मुख्य निर्वाचन आयुक्त, राजीव कुमार की उपस्थित में पूर्व क्रिकेटर सचिन रमेश तेंदुलकर को चुनाव आयोग ने 'राष्ट्रीय आइकन' के रूप में मान्यता दी गई है।
निर्वाचन आयोग हर बार ग्रामीणों और शहरी मतदाताओं के रिझाने और चुनाव में उनके सहयोग के लिए प्रति वर्ष एक आइकन चुनते हैं।
- लोकसभा निर्वाचन को लेकर निर्वाचन आयोग ने अपनी तैयारी आरंभ कर दी है। प्रति वर्ष आयोग का प्रयास रहता है कि अधिक से अधिक नागरिक चुनाव में अपने मताधिकार का उपयोग करे।
- आयोग ने वोटरों को अधिक से अधिक रिझाने और प्रोत्साहित करने के लिए इस बार पूर्व क्रिकेटर और भारत रत्न से सम्मानित खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर को नेशनल आइकन के रूप में चुना है।
- सचिन तेंदुलकर और चुनाव आयोग के मध्य तीन साल के एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के बाद इस बात की आधिकारिक घोषणा कर दी गई।
पर्व में भी बने नेशनल आइकन:
- गत वर्ष आयोग द्वारा अभिनेता पंकज त्रिपाठी को नेशनल आइकन चुना गया था। इनके अलावा, 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान क्रिकेटर एम एस धोनी, आमिर खान और मैरी कॉम जैसे दिग्गज हस्तियों को नेशनल आइकन बनाया गया था।
भारत निर्वाचन आयोग:
- स्थापना: 25 जनवरी, 1950 को संविधान के अनुसार की गई।
- सचिवालय: नई दिल्ली।
- भारत निर्वाचन आयोग, एक स्वायत्त संवैधानिक निकाय है जो भारत में संघ और राज्य चुनाव प्रक्रियाओं का संचालन करता है।
- यह देश में लोकसभा, राज्यसभा, राज्य विधानसभाओं, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव का संचालन करता है।
- भारतीय संविधान का भाग 15 चुनावों से संबंधित है जिसमें चुनावों के संचालन हेतु एक आयोग की स्थापना करने की बात कही गई है।
- संविधान के अनुच्छेद 324 से 329 तक चुनाव आयोग और सदस्यों की शक्तियों, कार्य, कार्यकाल, पात्रता आदि से संबंधित हैं।
निर्वाचन आयोग की संरचना:
- निर्वाचन आयोग में आरंभ में केवल एक चुनाव आयुक्त का प्रावधान था, लेकिन राष्ट्रपति की एक अधिसूचना के ज़रिये 16 अक्तूबर, 1989 को इसे तीन सदस्यीय बना दिया गया।
- इसके बाद कुछ समय हेतु इसे एक सदस्यीय आयोग बना दिया गया और 1 अक्तूबर, 1993 को इसका तीन सदस्यीय आयोग वाला स्वरूप पुनः बहाल कर दिया गया। तब से निर्वाचन आयोग में एक मुख्य चुनाव आयुक्त और दो चुनाव आयुक्त होते हैं।
- मुख्य निर्वाचन अधिकारी भारतीय प्रशासनिक सेवा रैंक का अधिकारी होता है, जिसकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है तथा चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति भी राष्ट्रपति ही करता है।
- इनका कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु (दोनों में से जो भी पहले हो) तक होता है।
- इन्हें भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के समकक्ष दर्जा प्राप्त होता है और समान वेतन एवं भत्ते मिलते हैं।
- मुख्य चुनाव आयुक्त को संसद द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश को हटाने की प्रक्रिया के समान ही पद से हटाया जा सकता है।