केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) 27 जुलाई 2024 को अपना स्थापना दिवस मना रहा है। इसी दिन केंद्र सरकार के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल, सीआरपीएफ को भारत के ब्रिटिश शासकों द्वारा 1939 में क्राउन रिप्रेजेंटेटिव पुलिस के रूप में स्थापित किया गया था।
सीआरपीएफ भारत सरकार के सात केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) में से एक है, अन्य हैं -
असम राइफल्स, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), भारत-तिब्बत पुलिस बल (आईटीबीपी), राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी)।
सीआरपीएफ सबसे बड़ा सीएपीएफ है और आंतरिक सुरक्षा के कार्य के लिए समर्पित है
सीआरपीएफ का गठन
सीआरपीएफ की स्थापना 27 जुलाई 1939 में अंग्रेजों द्वारा देश में विशेषकर रियासतों में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए एक विशेष बल के रूप में क्राउन रिप्रेजेंटेटिव पुलिस के रूप में की गई थी।
स्वतंत्रता के बाद भारतीय संसद ने 1949 में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ़ )अधिनियम पारित किया।
28 दिसंबर 1949 को सीआरपीएफ अधिनियम 1949 के प्रावधान के अनुसार बल का नाम बदलकर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) कर दिया गया।
इस अधिनियम ने सीआरपीएफ को भारत सरकार के गृह मंत्रालय के तहत का एक बल बनाया गया है।
भारत में सीआरपीएफ की भूमिका
- आजादी के बाद सीआरपीएफ ने कानून व्यवस्था बनाए रखने में राज्य सरकार की मदद करने के अलावा बहुआयामी भूमिका निभाई है ।
- सीआरपीएफ ने आजादी के बाद देशी रियासतों के भारत में एकीकरण में केंद्र सरकार की मदद की थी।
- इसे पाकिस्तान और चीन से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर तैनात किया गया था। इसने 1965 और 1971 के भारत-पाक युद्ध और 1962 के भारत-चीन युद्ध में भारतीय सेना के साथ लड़ाई लड़ी।
- भारत सरकार द्वारा अन्य विशिष्ट अर्ध-सैन्य बलों की स्थापना के बाद, सीआरपीएफ़ की भूमिका को फिर से परिभाषित किया गया।
सीआरपीएफ की विशेष इकाइयाँ
सीआरपीएफ की चार विशेष इकाइयाँ - महिला बटालियन, कोबरा, आरएएफ और वीआईपी सुरक्षा हैं।
महिला बटालियन
- सीआरपीएफ ने 1986 में महिला बटालियन स्थापित करने वाला देश का पहला सीएपीएफ था। वर्तमान में इसमें 6 महिला बटालियन हैं। इन बटालियनों को देश और विदेश में तैनात किया गया है।
- सीआरपीएफ ने 1987 में श्रीलंका में भारतीय शांति सेना (आईपीकेएफ) के साथ अपनी पहली महिला बटालियन तैनात की।
कोबरा इकाई
- 2008 में, सीआरपीएफ ने देश में नक्सली या वामपंथी उग्रवाद की चुनौती से निपटने के लिए एक विशेष बल, कमांडो बटालियन फॉर रेसोल्यूट एक्शन (सीओबीआरए) का गठन किया।
- यह गुरिल्ला और जंगल युद्ध में प्रशिक्षित एक विशेष इकाई है।
- इसे छत्तीसगढ़, बिहार, ओडिशा, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, असम और मेघालय के वामपंथी उग्रवादी क्षेत्रों में तैनात किया गया है।
रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ)
- रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) या द्रुत कार्य बल की स्थापना सीआरपीएफ द्वारा अक्टूबर 1992 में एक दंगा-विरोधी बल के रूप में की गई थी।
- यह एक त्वरित प्रतिक्रिया बल है जिसे दंगों या सार्वजनिक गड़बड़ी वाले क्षेत्रों में तुरंत तैनात किया जा सकता है।
- आरएएफ संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों के लिए पुरुष और महिला टुकड़ियों को भी प्रशिक्षित करता है।
वीआईपी सुरक्षा
- सीआरपीएफ के पास एक विशेष वीआईपी (बहुत महत्वपूर्ण व्यक्ति) विंग भी है जो केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के अनुसार व्यक्तियों को सुरक्षा प्रदान करता है।
- यह भारत सरकार के मंत्रियों, राज्य के राज्यपालों, मुख्यमंत्रियों, राजनेताओं, सरकारी अधिकारियों, आध्यात्मिक नेताओं, बिजनेस टाइकून और अन्य प्रमुख व्यक्तियों को सुरक्षा प्रदान करता है।
भारत के बाहर सीआरपीएफ की तैनाती
- संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षा मिशन के हिस्से के रूप में सीआरपीएफ को विदेश में भी तैनात किया गया है।
- इसे लाइबेरिया, हैती, नामीबिया, सोमालिया, मालदीव ,कोसोवो और लाइबेरिया में तैनात किया गया है।
सीआरपीएफ का आदर्श वाक्य: सेवा और वफादारी
सीआरपीएफ का मुख्यालय: नई दिल्ली
महानिदेशक: अनीश दयाल सिंह