चेन्नई स्थित स्टार्टअप अग्निकुल कॉसमॉस ने सिंगल-पीस थ्री-डायमेंशनल (3डी) प्रिंटेड इंजन के साथ दुनिया का पहला अंतरिक्ष रॉकेट प्रक्षेपित किया है। चार असफल प्रयासों के बाद, अग्निकुल अपने पांचवें प्रयास में अपना रॉकेट अंतरिक्ष में प्रक्षेपित करने में सफल रहा। अग्निबाण नामक रॉकेट भारत का पहला अर्ध-क्रायोजेनिक इंजन-संचालित रॉकेट लॉन्च है, जिसे पूरी तरह से स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित किया गया था।
अग्निकुल ने 3डी-मुद्रित रॉकेट बनाने के लिए इंकोनेल धातु का उपयोग किया। इनकोनेल एक मिश्र धातु है जो ऑक्सीकरण-संक्षारण प्रतिरोधी है और अंतरिक्ष यात्रा के लिए उपयुक्त है।
अग्निकुल अंतरिक्ष में अपना रॉकेट प्रक्षेपित करने वाली दूसरी भारतीय निजी कंपनी बन गई है। रॉकेट प्रक्षेपित करने वाली पहली निजी कंपनी हैदराबाद स्टार्टअप स्काईरूट एयरोस्पेस थी। इसने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) श्रीहरिकोटा लॉन्चपैड से अपना स्वदेशी रूप से विकसित विक्रम-एस रॉकेट अक्टूबर 2022 में प्रक्षेपित किया था।
अग्निबाण रॉकेट एक अनुकूलन योग्य दो चरण वाला रॉकेट है जिसकी लगभग 20 मीटर ऊंचा है। रॉकेट पृथ्वी से लगभग 700 किमी ऊपर स्तिथ निचली पृथ्वी की कक्षाओं (एलईओ) तक 300 किलोग्राम तक का उपग्रह ले जा सकता है। अग्निबाण एक SOrTeD (सबऑर्बिटल टेक्नोलॉजिकल डिमॉन्स्ट्रेटर) है जिसमें प्लग-एंड-प्ले कॉन्फ़िगरेशन है। प्लग-एंड-प्ले कॉन्फ़िगरेशन का मतलब है कि रॉकेट को अंतरिक्ष में ले जाने वाले उपग्रह के आधार पर विस्तारित या छोटा किया जा सकता है।
रॉकेट तरल प्रणोदक-तरल ऑक्सीजन या केरोसिन का ईंधन के रूप में उपयोग करता है।
अग्निकुल का पेटेंटेड अग्निलेट इंजन दुनिया का पहला सिंगल-पीस 3डी-प्रिंटेड इंजन है। एग्निलेट इंजन का डिज़ाइन, परीक्षण और निर्माण भारत में किया गया था और 2021 में इसका सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था।
चेन्नई स्तिथ अग्निकुल कॉसमॉस की स्थापना 2017 में मोइन एसपीएम और श्रीनाथ रविचंद्रन द्वारा आईआईटी मद्रास के सहयोग से की गई थी। कंपनी वाणिज्यिक अंतरिक्ष अभियानों के लिए छोटे प्रक्षेपण यान बनाती है और सूक्ष्म और नैनो उपग्रहों के लिए कक्षीय श्रेणी के रॉकेट डिजाइन, निर्माण, परीक्षण और प्रक्षेपण करती है।
अग्निकुल कॉसमॉस स्टार्टअप भारत की पहली कंपनी थी जिसने 3डी-प्रिंटेड रॉकेट बनाने में सक्षम फैक्ट्री बनाई है।
अग्निकुल ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में भारत का पहला निजी तौर पर निर्मित रॉकेट लॉन्चपैड, 'धनुष' डिजाइन और विकसित किया है । यह लॉन्चपैड इसरो के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र-एसएचएआर (एसडीएससी-एसएचएआर) श्रीहरिकोटा स्पेसपोर्ट में स्थित है। इसरो ने अपना रॉकेट एसडीएससी-एसएचएआर से प्रक्षेपित करता है।
लॉन्चपैड का निर्माण भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (आईएसआरओ ) और भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe) की मदद से किया गया था।