केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 16 अगस्त 2023 को 14,903 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के विस्तार को स्वीकृति दी है।
नागरिकों को डिजिटल सेवाएं उपलब्ध कराने हेतु ‘डिजिटल इंडिया कार्यक्रम’ का शुभारम्भ 1 जुलाई, 2015 को किया गया था। जो अत्यधिक सफल साबित हुआ है।
फ्यूचर स्किल प्राइम कार्यक्रम के अंतर्गत 6.25 लाख सूचना प्रौद्योगिकी पेशेवरों को पुनः कौशल से लैस किया जाएगा और उन्हें कौशल उन्नयन किया जाएगा;
सूचना सुरक्षा और शिक्षा जागरूकता चरण (आईएसईए) कार्यक्रम के अंतर्गत 2.65 लाख व्यक्तियों को सूचना सुरक्षा के क्षेत्र में प्रशिक्षित किया जाएगा;
यूनिफाइड मोबाइल एप्लिकेशन फॉर न्यू एज गवर्नेंस (उमंग) ऐप/प्लेटफॉर्म के अंतर्गत 540 अतिरिक्त सेवाएं उपलब्ध होंगी।
भारत सरकार के निःशुल्क मोबाइल ऐप उमंग पर वर्तमान में 1,700 से अधिक सेवाएं पहले से ही उपलब्ध हैं।
राष्ट्रीय सुपर कम्प्यूटर मिशन के तहत 9 और सुपर कंप्यूटर जोड़े जाएंगे। यह पहले से तैनात 18 सुपर कम्प्यूटरों के अतिरिक्त हैं।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सक्षम बहु-भाषा अनुवाद उपकरण (वर्तमान में 10 भाषाओं में उपलब्ध) भाषिणी को सभी 22 अनुसूची और 8 भाषाओं में शुरू किया जाएगा।
राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क (एनकेएन) का आधुनिकीकरण किया जाएगा। इसमें 1,787 शिक्षण संस्थानों को जोड़ा जाएगा।
डिजीलॉकर के अंतर्गत डिजिटल दस्तावेज सत्यापन सुविधा मुहैया कराई जाएगी। अब यह सुविधा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों तथा अन्य संगठनों के लिए भी उपलब्ध होगी।
टियर 2/3 शहरों में 1,200 स्टार्टअप्स को सहायता दी जाएगी।
स्वास्थ्य, कृषि और टिकाऊ शहरों की आवश्यकताओं पर आधारित तीन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
12 करोड़ कॉलेज छात्रों के लिए साइबर-जागरूकता पाठ्यक्रम चलाये जाएंगे।
उपकरणों के विकास और राष्ट्रीय साइबर समन्वय केंद्र के साथ 200 से अधिक साइटों के एकीकरण सहित साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में नई पहल शुरू की जाएगी।
16 अगस्त की घोषणा भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगी, सेवाओं तक डिजिटल पहुंच सक्षम बनाएगी और भारत के सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स इकोसिस्टम का समर्थन करेगी।
इस कार्यक्रम को वर्ष 2015 में आरंभ किया गया था। इस कार्यक्रम को कई मुख्य सरकारी योजनाओं जैसे- भारतनेट, मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया और स्टैंडअप इंडिया, औद्योगिक गलियारों इत्यादि के लिए समर्थ बनाया गया है।
परिवर्तन को साकार करना अर्थात् आईटी (इंडियन टैलेंट) + आईटी (इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी = आईटी (इंडिया टुमोरो) को वास्तविक रूप देना।
परिवर्तन को सक्षम करने हेतु प्रौद्योगिकी को केंद्रीय बनाना।
एक शीर्ष कार्यक्रम बनाना जो कई विभागों तक पहुँचे।
भारत को एक ज्ञान भविष्य हेतु तैयार करना।
ब्रॉडबैंड हाईवे
मोबाइल कनेक्टिविटी तक सार्वभौमिक पहुँच
पब्लिक इंटरनेट एक्सेस कार्यक्रम
ई-गवर्नेंस : प्रौद्योगिकी के माध्यम से सरकार में सुधार
ई-क्रांति : सेवाओं की इलेक्ट्रॉनिक डिलीवरी
सभी के लिए सूचना
अर्ली हार्वेस्ट कार्यक्रम
इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण
नौकरियों के लिये आईटी