसेना अपने सी किंग हेलीकॉप्टरों को रिटायर कर देगी और मिसाइल को अमेरिकी सिकोरस्की MH-60R और स्वदेशी रूप से विकसित हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की ध्रुव हेलीकॉप्टरों के साथ एकीकृत किया जाएगा।


डीआरडीओ के अध्यक्ष : डॉ समीर वी कामथ

FAQ

उत्तर: नौसेना एंटी-शिप मिसाइल-शॉर्ट रेंज (एनएसएएम-एसआर)

उत्तर: चांदीपुर, ओडिशा

उत्तर: 55 किलोमीटर

उत्तर: अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस कंपनी।
Leave a Review

Today's Article

Utkarsh Classes
DOWNLOAD OUR APP

Utkarsh Classes: Prepare for State & Central Govt Exams

With the trust and confidence of our students, the Utkarsh Mobile App has become a leading educational app on the Google Play Store. We are committed to maintaining this legacy by continually updating the app with unique features to better serve our aspirants.