तेजस मार्क-1ए: उन्नत रडार, आत्मरक्षा क्षमता से लैस
Utkarsh ClassesLast Updated
07-02-2025
Defence
5 min read
भारत में निर्मित फाइटर जेट तेजस के उन्नत संस्करण मार्क 1A के पहले विमान की परीक्षण उड़ान सफल रही है। इस सीरीज के पहले विमान LA5033 ने 28 मार्च 2024 को बेंगलुरु में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) सेंटर में 18 मिनट की उड़ान भरी ।
तेजस का पिछला वर्जन संस्करण मार्क 1A पहले ही वायुसेना में शामिल हो चुका है।
तेजस के एडवांस्ड वर्जन मार्क 1A की विशेषता:
देश में बने फाइटर जेट तेजस के उन्नत संस्करण मार्क 1A ने प्रथम टेस्ट फ्लाइट सफलतापूर्वक पूर्ण किया है। तेजस के एडवांस्ड वर्जन मार्क 1A को पूर्व की तुलना में कई नई तकनीकों से लैस किया गया है, इनमें प्रमुखतः
एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे (एइएसए) रडार।
एडवांस्ड बियॉन्ड-विजुअल रेंज (बीवीआर) मिसाइल।
हमले से खुद को बचाने की क्षमता।
इसमें मिड-एयर रिफ्यूलिंग की क्षमता है। इससे सिंगल इंजन फाइटर जेट की रेंज बढ़ाने में मदद मिलेगी।
इसमें अपग्रेडेड रडार वॉर्निंग रिसीवर सिस्टम लगाया गया है। इससे एयरक्राफ्ट खतरों को जल्द पहचान कर पाएगा।
इसमें डिजिटल मैप जेनरेटर, स्मार्ट मल्टी-फंक्शन डिस्प्ले और एडवांस रेडियो अल्टीमीटर भी दिया गया है।
एचएएल के पायलट ने तेजस के एडवांस्ड वर्जन मार्क 1A को उड़ाया:
बेंगलुरु में एचएएल के फिक्स्ड विंग एयरक्राफ्ट के चीफ टेस्ट पायलट ग्रुप कैप्टन (रिटायर्ड) केके वेणुगोपाल ने नए वर्जन की टेस्ट फ्लाइट ली।
एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) ने एडवांस्ड वर्जन को विकसित किया है। एचएएल इसका निर्माण कर रहा है।
एचएएल 2028 तक 83 एयरक्राफ्ट करेगा तैयार:
एचएएल को 2021 में भारतीय वायुसेना के लिए 83 तेजस मार्क-1ए बनाने के लिए 46,898 करोड़ रुपए का कॉन्ट्रैक्ट मिला था।
एचएएल के पास मार्च 2024 से फरवरी 2028 तक 83 एयरक्राफ्ट की डिलीवरी करने का समय है।
2025 तक प्रति वर्ष 24 फाइटर एयरक्राफ्ट बनाने का लक्ष्य:
इससे पहले एचएएल को 8,802 करोड़ रुपए के कॉन्ट्रैक्ट के तहत 40 तेजस एमके-1 का ऑर्डर दिया गया था। इसमें से 32 सिंगल-सीट एलसीए फाइटर्स और दो डबल सीट ट्रेनर की डिलीवरी हो गई है। अब सिर्फ 6 डबल सीट ट्रेनर की डिलीवरी शेष रह गई है।
पीएम मोदी ने तेजस फाइटर प्लेन में भरे थे उड़ान:
नवंबर, 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तेजस फाइटर प्लेन में उड़ान भरी थी। इसके बाद फाइटर एयरक्राफ्ट प्रोजेक्ट को बढ़ावा मिला। एचएएल ने भी इसके निर्माण की गति तेज कर दी है। एचएएल 2025 तक प्रति वर्ष 24 विमान तैयार करने के लक्ष्य तक पहुंच सकती है।
एलसीए मार्क-1ए एयरक्राफ्ट मिग सीरीज के विमानों को करेगा रिप्लेस:
भारतीय वायुसेना तेजस के एलसीए वैरिएंट से अपनी मौजूदा मिग सीरीज के विमानों को बदलने की तैयारी में है। एलसीए मार्क-1ए विमान मिग-21, मिग-23 और मिग-27 को प्रतिस्थापित करेगा।
एलसीए मार्क-1ए के अधिकतर उपकरण बने हैं भारत में:
एलसीए मार्क-1ए के 65% से ज्यादा उपकरण भारत में बने हैं। एलसीए मार्क-1ए को एयरोस्पेस में भारत की आत्मनिर्भरता और मेक-इन-इंडिया की तरफ बड़ा कदम माना जा रहा है।
एलसीए मार्क-1ए की पाकिस्तान बॉर्डर पर होगी तैनाती:
स्वदेशी तेजस मार्क-1ए को पाकिस्तान बॉर्डर के पास राजस्थान के बीकानेर स्थित नाल एयरबेस पर तैनात करने की योजना है।
एलसीए तेजस के बारे में:
1983 में लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट प्रोजेक्ट के तहत बनना आरंभ हुआ था।
4 जनवरी 2001 को पहली बार तेजस ने आसमान में उड़ान भरी थी ।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी ने 2003 में इस लड़ाकू विमान को ‘तेजस’ नाम दिया था।
2007 में नौसेना के विमान पोतों के लिए तेजस फाइटर जेट बनाने की प्रक्रिया एक बार फिर शुरू हुई।
साइंटिस्ट डॉ. कोटा हरिनारायण और उनकी टीम ने इस स्वदेशी लड़ाकू विमान को बनाया था।
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