23 जुलाई 2024 को निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय वित्त मंत्री के रूप में अपना लगातार सातवां बजट लोकसभा में पेश किया।
उन्होंने मोरारजी देसाई का रिकॉर्ड तोड़ दिया, जिन्होंने लगातार छह केंद्रीय बजट पेश किए थे। हालाँकि, मोराराजी देसाई के नाम 1959 से 1963 और 1967 से 1969 तक दस केंद्रीय बजट पेश करने का रिकॉर्ड है।
31 मई 2019 को निर्मला सीतारमण को केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों का मंत्री नियुक्त किया गया था।
केंद्रीय बजट 2024-25 का विषय
वित्त मंत्री के मुताबिक बजट का विषय रोजगार, कौशल, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई), और देश का मध्यम वर्ग है ।
बजट की प्राथमिकताएँ
मोदी सरकार ने 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को साकार करने के लिए बजट में 9 प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की पहचान की गई है। वे हैं:
- कृषि में उत्पादकता और अनुकूलनीयता
- रोजगार और कौशल प्रशिक्षण
- समावेशी मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय
- विनिर्माण और सेवाएं
- शहरी विकास
- ऊर्जा सुरक्षा
- अवसंरचना
- नवाचार, अनुसंधान और विकास, और
- अगली पीढ़ी के सुधार
कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र
- 2024-25 के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये का आवंटन।
- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (60,000 करोड़ रुपये), संशोधित ब्याज सहायता योजना (22,660 करोड़ रुपये), प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (14,600 करोड़ रुपये) और प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण योजना (6,437 करोड़ रुपये) के लिए आवंटन।
- प्राकृतिक खेती में एक करोड़ किसानों को शामिल करने का लक्ष्य है।
- प्राकृतिक खेती के लिए दस हजार आवश्यकता आधारित जैव-इनपुट संसाधन केंद्र स्थापित किये जायेंगे।
- फसल की पैदावार का आकलन करने के लिए देश के 400 जिलों में खरीफ फसलों के लिए एक डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) शुरू किया जाएगा।
- किसानों और उनकी भूमि को कवर करने के लिए कृषि के लिए डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर को तीन वर्षों में लागू किया जाएगा।
- छह करोड़ किसानों और उनकी भूमि का विवरण किसान और भूमि रजिस्ट्रियों के अंतर्गत लाया जाएगा।
- जनसमर्थ-आधारित किसान क्रेडिट कार्ड 5 राज्यों में सक्षम किए जाएंगे। जन समर्थ एक ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म है जो ऋणदाताओं को लाभार्थियों से जोड़ता है।
- किसानों द्वारा खेती के लिए 32 क्षेत्रीय और बागवानी फसलों की नई 109 उच्च उपज वाली और जलवायु-लचीली किस्में जारी की जाएंगी।
- सरकार सरसों, मूंगफली, तिल, सोयाबीन और सूरजमुखी जैसे तिलहनों में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए काम करना जारी रखेगी। भारत दुनिया का सबसे बड़ा खाद्य तेल आयातक देश है, और यह अपनी खाद्य तेल की लगभग 58% आवश्यकताओं को आयात के माध्यम से पूरा करता है।
- सरकार झींगा ब्रूडस्टॉक्स के लिए न्यूक्लियस प्रजनन केंद्रों का एक नेटवर्क स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।
- राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) झींगा पालन, प्रसंस्करण और निर्यात वित्तपोषण की सुविधा प्रदान करेगा।
भारत में रोजगार, कौशल और विनिर्माण के लिए प्रधान मंत्री पैकेज
बजट में अर्थव्यवस्था में रोजगार के अवसर, कौशल और विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए प्रधान मंत्री पैकेज के तहत पांच योजनाओं और पहलों की घोषणा की गई है ।
योजना 1
पहली बार
- संगठित क्षेत्रों से पहली बार नौकरी पाने वाले श्रमिकों को सरकार एक महीने का वेतन तीन किस्तों में देगी।
- मानदंड यह है कि कर्मचारी को ईपीएफओ (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) के साथ पंजीकृत होना चाहिए, और उसका अधिकतम वेतन 1 लाख रुपये होना चाहिए ।
- इस योजना के तहत अधिकतम लाभ 15,000 रुपये है।
योजना 2
विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार सृजन
- रोजगार के पहले चार वर्षों में कर्मचारी और नियोक्ता को उनके ईपीएफओ योगदान के लिए प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा।
