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केंद्रीय खान मंत्रालय ने महत्वपूर्ण खनिजों परआईईए के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

Utkarsh Classes Last Updated 14-11-2024
Union Ministry of Mines Sign MoU with IEA on Critical Minerals Agreements and MoU 4 min read

केंद्रीय खान मंत्रालय ने महत्वपूर्ण खनिजों के क्षेत्र में सहयोग के लिए अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू ) पर हस्ताक्षर किए हैं। एमओयू पर 13 नवंबर 2024 को नई दिल्ली में खान मंत्रालय के सचिव वी.एल. कांथा राव ने मंत्रालय की ओर से हस्ताक्षर किए और अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के लिए, इस पर आईईए के कार्यकारी निदेशक डॉ. फतिह बिरोल ने हस्ताक्षर किए।

एमओयू के लाभ

  • भारत को महत्वपूर्ण खनिज क्षेत्र में आईईए के डेटा, विश्लेषण और नीति सिफारिशों तक पहुंच मिलेगी।
  • यह महत्वपूर्ण खनिज क्षेत्र में, भारत की निर्णय लेने की क्षमताओं को बेहतर बनाने और रणनीतिक संसाधन प्रबंधन सुनिश्चित करने में मदद करेगा। 
  • यह भारत को महत्वपूर्ण खनिज क्षेत्र में ऐसी नीतियां, विनियम और निवेश रणनीतियां विकसित करने में सक्षम करेगा जो वैश्विक मानकों और सर्वोत्तम प्रथाओं का अनुपालन करती हैं।
  • यह भारत और आईईए  सदस्य देशों के बीच क्षमता निर्माण और ज्ञान के आदान-प्रदान की सुविधा भी प्रदान करेगा। 
  • यह महत्वपूर्ण खनिजों के लिए प्रौद्योगिकी विकास, निष्कर्षण तकनीक और पुनर्चक्रण विधियों में सहयोग को बढ़ावा देगा।

महत्वपूर्ण खनिज क्या हैं?

महत्वपूर्ण खनिज वे खनिज हैं जो किसी देश के आर्थिक विकास और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आवश्यक माने जाते हैं।  

2022 में, केंद्रीय खान मंत्रालय ने भारत में महत्वपूर्ण खनिजों को परिभाषित और पहचानने के लिए सात सदस्यीय समिति का गठन किया। 

खान मंत्रालय में संयुक्त सचिव वीणा कुमारी डर्मल ने समिति की अध्यक्षता की।

समिति ने 30 महत्वपूर्ण खनिजों: एंटीमनी, बेरिलियम, वैनेडियम, ज़िरकोनियम, बिस्मथ, कोबाल्ट, कॉपर, गैलियम, जर्मेनियम, ग्रेफाइट, मोलिब्डेनम, नाइओबियम, निकेल, पीजीई, फॉस्फेट, पोटाश, आरईई, रेनियम, हेफ़नियम, इंडियम, लिथियम, सिलिकॉन, स्ट्रोंटियम, टैंटलम, टेल्यूरियम, टिन, टाइटेनियम, टंगस्टन, सेलेनियम और कैडमियम - की पहचान की है।

भारत सरकार के अनुसार, देश वर्तमान में लिथियम, कोबाल्ट, बेरिलियम, टैंटलम, नाइओबियम, जर्मेनियम, रेनियम और स्ट्रोंटियम,निकेल और वैनेडियम के लिए 100 प्रतिशत आयात पर निर्भर है। ।

अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए)

अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी की स्थापना 1974 में पेरिस, फ्रांस में ओईसीडी (आर्थिक सहयोग और विकास संगठन) द्वारा की गई थी।

आईईए ,स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों को विकसित करने के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण खनिजों और धातुओं में विशेषज्ञता की आवश्यकता वाले देशों की सहायता करता है।

भारत आईईए का सदस्य देश नहीं है, लेकिन यह उन 13 देशों में से एक है जिनके साथ आईईए ऊर्जा दक्षता सहित स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकी पर अपनी विशेषज्ञता साझा करता है। 

मुख्यालय: पेरिस, फ्रांस 

सदस्य:31 देश

फुल फॉर्म

  • आईईए /IEA: इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी (International Energy Agency)
  • ओईसीडी /OECD: आर्गेनाईजेशन  फॉर इकनॉमिक कोऑपरेशन एंड डेवलपमेंट (Organisation for Economic Cooperation and Development)

FAQ

उत्तर: अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी

उत्तर : वीणा कुमारी डर्मल

उत्तर: 30 खनिज

उत्तर: पेरिस, फ्रांस
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