केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने 26 सितंबर 2023 को सुप्रसिद्ध अभिनेत्री वहीदा रहमान को वर्ष 2021 के दादा साहब फाल्के लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की।
वहीदा रहमान को यह पुरस्कार 69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह के दौरान प्रदान किया जाएगा।
- वहीदा रहमान अपने 5 दशकों से अधिक के करियर में, अपनी भूमिकाओं को बेहद खूबसूरती से निभाया है, जिसके कारण उन्हें फिल्म रेशमा और शेरा में एक कुलवधू की भूमिका के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से नवाजा गया।
चयन समिति के सदस्य:
- दादा साहब फाल्के पुरस्कार चयन समिति में आशा पारेख, चिरंजीवी, परेश रावल, प्रसेनजीत चटर्जी और शेखर कपूर जैसे प्रसिद्ध अभिनेता शामिल थे।
वहीदा रहमान को प्राप्त हुए पुरस्कार और सम्मान:
पुरस्कार और सम्मान
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फिल्म
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वर्ष
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सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्मफेयर पुरस्कार
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गाइड
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1967
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बंगाल फ़िल्मी संघ पुरस्कार
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तीसरी कसम
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1967
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सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्मफेयर पुरस्कार
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नीलकमल
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1969
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सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार
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रेशमा और शेरा
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1972
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नागरिक सम्मान - पद्म श्री
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1972
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फिल्मफेयर – लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड
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1995
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एनटीआर राष्ट्रीय पुरस्कार आंध्र प्रदेश सरकार
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2006
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नागरिक सम्मान – पद्म भूषण
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2011
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दादा साहब फाल्के लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार
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2021
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महिला आरक्षण विधेयक के पास होने बाद दिया गया अवार्ड महिला के प्रति सम्मान को दर्शाता है:
- नारी शक्ति वंदन अधिनियम के पारित होने के तुरंत बाद सुप्रसिद्ध अभिनेत्री को यह पुरस्कार देने की घोषणा ऐसे समय में करना भारतीय सिनेमा की अग्रणी महिलाओं में से एक के प्रति सच्चा सम्मान है, जो फिल्मों के बाद अपना जीवन परोपकार और समाज की भलाई को समर्पित कर चुकी हैं।
पिछले वर्ष का दादा साहेब फाल्के पुरस्कार:
- वर्ष 2020 का दादा साहेब फाल्के पुरस्कार प्रसिद्ध अभिनेत्री आशा पारेख को दिया गया।
- जबकि इससे पूर्व रजनीकांत (2019) और अमिताभ बच्चन (2018) को यह पुरस्कार दिया जा चुका है।
वहीदा रहमान का संक्षिप्त जीवन परिचय:
- जन्म: 3 फरवरी 1938
- जन्म स्थान: तमिलनाडु राज्य के चेंगलपट्टू में एक तमिल-मुस्लिम परिवार में हुआ था।
- वहीदा के पिता जिलाधिकारी जैसे उच्च पद पर तैनात थे। परंतु वहीदा के जन्म के केवल 9 वर्ष बाद यानि वर्ष 1948 में उनके पिता का देहान्त हो गया। उनकी माँ भी पिता के मृत्यु के सात वर्षों बाद चल बसी थीं।
- पिता की मृत्यु के एक वर्ष बाद वहीदा ने एक तेलुगु सिनेमा ‘रोजुलु मरई’ में बाल कलाकार की भूमिका के साथ सिने जगत में कदम रखा।
- हिंदी सिनेमा के प्रसिद्ध अभिनेता और निर्माता-निर्देशक गुरुदत्त के संपर्क में वह आईं और सिनेमा के रुपहले परदे पर छा गईं।
- वहीदा रहमान ने वर्ष 1964 में ‘शगुन’ नाम की फिल्म की थी। इस फिल्म में उनके सह-कलाकार कमलजीत सिंह थे।
- वर्ष 1974 में कमलजीत सिंह के साथ शादी कर ली। कमलजीत सिंह का वास्तविक नाम शशि रेखी था।
दादा साहब फाल्के पुरस्कार:
- इस पुरस्कार का नाम धुंडीराज गोविंद फाल्के के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने वर्ष 1913 में भारत की पहली फिल्म राजा हरिश्चंद्र प्रस्तुत की थी।
- इस पुरस्कार को भारतीय फिल्म जगत का सर्वोच्च सम्मान माना जाता है।
- यह पुरस्कार "भारतीय सिनेमा की वृद्धि और विकास में उत्कृष्ट योगदान" के लिए दिया जाता है।
- पुरस्कार की शुरुआत: सरकार द्वारा वर्ष 1969 में की गई थी।
- प्रथम पुरस्कार वर्ष 1969 में ही देविका रानी रोरिक को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
- इस पुरस्कार के तहत एक 'स्वर्ण कमल', 10 लाख रुपए का नकद, एक प्रमाण पत्र, रेशम की एक पट्टिका और एक शॉल दिया जाता है।
पुरस्कार किसके द्वारा दिया जाता है:
- यह पुरस्कार भारत के राष्ट्रपति द्वारा केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री, जूरी के अध्यक्षों, फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया के प्रतिनिधियों तथा अखिल भारतीय सिने कर्मचारियों के परिसंघ सहित वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में प्रदान किया जाता है।
धुंडीराज गोविंद ‘दादासाहेब' फाल्के:
- जन्म: 1870 में महाराष्ट्र के त्र्यंबक में हुआ था।
- उन्होंने इंजीनियरिंग और मूर्तिकला का अध्ययन किया तथा वर्ष 1906 में आई मूक फिल्म ‘द लाइफ ऑफ क्राइस्ट’ देखने के बाद मोशन पिक्चर्स/चलचित्र में उनकी रुचि बढ़ी।
- वर्ष 1913 में फाल्के ने भारत की प्रथम फीचर फिल्म (मूक) राजा हरिश्चंद्र की पटकथा लिखी, उसे निर्मित और निर्देशित किया।
- फाल्के को "भारतीय सिनेमा के जनक" के रूप में भी जाना जाता है।