भारत सरकार के अनुसार, पिछले दस वर्षों में, 2014-15 और 2023-24 के बीच, 1,734 वर्ग किलोमीटर वन भूमि को विकास और गैर-वनीय उपयोग के लिए हस्तांतरण किया गया है।
देश में सबसे अधिक वन क्षेत्र वाला राज्य मध्य प्रदेश, गैर-वनीय उपयोग के लिए वन भूमि को हस्तांतरण करने वाले राज्यों की सूची में सबसे आगे है।
यह जानकारी केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने लोकसभा में दी।
18वीं भारत वन स्थिति रिपोर्ट 2023 के अनुसार, 2023 में देश में 8,27,357 वर्ग किलोमीटर जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है, वन और वृक्ष आच्छादन के अंतर्गत है।
2023 में कुल वन आवरण 7,15,343 वर्ग किलोमीटर (देश के भौगोलिक क्षेत्र का 21.76%) और वृक्ष आवरण 1,12,014 वर्ग किलोमीटर (देश के भौगोलिक क्षेत्र का 3.41%) था।
भारत में वन संरक्षित क्षेत्र होते हैं, लेकिन कानून द्वारा स्थापित प्रक्रियाओं का पालन करके इनका उपयोग गैर-वनीय उद्देश्यों जैसे कि बुनियादी ढांचे का निर्माण, खनन आदि के लिए किया जा सकता है।
वन (संरक्षण एवं संवर्धन) अधिनियम, 1980, गैर-वनीय उद्देश्यों के लिए वन भूमि के उपयोग के संबंध में प्रावधान को नियंत्रित करता है।
वन (संरक्षण एवं संवर्धन) अधिनियम, 1980 के तहत, गैर-वनीय उद्देश्यों के लिए वन भूमि के उपयोग की अनुमति देने से पहले राज्य सरकार या किसी सक्षम प्राधिकारी को केंद्र सरकार की अनुमति अनिवार्य है।
केंद्र सरकार की अनुमति के बिना किसी भी वन भूमि को किसी अन्य उपयोग के लिए नहीं बदला जा सकता है।
केंद्र सरकार के अनुसार, गैर-वनीय उपयोग के लिए वन भूमि का अधिकतम हस्तांतरण मध्य प्रदेश में दर्ज किया गया। पिछले दस वर्षों में राज्य के 385.52 वर्ग किलोमीटर वन भूमि को गैर-वनीय उपयोग की अनुमति दी गई।
पिछले 10 वर्षों में जिन राज्यों में वन भूमि का हस्तांतरण किया गया, उनकी सूची निम्नलिखित है।
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