विश्व मलेरिया दिवस 2024: तिथि, विषय, इतिहास और महत्व
Utkarsh ClassesLast Updated
07-02-2025
Important Day
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प्रति वर्ष 25 अप्रैल को ‘विश्व मलेरिया दिवस’ मनाया जाता है। इस अवसर पर मलेरिया को नियंत्रित करने और उन्मूलन के वैश्विक प्रयास के बारे में जागरूकता फैलाया जाता है। इसे पहली बार अफ्रीका महाद्वीप के विभिन्न देशों में मनाया गया था।
विश्व मलेरिया दिवस 2024 का विषय:
विश्व मलेरिया दिवस 2024 का विषय ‘अधिक न्यायसंगत दुनिया के लिए मलेरिया के खिलाफ लड़ाई को तेज करना’ है ।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, विश्व मलेरिया दिवस 2023 की थीम ‘शून्य मलेरिया पहुंचाने का समय: निवेश, नवाचार, कार्यान्वयन’ है।
विश्व मलेरिया दिवस 2022 का विषय- ‘मलेरिया रोग के बोझ को कम करने और जीवन बचाने के लिए नवाचार का प्रयोग करें’ है।
विश्व मलेरिया दिवस का इतिहास:
विश्व मलेरिया दिवस, की शुरुआत ‘अफ्रीका मलेरिया दिवस’ से हुई है। 2001 से अफ़्रीकी देशों द्वारा ‘अफ़्रीका मलेरिया दिवस’ मनाया जाता रहा है। इसका उद्देश्य अफ्रीकी देशों में मलेरिया को नियंत्रित करना और इससे होने वाली मृत्युदर को कम करना था।
2008 में, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा प्रायोजित विश्व स्वास्थ्य सभा के 60वें सत्र में अफ्रीका मलेरिया दिवस को विश्व मलेरिया दिवस में बदल दिया गया था। उन्होंने निर्णय लिया कि दुनिया को मलेरिया और मच्छरों के काटने से बचाव के उपायों के बारे में अधिक जागरूक और सतर्क रहने की जरूरत है। इसलिए, यह दिवस हर साल मनाया जाता है।
विश्व मलेरिया दिवस का महत्व:
मलेरिया उन्मूलन के लिए डब्ल्यूएचओ "जीरो मलेरिया स्टार्ट्स विद मी" को बढ़ावा देने के लिए आरबीएम पार्टनरशिप में शामिल हुआ है। यह एक जमीनी स्तर का मलेरिया उन्मूलन से संबंधित अभियान है। इसका उद्देश्य है:
मलेरिया को राजनीतिक एजेंडे में ऊपर रखना
अतिरिक्त संसाधन जुटाना
समुदायों को मलेरिया की रोकथाम से संबंधित प्रयास करना
देखभाल का संचालन करने के लिए सशक्त बनाना
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, 2000 से 2014 के बीच, दुनिया भर में मलेरिया से संबंधित मौतों की संख्या में 40% की गिरावट आई है। डब्ल्यूएचओ की विश्व मलेरिया रिपोर्ट 2019 के अनुसार इस अवधि के दौरान नए संक्रमणों को कम करने में कोई वैश्विक लाभ नहीं हुआ।
2014-2018 और 2018 में मलेरिया से पिछले वर्ष की तुलना में लगभग उतने ही लोगों की मृत्यु हुई है।
मलेरिया के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य:
मलेरिया प्लाज्मोडियम परजीवी के कारण होता है। यह परजीवी 'मलेरिया वैक्टर' कहे जाने वाले संक्रमित मादा एनॉफिलिस मच्छरों के काटने से मनुष्यों में फैल सकता है। जब मच्छर काटता है, तो एक परजीवी रक्तप्रवाह में छोड़ दिया जाता है।
प्लाज्मोडियम परजीवी विभिन्न प्रकार के होते हैं, लेकिन केवल पांच प्रकार के प्लाज्मोडियम ही मनुष्यों में मलेरिया का कारण बनते हैं। वे हैं:
प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम
प्लाज्मोडियम विवैक्स
पी. ओवले
प्लाज्मोडियम मलेरिया
प्लाज्मोडियम नोलेसी
प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम विश्व स्तर पर मलेरिया से होने वाली अधिकांश मौतों के लिए जिम्मेदार है और उप-सहारा अफ्रीका में सबसे प्रचलित प्रजाति है।
प्लाज़मोडियम विवैक्स दूसरी सबसे महत्वपूर्ण प्रजाति है और दक्षिण पूर्व एशिया और लैटिन अमेरिका में प्रचलित है।
पी. विवैक्स और प्लाज़मोडियम ओवेल एक साथ मिलकर सुप्त यकृत अवस्था की जटिलता का कारण बनते हैं और इसे ठीक किया जा सकता है।
मलेरिया एक तीव्र ज्वर रोग है। इसके लक्षण आमतौर पर संक्रमित मच्छर के काटने के 10-15 दिन बाद दिखाई देते हैं। आरंभिक चरण में इसके लक्षण बुखार, सिरदर्द और ठंड लगना है।
मलेरिया संचरण को रोकने और कम करने का मुख्य तरीका वेक्टर नियंत्रण है।
FAQ
Answer: 25 अप्रैल
Answer: ‘अधिक न्यायसंगत दुनिया के लिए मलेरिया के खिलाफ लड़ाई को तेज करना’ है।
Answer: विश्व मलेरिया दिवस अफ्रीकी महाद्वीप के ‘मलेरिया दिवस’ से प्रेरित है।
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