योजना 3
नियोक्ताओं को समर्थन
- रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करने के लिए, सरकार नियोक्ता को उनके द्वारा नियोजित नए कर्मचारियों के ईपीएफओ योगदान के लिए 2 साल तक प्रति माह 3,000 रुपये की प्रतिपूर्ति करेगी।
- शर्त यह है कि नये कर्मचारी का वेतन एक लाख रुपये प्रति माह से अधिक नहीं होगा।
योजना 4
कौशल विकास
- 60,000 करोड़ रुपये के बजटीय आवंटन के साथ, 1000 आईटीआई (औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान) को अगले पांच वर्षों में हब-एंड-स्पोक मॉडल के माध्यम से उन्नत किया जाना है।
- पांच साल में बीस लाख युवाओं को हुनरमंद बनाया जाएगा।
- सरकार द्वारा प्रवर्तित फंड से गारंटी के साथ 7.5 लाख रुपये तक के ऋण की सुविधा के लिए मॉडल कौशल ऋण योजना को संशोधित किया जाएगा।
- इस उपाय से हर साल 25,000 छात्रों को मदद मिलने की उम्मीद है।
योजना 5
शीर्ष कंपनियों में प्रशिक्षण
- अगले पांच वर्षों में एक करोड़ युवाओं को भारत की शीर्ष 500 कंपनियों में प्रशिक्षण का लक्ष्य ।
- प्रशिक्षण अवधि एक वर्ष है।
- केंद्र सरकार युवाओं को प्रति माह 5000 रुपये का वजीफा और 6000 रुपये की एकमुश्त सहायता प्रदान करेगी।
- कंपनियां प्रशिक्षण और इंटर्नशिप लागत का 10 प्रतिशत अपने सीएसआर (कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व) फंड से भुगतान करेंगी।
शिक्षा ऋण
- भारत में उच्च शिक्षा अध्ययन के लिए 10 लाख रुपये तक का शिक्षा ऋण, 3 प्रतिशत की ब्याज छूट के साथ दिया जाएगा ।
- हर साल एक लाख छात्रों को कवर किया जाएगा।
- यह योजना उन छात्रों के लिए है जो किसी भी अन्य सरकारी योजना के अंतर्गत नहीं आते हैं।
पूर्वोदय
- बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश को कवर करते हुए देश के पूर्वी क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए एक नई योजना, पूर्वोदय शुरू की जाएगी।
- गया,बिहार में एक औद्योगिक नोड अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारे के साथ विकसित किया जाएगा।
प्रधानमंत्री आवास योजना
- देश के ग्रामीण और शहरी इलाकों में तीन करोड़ अतिरिक्त घर बनाए जाने हैं।
महिलाओं के नेतृत्व वाला विकास
- महिलाओं और लड़कियों को लाभ पहुंचाने वाली योजनाओं के लिए बजट में 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का आवंटन किया गया है।
प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान
आदिवासी बहुल गांवों और आकांक्षी जिलों में आदिवासी परिवारों के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए एक नई योजना शुरू की जाएगी।
- यह योजना 63,000 गांवों को कवर करेगी और 5 करोड़ आदिवासी लोगों को लाभान्वित करेगी।
उत्तर पूर्वी क्षेत्र में बैंक शाखाएँ
- पूर्वोत्तर क्षेत्र में इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक की एक सौ नई शाखाएं स्थापित की जाएंगी।
मुद्रा ऋण
- 'तरुण' श्रेणी के तहत मुद्रा ऋण की सीमा मौजूदा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये की जाएगी।
- यह नई सीमा उन ग्राहकों पर लागू होगी जिन्होंने अपना पिछला ऋण चुका दिया है।
- प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत ऋण चाहने वाली सूक्ष्म इकाइयों को शिशु, किशोर और तरूण में वर्गीकृत किया गया है।
- शिशु श्रेणी के तहत, अधिकतम ऋण राशि 50,000 रुपये है, जबकि किशोर में, यह 50,000 रुपये से अधिक और 5 लाख रुपये तक है।
- बजट में घोषणा के बाद तरूण श्रेणी के लिए कर्ज की राशि 5 लाख रुपये से अधिक और कुछ कर्जदारों के लिए 20 लाख रुपये तक होगी।
औद्योगिक पार्क
- केंद्र सरकार, राज्य सरकार और निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी में, 100 प्लग-एंड-प्ले औद्योगिक पार्क स्थापित करेगी।
- इन पार्कों में पूरी तरह से विकसित बुनियादी ढांचा होगा।
- राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम के तहत 12 औद्योगिक पार्कों को भी मंजूरी दी जाएगी।
क्रिटिकल मिनरल मिशन
- सरकार महत्वपूर्ण खनिजों का घरेलू उत्पादन बढ़ाने, पुनर्चक्रण करने और विदेशों में महत्वपूर्ण खनिज संपत्तियों का अधिग्रहण करने के लिए एक महत्वपूर्ण खनिज मिशन शुरू करेगी।
शहरी आवास
