संयुक्त राज्य अमेरिका ने स्वीकार किया है कि ईरान के विशिष्ट रिवोल्यूशनरी गार्ड ने इस सप्ताह एक इमेजिंग उपग्रह, नूर -3 को सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित किया है। इससे पहले, ईरानी सरकार ने कहा था कि उसके रिवोल्यूशनरी गार्ड ने 27 सितंबर 2023 को अपने तीसरे इमेजिंग सैटेलाइट नूर-3 को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया था।
संयुक्त राज्य अमेरिका ईरानी अंतरिक्ष कार्यक्रम का कड़ा विरोध करता है। उसका मानना है कि ईरान अपने रॉकेट का उपयोग बैलिस्टिक मिसाइल बनाने के लिए करेगा जिससे पश्चिम एशियाई क्षेत्र में स्तिथ अमरीकी ठिकानों और क्षेत्र में उसके सहयोगी देशों को खतरा होगा। संयुक्त राज्य अमेरिका, ईरान पर गुप्त रूप से परमाणु बम बनाने का आरोप लगाता है। ईरान ने हमेशा इस बात से इनकार किया है कि वह परमाणु हथियार विकसित कर रहा है। अमेरिका को डर है कि ईरान अपने अन्तरिक्ष कार्यक्रम का इस्तेमाल कर ,बैलिस्टिक मिसाइलों का विकास करेगा जो परमाणु बम ले जाने में सक्षम होंगे। इससे उसे और क्षेत्र में उसके सहयोगी देशों को खतरा होगा।
संयुक्त राज्य अमेरिका का कहना है कि ईरान के उपग्रह प्रक्षेपण ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव की अवहेलना की है और तेहरान से परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम बैलिस्टिक मिसाइलों से जुड़ी कोई गतिविधि नहीं करने का आह्वान किया है।
ईरान का अंतरिक्ष कार्यक्रम
ईरानी अंतरिक्ष एजेंसी, ईरान की राष्ट्रिय अन्तरिक्ष एजेंसी है । यह न केवल उपग्रह विकसित करता है बल्कि उपग्रहों को अंतरिक्ष में प्रक्षेपित करने के लिए रॉकेट भी विकसित करता है।
ईरानी नागरिक अंतरिक्ष कार्यक्रम को हाल के दिनों में कई विफलताओं का सामना करना पड़ा है।
ईरान के रक्षा मंत्रालय का एक अपना अलग अंतरिक्ष कार्यक्रम है। ईरान की सेना की विशिष्ट शाखा, ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स या संक्षेप में, रिवोल्यूशनरी गार्ड्स इस अंतरिक्ष कार्यक्रम का संचालन करता है।
उपग्रह नूर-3 को सेमनान प्रांत के शहर शाहरौद में स्तिथ, इमाम खुमैनी स्पेसपोर्ट, से रॉकेट कासेड के द्वारा प्रक्षेपित किया गया था।
फ़ारसी में "नूर" का अर्थ "प्रकाश" होता है, जबकि "कासेड का अर्थ "संदेशवाहक" होता है।
ईरानी अधिकारियों के अनुसार, नूर-3 उपग्रह की "छवि सटीकता नूर-2 उपग्रह की तुलना में ढाई गुना अधिक है।" नूर-2 उपग्रह मार्च 2022 में प्रक्षेपित किया गया था और अभी भी अन्तरिक्ष में अपनी कक्षा में पृथ्वी का चक्कर लगा रहा है। 2020 में प्रक्षेपित किया गया नूर-1 पिछले साल वापस पृथ्वी पर गिर गया था।
ईरान के अंतरिक्ष कार्यक्रम पर विवाद
1979 में ईरान में इस्लामिक क्रांति के बाद,ईरान की इस्लामी सरकार , अमेरिका और इजराइल को ईरान का दुश्मन नंबर 1 माना जाता है। ईरानी नेताओं ने बार-बार कहा है कि वे इज़राइल को नष्ट कर देंगे। ईरान इस क्षेत्र में अमेरिका के एक अन्य करीबी सहयोगी देश सऊदी अरब के साथ ,इस्लामी देशों के नेतृत्व के लेकर प्रतिद्वंद्वी हैं।
संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके सहयोगी नहीं चाहते कि ईरान के पास मिसाइल तकनीक और परमाणु बम हों। इज़राइल ने खुले तौर पर कहा है कि अगर ईरान ने परमाणु हथियार विकसित करने की कोशिश की तो वह ईरानी परमाणु सुविधाओं को नष्ट कर देगा।
सऊदी अरब ने भी संकेत दिया है कि अगर ईरान परमाणु हथियार विकसित करता है तो वह भी परमाणु हथियार विकसित करेगा।
संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके सहयोगी देशों ने ईरान को , मिसाइल और परमाणु हथियार बनाने मैं मदद करने वाले प्रौद्योगिकी और सामग्री को प्राप्त करने से रोकने के लिए उस पर, कई तरह के प्रतिबंध लगा रखे हैं।
2003 में तर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए ) को एक ईरानी परमाणु परिसर के निरीक्षण के दौरान समृद्ध यूरेनियम के निशान मिले थे । परमाणु बम विकसित करने के लिए 90% या उससे अधिक संवर्धित यूरेनियम की आवश्यकता होती है।
2006 में, संयुक्त राष्ट्र ने एक प्रस्ताव पारित कर ईरान से अपने परमाणु हथियार कार्यक्रम को रोकने के लिए कहा था ।
ईरान हमेशा इस बात से इनकार करता रहा है कि वह परमाणु हथियार विकसित कर रहा है। हालाँकि, मार्च 2023 में प्रकाशित एक रिपोर्ट में अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी का कहना है कि ईरान हथियार-ग्रेड समृद्ध यूरेनियम विकसित करने के लिए अपना कार्यक्रम जारी रखे हुए है।
यह एक प्राचीन सभ्यता है जिसे फारस के नाम से जाना जाता था।
यह एक मुस्लिम देश है और यहां दुनिया की सबसे बड़ी शिया आबादी रहती है।
राजधानी: तेहरान
सर्वोच्च नेता: अयातुल्ला सैय्यद अली खामेनेई
राष्ट्रपति: इब्राहिम रायसी
मुद्रा: रियाल