प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 6 अगस्त को वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा देश के विभिन्न क्षेत्रों में 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास कार्य की आधारशिला रखेंगे।
प्रधानमंत्री रेलवे स्टेशनों पर विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराने की बात करते रहे हैं। प्रधानमंत्री के इसी विजन से प्रेरित, देश के 1309 स्टेशनों के पुनर्विकास कार्य के लिए ‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ आरंभ की गई थी।
अमृत भारत स्टेशन योजना के भाग के रूप में, प्रधानमंत्री द्वारा 508 स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए आधारशिला रखी जा रही है।
इन स्टेशनों का पुनर्विकास 24,470 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत शहर के दोनों किनारों को समुचित रूप से जोड़ते हुए इन स्टेशनों को 'सिटी सेंटर' के रूप में विकसित करने के लिए मास्टर प्लान तैयार किए जा रहे हैं।
इस प्रकार का एकीकृत दृष्टिकोण रेलवे स्टेशन के आसपास के क्षेत्र पर केंद्रित शहर के समग्र शहरी विकास के विजन से भी प्रेरित है।
योजना में उत्तर प्रदेश और राजस्थान के सर्वाधिक स्टेशनों को किया शामिल:
इस पहल के अंतर्गत 508 स्टेशन, देश के 27 राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों में स्थित हैं। इनमें सर्वाधिक रेलवे स्टेशन उत्तर प्रदेश और राजस्थान के 55 हैं।
इसके अलावे बिहार के 49, महाराष्ट्र के 44, पश्चिम बंगाल में 37, मध्य प्रदेश में 34, असम में 32, ओडिशा में 25, पंजाब में 22, गुजरात में 21, तेलंगाना में 21, झारखंड में 20, आंध्र प्रदेश में 18, तमिलनाडु में 18, हरियाणा में 15, कर्नाटक में 13 रेलवे स्टेशनों को शामिल किया गया है।
इस योजना के तहत पुनर्विकास कार्य से अच्छी तरह से सुव्यवस्थित यातायात सुविधा, इंटर-मोडल एकीकरण और यात्रियों के मार्गदर्शन के लिए अच्छी तरह से डिजाइन किए गए चिन्हों को सुनिश्चित करने के साथ-साथ यात्रियों के लिए आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। स्टेशन भवनों का डिजाइन स्थानीय संस्कृति, विरासत और वास्तुकला से प्रेरित होगा।
अमृत भारत स्टेशन योजना:
इस योजना का लक्ष्य दीर्घकालिक दृष्टि से निरंतर आधार पर स्टेशनों का विकास करना है। यह मुख्यतः लंबी अवधि के लिए मास्टर प्लानिंग और स्टेशन की जरूरतों और संरक्षण के अनुसार मास्टर प्लान के तत्वों के कार्यान्वयन पर आधारित है।
योजना से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य:
इस योजना का उद्देश्य रेलवे स्टेशनों के मास्टर प्लान तैयार करना और न्यूनतम आवश्यक सुविधाओं सहित और उससे आगे की सुविधाओं को बढ़ाने हेतु मास्टर प्लान का कार्यान्वयन करना है।
इसके तहत मॉडल में स्टेशनों के कम लागत वाले पुनर्विकास की परिकल्पना की गई है जिसे समय पर निष्पादित किया जा सकता है।
इस योजना का उद्देश्य बेकार/पुरानी इमारतों को लागत प्रभावी तरीके से स्थानांतरित करना, ताकि उच्च प्राथमिकता वाली यात्री संबंधी गतिविधियों के लिए स्थान सुनिश्चित हो सके और भविष्य में विकास सुचारू रूप से संभव हो सके।
योजना के तहत विकसित की जाने वाली सुविधाएं:
रूफ प्लाजा का प्रावधान।
मुफ़्त वाई-फाई, 5जी मोबाइल टावरों हेतु सुरक्षित स्थान।
सभी स्टेशनों पर 600 मीटर की लंबाई वाले उच्च स्तरीय प्लेटफार्म।
विकलांगों के लिए विशेष सुविधाओं का विकास।
सड़कों को चौड़ा करने, अवांछित संरचनाओं को हटाने, उचित रूप से डिजाइन किए गए साइनेज, समर्पित पैदल यात्री पथ, योजनाबद्ध पार्किंग क्षेत्र, बेहतर प्रकाश व्यवस्था आदि तक पहुंच सुनिश्चित करना।