- पीएम आवास योजना शहरी 2.0 के तहत अगले पांच वर्षों में शहरी गरीबों और मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए एक करोड़ घर बनाए जाने हैं।
- इसमे कुल 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश की आवश्यकता होगी जिसमे केंद्र अगले 5 वर्षों में 2.2 लाख करोड़ रुपये का योगदान देगा।
सड़क बाज़ार
- चुनिंदा शहरों में अगले 5 वर्षों के लिए हर साल 100 साप्ताहिक 'हाट' या स्ट्रीट फूड हब के विकास का समर्थन करने के लिए नई योजना शुरू की जाएगी ।
छोटे और मॉड्यूलर परमाणु रिएक्टरों का अनुसंधान और विकास
- सरकार, निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी में, भारत छोटे परमाणु रिएक्टर स्थापित करेगी।
- सरकार भारत लघु मॉड्यूलर परमाणु रिएक्टर के अनुसंधान और विकास के लिए निजी क्षेत्र के साथ सहयोग करेगी।
उन्नत अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट
- एनटीपीसी और बीएचईएल एडवांस्ड अल्ट्रा सुपरक्रिटिकल (एयूएससी) तकनीक का उपयोग करके पूर्ण पैमाने पर 800 मेगावाट का वाणिज्यिक संयंत्र स्थापित करने के लिए एक संयुक्त उद्यम स्थापित करेंगे।
केंद्र सरकार द्वारा बुनियादी ढांचा में निवेश
- केंद्र सरकार बुनियादी ढांचा क्षेत्र के लिए पूंजीगत व्यय के रूप में 11,11,111 करोड़ रुपये (जीडीपी का 3.4%) इस वित्तीय वर्ष में खर्च करेगी।
राज्य सरकारों द्वारा बुनियादी ढाँचा में निवेश
- केंद्र सरकार बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में निवेश के लिए राज्य सरकारों को 1.5 लाख करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त ऋण प्रदान करेगी।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई)
- केंद्र सरकार 25,000 ग्रामीण बस्तियों को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए पीएमजीएसवाई के चौथे चरण की शुरुआत करेगी।
सिंचाई एवं बाढ़ शमन
- सरकार बाढ़, भूस्खलन और अन्य संबंधित परियोजनाओं के लिए असम, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और सिक्किम की सहायता करेगी।
- कोसी-मेची अंतर-राज्य लिंक परियोजना और 20 अन्य परियोजनाओं का समर्थन करने के लिए बिहार को 11,500 करोड़ रुपये की सहायता दी जाएगी।
पर्यटन
- बिहार के गया में स्थित विष्णुपद मंदिर कॉरिडोर, बोधगया में महाबोधि मंदिर कॉरिडोर और राजगीर का व्यापक विकास किया जाएगा।
- ओडिशा में मंदिरों, स्मारकों, शिल्प कौशल, वन्यजीव अभयारण्यों, प्राकृतिक परिदृश्य और प्राचीन समुद्र तटों के विकास के लिए केंद्र द्वारा सहायता प्रदान की जाएगी।
अनुसंधान एवं विकास
- बुनियादी अनुसंधान और प्रोटोटाइप विकास के लिए अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान कोष का संचालन किया जाएगा।
- व्यावसायिक स्तर पर निजी क्षेत्र द्वारा संचालित अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का वित्तपोषण पूल स्थापित किया जाएगा।
अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था
- अगले दस वर्षों में अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था को पांच गुना तक विस्तारित करने के लिए 1,000 करोड़ रुपये का वेंचर कैपिटल फंड (वीसीएफ) स्थापित किया जाएगा।
एनपीएस वात्सल्य
- नाबालिगों के लिए एक नई योजना एनपीएस वात्सल्य शुरू की जाएगी। खाता नाबालिग के नाम खोला जाएगा लेकिन उसमें योगदान माता-पिता द्वारा किया जाएगा ।
- जब बच्चा 18 वर्ष का हो जाएगा तो इसे सामान्य एनपीएस (राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली) खाते में परिवर्तित दिया जाएगा ।
आंध्र प्रदेश और बिहार के लिए विशेष प्रावधान
नरेंद्र मोदी सरकार ने आंध्र प्रदेश और बिहार को विशेष दर्जा देने से इनकार कर दिया है, लेकिन केंद्र सरकार ने दोनों राज्यों के लिए कई परियोजनाओं की घोषणा की है।
आंध्र प्रदेश
- आंध्र प्रदेश की नई राजधानी अमरावती के विकास के लिए बहुपक्षीय विकास एजेंसियों के माध्यम से 2024-25 में 15,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की जाएगी।
- गोदावरी नदी पर पोलावरम सिंचाई परियोजना को शीघ्र पूरा करने के लिए पूर्ण वित्तपोषण प्रदान किया जाएगा ।
- विशाखापत्तनम-चेन्नई औद्योगिक गलियारे पर कोप्पर्थी नोड और हैदराबाद-बेंगलुरु औद्योगिक गलियारे पर ओर्वाकल नोड के लिए रेलवे, सड़क आदि जैसे बुनियादी ढांचे के विकास के लिए केंद्र के तरफ से धन की सहायता प्रदान की जाएगी ।
