सितंबर के आखिरी गुरुवार को दुनिया भर में समुद्री समुदायों द्वारा विश्व समुद्री दिवस मनाया जाता है।
2024 में, विश्व समुद्री दिवस 26 सितंबर 2024 को मनाया जा रहा है । यह दिन विश्व के व्यावसायिक समुद्री मार्गों की सुरक्षा, समुद्री सुरक्षा और समुद्री पर्यावरण के महत्व पर केंद्रित है तथा अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन के काम के एक विशेष पहलू पर जोर देता है।
हालाँकि,देश में राष्ट्रीय समुद्री दिवस भी मनाया जाता है, जो विश्व समुद्री दिवस से अलग है।
भारत में राष्ट्रीय समुद्री दिवस ,हर साल 5 अप्रैल को मनाया जाता है। राष्ट्रीय समुद्री दिवस पहली बार 5 अप्रैल 1964 को जागरूकता फैलाने और देश की आर्थिक वृद्धि और विकास को बढ़ाने में भारत के समुद्री क्षेत्र के प्रयासों और योगदान को पहचानने के लिए मनाया गया था।
2024 राष्ट्रीय समुद्री दिवस का विषय : "भविष्य की दिशा तय करना: सुरक्षा सर्वप्रथम"(नेविगेटिंग द फ्यूचर: सेफ्टी फर्स्ट) थी।
अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (आईएमओ) ने आईएमओ कन्वेंशन के लागू होने की 20वीं वर्षगांठ के अवसर पर 1978 में पहला विश्व समुद्री दिवस आयोजित किया था।
तब से, यह हर साल सितंबर के आखिरी गुरुवार को मनाया जाता है। हार साल लंदन, यूनाइटेड किंगडम में स्थित आईएमओ के मुख्यालय में एक समारोह आयोजित किया जाता है, और 2005 से, आईएमओ के एक सदस्य देश द्वारा एक समानांतर कार्यक्रम की मेजबानी की जाती है।
इस वर्ष, समानांतर कार्यक्रम 20 से 22 अक्टूबर 2024 तक स्पेन में आयोजित किया जाएगा।
अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन किसी मुद्दे को उजागर करने के लिए विश्व समुद्री दिवस का विषय चुनता है। इस वर्ष, आईएमओ ने विश्व समुद्री दिवस के विषय के रूप में भविष्य की दिशा तय करना: सुरक्षा सर्वप्रथम (नेविगेटिंग द फ्यूचर: सेफ्टी फर्स्ट) को चुना है।
यह विषय, दुनिया के व्यावसायिक समुद्री मार्गों की सुरक्षा बढ़ाने पर विश्व का ध्यान आकर्षित करने कर का अवसर प्रदान करती है।
2024 समुद्र में जीवन की सुरक्षा के लिए अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन (एसओएलएएस) को अपनाने के 50 वर्ष का भी प्रतीक है।
एसओएलएएस को 1 नवंबर 1974 को अपनाया गया और 25 मई 1980 को इसे लागू किया गया । इस संधि को व्यापारिक जहाजों की सुरक्षा से संबंधित सभी अंतरराष्ट्रीय संधियों में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है।
इस वर्ष का विषय, सतत विकास के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंडा 2030 और 17 सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) से भी जुड़ी हुई है।
ये एसडीजी हैं : सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा (एसडीजी 7); उद्योग, नवाचार और बुनियादी ढाँचा (एसडीजी 9); जलवायु कार्रवाई और महासागरों, समुद्रों और समुद्री संसाधनों का सतत उपयोग (एसडीजी 13 और 14); और इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए साझेदारी और कार्यान्वयन का महत्व (एसडीजी 17)।
अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (आईएमओ) की स्थापना संयुक्त राष्ट्र द्वारा एक अंतर-सरकारी समुद्री सलाहकार संगठन के रूप में की गई थी और 1982 में इसका वर्तमान नाम अपनाया गया था।
आईएमओ 1958 में अस्तित्व में आया।
आईएमओ का प्राथमिक कार्य अंतरराष्ट्रीय व्यावसायिक समुद्री मार्गों की सुरक्षा को बढ़ावा देना, जहाज़रानी गतिविधियों के कारण होने वाले समुद्री प्रदूषण को रोकना और हरित जहाज़रानी को बढ़ावा देकर जलवायु परिवर्तन से निपटने में योगदान देना है।
मुख्यालय: लंदन, यूनाइटेड किंगडम
सदस्य: 176 देश
महासचिव: पनामा के आर्सेनियो डोमिंगु (2024-2028)
महत्वपूर्ण फुल फॉर्म
आईएमओ/IMO: इंटरनेशनल मैरिटाइम आर्गेनाईजेशन (International Maritime Organisation)