- केंद्र सरकार आंध्र प्रदेश के रायलसीमा, प्रकाशम और उत्तरी तटीय आंध्र क्षेत्र के पिछड़े क्षेत्रों के लिए अनुदान प्रदान करेगी।
बिहार
बजट में बिहार को 58,900 करोड़ रुपये की सहायता की घोषणा की गई है।
कोसी-मेची अंतर-राज्य लिंक और बैराज, नदी प्रदूषण उन्मूलन और सिंचाई परियोजनाओं सहित 20 अन्य चालू और नई योजनाओं के लिए 11,500 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी।
चार सड़क परियोजनाओं के लिए 26,000 करोड़ रुपये दिये जाएंगे :
(1)पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे,
(2)बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे,
(3) बोधगया, राजगीर, वैशाली और दरभंगा स्पर्स और
(4)बक्सर में गंगा नदी पर अतिरिक्त 2-लेन पुल।
21,400 करोड़ रुपये की लागत से पीरपैंती में 2400 मेगावाट की थर्मल पावर प्लांट परियोजना लगाई जाएगी ।
बिहार में नए हवाई अड्डे, मेडिकल कॉलेज और खेल बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाएगा।
2024-25 में केंद्र सरकारकी वित्तीय स्थिति
सरकार द्वारा करों और गैर-कर स्रोतों तथा उधार के माध्यम से प्राप्त धन को प्राप्तियाँ कहा जाता है।
2024-25 में अनुमानित प्राप्तियाँ
- 32.07 लाख करोड़ रुपये, इसमें उधारी शामिल नहीं है। कुल अनुमानित प्राप्तियों में से;
- कर और गैर-कर सहित राजस्व प्राप्तियां - 31.29 लाख करोड़ रुपये
- गैर ऋण पूंजीगत प्राप्तियां - 78,000 करोड़ रुपये
2024-25 में अनुमानित व्यय
2024-25 में कुल अनुमानित व्यय - 48.21 लाख करोड़ रुपये,
राजस्व व्यय -37.09 लाख करोड़ (जीडीपी का 11.4 प्रतिशत),
पूंजीगत व्यय: 11,11,111 करोड़ रुपये (जीडीपी का 3.4 प्रतिशत)। इसमें 1,50,000 करोड़ रुपये रुपये की वित्तीय सहायता भी शामिल हैं जो भारत सरकार राज्य सरकार को पूंजीगत व्यय के देगी ।
इस प्रकार, भारत सरकार का बजट घाटे का बजट है क्योंकि इसकी प्राप्तियाँ इसके व्यय से कम हैं।
भारत सरकार के घाटे
सभी आंकड़े बाजार मूल्यों पर भारत के सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत में हैं।
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अनंतिम अनुमान 2023-24
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2024-25 के लिए बजट अनुमान
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राजकोषीय घाटा
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5.6 %
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4.9 % (या 16.13 लाख करोड़ रु)
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राजस्व घाटा
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2.6 %
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1.8 %
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प्राथमिक घाटा
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2.0 %
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1.4 %
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कर राजस्व (सकल)
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11,7 %
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11.8%
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केंद्र सरकार का कर्ज
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58.2 %
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56.8%
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2024-25 में केंद्र सरकार का अनुमानित उधार
भारत सरकार अपने राजकोषीय घाटे को उधार लेकर पूरा करती है। इसके लिए केंद्र सरकार बाज़ार में दीर्घकालिक सरकारी प्रतिभूतियां,जिन्हें दिनांकित प्रतिभूतियां कहा जाता है, जारी करती हैं, राष्ट्रीय लघु बचत निधि (एनएसएसएफ) के माध्यम से, राज्य भविष्य निधि और विदेशी कर्ज़ से पूरा करती है।
2024-25 के लिए उधार योजना का विवरण
- दिनांकित प्रतिभूतियों के माध्यम से उधार- सकल उधार लक्ष्य 14.01 लाख करोड़ रुपये और शुद्ध उधार 11.63 लाख करोड़ रुपये,
- एनएसएसएफ के माध्यम से- 4.20 लाख करोड़ रुपये
- राज्य भविष्य निधि के माध्यम से - 5000 करोड़ रुपये की शुद्ध उधारी
- विदेशी कर्ज़ - 15,952 करोड़ रुपये।